Thursday, December 31, 2020

साल 2020 में बिछुड़ी हस्तियां : पूर्व राष्ट्रपति से लेकर मोदी सरकार के मंत्री तक, कई सितारों का भी अस्त

 

साल 2020 में राजनीतिक जगत से लेकर सिनेमा और अन्य क्षेत्र की कई नामचीन हस्तियों का निधन हो गया. कुछ का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया तो कुछ को कोरोना वायरस ने हमसे छीन लिया. एक उभरते सितारे ने खुदकुशी भी कर ली.



प्रणब मुखर्जी:
देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन 84 साल की उम्र में 31 अगस्त, 2020 को हो गया. बाथरूम में गिरने से उन्हें ब्रेन इन्ज्यूरी हो गई थी. इसके बाद उन्हें दिल्ली के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 21 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झूलने के बाद उन्होंने 31 अगस्त 2020 को दम तोड़ दिया. उन्होंने राजनीति में काफी ऊंचा मुकाम बनाया लेकिन देश का प्रधानमंत्री न बन पाने की कसक उन्हें ताउम्र सालती रही. उनका जीवन विवादों से परे रहकर राजनीति में काम करने का एक अनुपम उदाहरण रहा है.

रामविलास पासवान:
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में खाद्य, उपभोक्ता एवं संरक्षण मामलों के मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक नेता रामविलास पासवान का निधन 8 अक्टूबर, 2020 को हो गया. देश के बड़े दलित नेताओं में शुमार पासवान 74 साल के थे. 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले के शाहरबन्‍नी गांव के एक दलित परिवार में जन्‍मे रामविलास पासवान की गिनती बिहार ही नहीं, देश के कद्दावर नेताओं में की जाती थी. जेपी के दौर में वे भारतीय राजनीति में उभरे. उन्होंने 1977 के आम चुनावों में सर्वाधिक मतों (4.25 लाख वोट) से जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने 1989 में अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर 5.05 लाख वोट से जीतने का नया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था.

अहमद पटेल:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोषाध्यक्ष अहमद पटेल का 25 नवंबर, 2020 को निधन हो गया.  करीब चार दशक का राजनीतिक जीवन जीने वाले अहमद पटेल कांग्रेस के शर्मीले नेता के तौर पर जाने जाते थे. साल 2017 में जब गुजरात में राज्य सभा का चुनाव हो रहा था, तब उन्हें हराने के लिए अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की जोड़ी ने उनके खिलाफ जबर्दस्त किलेबंदी की थी, बावजूद इसके उन्होंने जीत दर्ज की थी. इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के वे काफी करीब रहे. सोनिया गांधी के तो वो राजनीतिक सलाहकार थे. मधुर वाणी, मिलनसार और आतिथ्य सत्कार के उस्ताद अहमद पटेल को न चाहते हुए भी राहुल गांधी ने पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाया था.अहमद पटेल कांग्रेस के संकटमोचकों में सबसे प्रमुख थे. वह 1993 से लगातार राज्यसभा के सदस्य थे.

जसवंत सिंह:
भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक नेताओं में शामिल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का 27 सितंबर, 2020 को निधन हो गया. सिंह 82 साल के थे. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हनुमान कहा जाता था. वाजपेयी सरकार में वो वित्त, विदेश और रक्षा मंत्री रहे थे. भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधारने से लेकर 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद पूरी दुनिया से भारत के रिश्तों को मजबूत करने तक के अपने सियासी सफर में जसवंत सिंह ने कई मील के पत्थर साबित किए. हालांकि, भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच शांति स्थापना का उनका सपना अधूरा रह गया. उनका मानना था कि ये तीनों देश एक ही मां की सिजेरियन प्रसव से पैदा हुई संतानें हैं, जिनके बीच आपसी रिश्ते बेहतर होने चाहिए. 2001 में जब संसद पर हमले हुए थे, तब सभी राजनीतिक पार्टियां पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई देने का दबाव बना रही थी, सेना पर सैनिकों की तैनाती भी हो चुकी थी लेकिन जसवंत सिंह ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर ऐसा होने से रुकवा दिया था.

अमर सिंह:
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह का निधन 1 अगस्त, 2020 को  सिंगापुर के एक अस्पताल में हो गया था. उन्हें भारतीय राजनीति का मिडिल मैन से लेकर मिडिएटर तक कहा जाता था. इसी साल मार्च में भी उनके निधन की खबर उड़ी थी जिसका उन्होंने खुद खंडन किया था. मुलायम सिंह यादव और अमिताभ बच्चन के परिवार के काफी करीब रहे अमर सिंह का जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. वो एक ऐसे नेता थे जिनके विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से भी मधुर रिश्ते होते थे. वो दोस्त बनाने और उसे निभाने के उस्ताद थे. उनके दोस्त सियासत की दुनिया से लेकर मनोरंजन, खेल, बिजनेस जगत तक सभी जगह थे. यहां तक की उनकी दोस्ती का असर वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस तक था. तभी तो उन्होंने बिल क्लिंटन को मुलायम सिंह यादव से मिलवाने लखनऊ बुलवा लिया था. उन्होंने एक प्रेस कॉन्प्रेन्स में खुले आम कहा था कि "हां, वो मुलायम सिंह के दलाल हैं."

तरुण गोगोई:
साल 2001 से लेकर 2016 तक तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण गोगोई का 23 नवंबर 2020 को निधन हो गया. वह 86 साल के थे. कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद उन्हें दोबारा कई बीमारियों और जटिलताओं ने घेर लिया था. उन्हें असम का शालीन और कद्दावर नेता माना जाता था. वो बहुत कम बोलते थे. छह बार लोकसभा सांसद चुने जाने वाले तरुण गोगोई राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के करीबी रहे. इंदिरा गांधी के वक्त उन्हें कांग्रेस का संयुक्त सचिव बनाया गया था. बाद में राजीव गांधी ने उन्हें महासचिव नियुक्त किया था. नरसिम्हा राव सरकार में वो खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनाए गए थे. बाद में 2001 में हितेश्वर सैकिया की जगह उन्हें असम का सीएम बनाया गया था.

सुशांत सिंह राजपूत:
बॉलीवुड के युवा और उभरते अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून, 2020 को आत्महत्या कर ली थी. बांद्रा स्थित एक अपार्टमेंट में उनके घर में उनकी लाश छत से लटकती हुई मिली थी. बिहार के रहने वाले युवा अभिनेता के 34 साल में ही दुनिया को अलविदा कहने से बॉलीवुड के साथ-साथ उनके फैन्स को गहरा सदमा लगा है. उनके परिजनों से लेकर फैन्स ने उनकी आत्महत्या पर संदेह जताया और उसकी सीबीआई जांच की मांग की. बिहार में इस पर काफी हंगामा हुआ. बिहार पुलिस इसकी जांच के लिए मुंबई तक गई. इसके बाद परिजनों की मांग पर नीतीश सरकार ने सीबीआई जांच की इजाजत दे दी. बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने भी जांच का जिम्मा मुंबई पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दिया. सीबीआई ने एम्स में विसरा रिपोर्ट की जांच कराई, जिसमें दम घुटने से मौत की बात कही गई है. एक्टर ने टीवी सीरियल 'किस देश में है मेरा दिल' से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. इसके बाद उन्होंने 'काय पो चे' के जरिए बॉलीवुड में कदम रखा था.

ऋषि कपूर:
इस साल बिछुड़ने वाले सितारों में बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर भी शामिल हैं. बोन मैरो कैंसरी की असाध्य और लंबी बीमारी के बाद 30 अप्रैल, 2020 को 67 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. वह एक अभिनेता के साथ-साथ फिल्म निर्माता और निर्देशक भी थे. 'मेरा नाम जोकर' फिल्म में वह बाल कलाकार के तौर पर भी काम कर चुके थे. उन्हें 'बॉबी' फिल्म के लिए साल 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड  दिया गया था. 2008 में इस हरफनमौले सितारे को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. उनके करीबी लोग और बॉलीवुड की हस्तियां ऋषि कपूर को प्यार से चिंटू जी कहकर पुकारते थे. वो युवा अवस्था में बॉलीवुड के चॉकलेटी हीरो के रूप में भी मशहूर रहे. वह कपूर खानदान के चिराग थे.

इरफान खान:
साल 2011 में पद्म श्री से सम्मानित और साल 2012 में 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता इरफान खान ने भी साल 2020 में दुनिया को अलविदा कह दिया. 54 साल की उम्र में 29 अप्रैल, 2020 को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया. इरफान खान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित थे. इसका इलाज कराने के लिए वो लंदन भी गए थे. साल भर इलाज कराने के बाद वो भारत लौटे थे. 2018 में उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चला था. राजस्थान के टोंक जिले में मुस्लिम परिवार में पैदा हुए इरफान खान ने अपनी प्रतिभा के बल पर दुनिया में नाम रोशन किया. करीब 30 साल के करियर में उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों में काम किया था.

Report@NDTV

CBSE Board Exam Date 2021: परीक्षाएं चार मई से होंगी शुरू

 कोरोना के कारण बंद चल रहे स्‍कूलों के कारण बोर्ड परीक्षा की तारीख को लेकर चल रही उहापोह की स्‍थिति गुरुवार को खत्‍म हो गई। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि बोर्ड की परीक्षाएं चार मई से शुरू होगी। एक मार्च से प्रैक्‍टिकल एक्‍गजाम होंगे। एक मार्च से प्रैक्‍टिकल एक्‍गजाम होंगे। मंत्री निशंक ने बताया कि 10 वीं और 12वीं की परीक्षा चार मई से शुरू होकर 10 जून तक चलेंगी। 15 जुलाई तक बोर्ड परीक्षा के नतीजे आएंगे। 12वीं के प्रैक्‍टिकल परीक्षा मार्च से शुरू होगी। परीक्षाएं सामान्‍य तरीके से ही होंगी। ऑनलाइन परीक्षा नहीं होगी।

बता दें कि लंबे समय से बोर्ड परीक्षा की तारीख को लेकर चल रही संशय की स्‍थिति आज खत्‍म हो गई है। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में लाखों बच्‍चे एक्‍जाम देते हैं। इस बार कोरोना के कारण मार्च के बाद से ही केंद्र की पीएम मोदी सरकार ने देश में लॉकडाउन लगा दिया था। इसके बाद से ही स्‍कूल कॉलेजों में पढ़ाई बंद हो गई है। सभी बच्‍चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। इस कारण बच्‍चों के सिलेबस समय पर खत्‍म नहीं हुए हैं। हालांकि यह बता दें कि स्‍कूल की ओर से यह पूरी कोशिश की जा रही है कि सिलेबस को समय पर पूरा किया जाए। वहीं सिलेबस के कुछ पार्ट को कम कर बच्‍चे पर से लोड कम किया गया है। गुरुवार को शिक्षा मंत्री ने लाइव का आकर बोर्ड की परीक्षा की तारीख घोषित कर दी है इससे अब बच्‍चों के मन में चल रहा संशय खत्‍म हो जाएगा। बच्‍चों के साथ उनके माता-पिता भी परीक्षा की तारीख को लेकर काफी तनाव में थे। इस पर आज विराम लगा है। अब बच्‍चे सीमित समय में अपने सिलेबस को खत्‍म कर बोर्ड की परीक्षाएं देने में जुटेंगे।


Tuesday, December 29, 2020

प्रयागराज पुलिस ने रोका तो सड़क पर धरना देकर बैठे दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती

आम आदमी पार्टी के विधायक व दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती मंगलवार को दिन में शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के बक्शी मोढ़ा में सरकारी विद्यालय और अस्पताल देखने निकले। करामत की चौकी के आगे बड़ी संख्या में तैनात पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया। इसे लेकर आप कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री वहीं सड़क पर कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। बाद में अधिकारियों ने उनको समझा-बुझाकर वापस भेजा।

सोमनाथ भारती मंगलवार को दिन में पार्टी जिलाध्यक्ष अल्ताफ अहमद समेत 10 कार्यकर्ताओं के साथ बक्शी मोढ़ा के लिए रवाना हुए। वहां उन्हें सरकारी विद्यालय और अस्पताल में व्यवस्था को देखना था। पूर्व मंत्री का काफिला करामत की चौकी के आगे अंधीपुर गांव की पुलिया के पास पहुंचा था कि पुलिसकर्मियों ने उनका रास्ता रोक लिया। कहा गया कि वहां जाने की अनुमति नहीं है। नोकझोंक के बाद पूर्व मंत्री वहीं सड़क पर कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि सरकार द्वारा बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सुरक्षा को लेकर कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है। जबकि दिल्ली सरकार ने यह सब काम किए हैं।

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती द्वारा इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्रसंघ बहाली का समर्थन करने के बाद छात्र राजनीति फिर गरम हो गई। मंगलवार को अनशन को समर्थन देने पहुंचे सोमनाथ भारती ने कहा कि छात्रसंघ संवैधानिक और जनतांत्रिक अधिकार है। ऐसे में विश्वविद्यालय को इसे तत्काल बहाल कर देना चाहिए। छात्र युवा संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव विराट तिवारी ने भी अनशन को समर्थन दिया। पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अदील हमजा के खिलाफ कूटरचित वीडियो जारी करने वाले रणविजय सिंह राजन के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। इस दौरान राहुल पटेल, मो. मुबाशिर हारुन, नवनीत यादव, मो. जाबिर रजा इलाहाबादी, शाश्वत श्रीवास्तव, अंकित परिहार, अलताफ अहमद, अॢपत त्रिपाठी, आनंद सांसद, मसूद अंसारी, प्रकाश सिंह, शिव शंकर सरोज, मो. अनस, रितेश गुप्ता, विजय सिंह, मो. सलमान आदि लोग उपस्थित रहे।

हौजरानी प्रेस एन्क्लेव में बन सकता है फ्लाईओवर: 50 हजार से ज्यादा लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा

दिल्ली वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। साकेत मैक्स अस्पताल के बाहर पंडित त्रिलोक चंद शर्मा मार्ग पर लगने वाले जाम से जल्द मुक्ति मिलेगी। प...