बहरहाल, भारती को जमानत दे दी गई, ताकि वह मामले में दोषी ठहराये जाने और जेल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर कर सकें. अभियोजन पक्ष के अनुसार, 9 सितंबर, 2016 को, भारती ने लगभग 300 अन्य लोगों के साथ, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक जेसीबी से एक चारदीवारी के घेरे को गिरा दिया था.
की एक अदालत ने शनिवार को विधायक और दिल्ली के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को दो साल की जेल की सजा सुनाई है. उन पर एम्स (AIIMS) के सुरक्षा कर्मचारियों के साथ साल 2016 में मारपीट करने का आरोप था. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने आप नेता को दोषी मानते हुए ये सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
बहरहाल, भारती को जमानत दे दी गई, ताकि वह मामले में दोषी ठहराये जाने और जेल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर कर सकें. अभियोजन पक्ष के अनुसार, 9 सितंबर, 2016 को, भारती ने लगभग 300 अन्य लोगों के साथ, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक जेसीबी से एक चारदीवारी के घेरे को गिरा दिया था. मजिस्ट्रेट ने कहा, "अदालत का मानना है कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी सोमनाथ भारती के खिलाफ अपना मामला साबित कर दिया है." अदालत ने भारती को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया, जिनमें धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना) और 147 (दंगा करना) शामिल हैं. इन अपराधों में अधिकतम पांच साल जेल की सजा होती है. अदालत ने भारती के सहयोगियों और सह-अभियुक्तों - जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडे को बरी कर दिया. यह मामला एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आर एस रावत की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. भारती ने अदालत से कहा था कि मामले में उन्हें झूठा फंसाने के लिए पुलिस अधिकारियों और अन्य गवाहों ने उनके खिलाफ गवाही दी थी.
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