Thursday, February 18, 2021

मसूड़े हिले तो बचपन में ही गिर जाएंगे दांत, जानिए बच्‍चों में Gums को स्‍ट्रॉन्‍ग करने के घरेलू उपाय

बच्‍चों के दांत बहुत कमजोर होते हैं और बच्‍चे कैंडी, चॉकलेट और मीठी चीजें बहुत खाते हैं जिससे उनके दांतों में कीड़ा लगने का खतरा ज्‍यादा होता है और मसूड़े भी कमजोर हो जाते हैं बच्‍चों की सेहत में ओरल हाइजीन अहम भूमिका निभाता है और यही वजह है कि बच्‍चों को रोज दिन में दो बार ब्रश करने और चॉकलेट-मिठाई कम खाने की सलाह दी जाती है चूंकि, बच्‍चे छोटे होते हैं और अपनी तकलीफ को खुलकर या स्‍पष्‍ट रूप से बता नहीं सकते हैं इसलिए पेरेंट्स को ही उनकी तकलीफ को समझकर उसका इलाज करना चाहिए।

मसूड़ों में जिंजिवाइटिस, प‍ेरिओडोंटाइटिस और पेरिडोंटल डिजीज की समस्‍या हो सकता है। जिंजिवाइटिस और प‍ेरिओडोंटाइटिस को दांतों की सही देखभाल से ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर यह बढ़ जाए तो परेशानी हो सकती है। मसूड़ों की बीमारियों का इलाज ना किया जाए तो ब्‍लीडिंग शुरू हो सकती है और ऊतकों एवं हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। इससे बच्‍चों के दांत समय से पहले ही टूट सकते हैं।
कुछ घरेलू उपायों से समय रहते ही मसूड़ों में इंफेक्‍शन को खत्‍म किया जा सकता है। यहां जानिए गम इंफेक्‍शन को ठीक करने के घरेलू नुस्‍खों के बारे में। मसूड़ों में सूजन का इलाज विटामिन सी से किया जा सकता है। अगर आपके बच्‍चे के मसूड़ों में संक्रमण हो गया है तो उसे विटामिन सी से युक्‍त चीजें खिलाएं। बच्‍चे को नींबू, संतरे और चकोतरा का जूस पिलाएं। इससे मसूड़ों की सूजन से राहत मिलती है।
इंफेक्‍शन वाली जगह पर एलोवेरा जेल लगाने से भी मसूड़ों की सूजन और संक्रमण कम होता है। मसूड़ों पर एलोवेरा जेल लगाकर, उसे एक घंटे तक सूखने दें। इसके सूखने पर बच्‍चे को कुल्‍ला करने के लिए कहें। एलोवेरा का स्‍वाद थोड़ा कड़वा होता है लेकिन यह मसूड़ों के इंफेक्‍शन के इलाज में असरकारी है। एलोवेरा में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो बैक्‍टीरिया पैदा करने वाले प्‍लाक को जमने से रोकता है और मसूड़ों को राहत प्रदान करता है।
बेकिंग सोडा का न्‍यूट्रिलाइजिंग प्रभाव होता है। इसे दो बूंद गुनगुने पानी में मिक्‍स कर के मसूड़ों पर लगाएं। इस घरेलू नुस्‍खे से मसूड़ों की बीमारियां प्रभावशाली रूप से कम होती हैं। मसूड़ों या दांत से जुड़ी कोई बीमारी या इंफेक्‍शन होने पर मीठी चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है लेकिन इस लिस्‍ट में शहद नहीं आता है। बच्‍चों के मसूड़ों पर सीधा शहद लगा सकती हैं। शहद में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं जो मसूड़ों को राहत प्रदान करते हैं। बच्‍चों के मसूड़ों की शहद से मालिश करने से फायदा होगा।
भारत में हर घर में हल्‍दी मौजूद होती है। खाने का स्‍वाद बढ़ाने वाली हल्‍दी घाव, कट, गले की खराश के साथ मसूड़ों में इंफेक्‍शन का भी इलाज करती है। इसके लिए आपको दो चुटकी हल्‍दी में कुछ बूंद पानी मिलाकर पेस्‍ट बनाना है। अब इस पेस्‍ट को मसूड़ों पर लगाएं। हल्‍दी के एंटी-इंफ्लामेट्री गुण प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में काम करते हैं। दिन में दो से तीन बार इस नुस्‍खे का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।


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