Saturday, July 31, 2021

2 विधानसभाओं के बीच फंस गया रोड, कौन कराए काम, हमेशा बहता है सीवर

DELHI: मालवीय नगर व ग्रेटर कैलाश विधानसभा का संयुक्त रोड हौजरानी खिड़की एक्सटेंशन चर्च के पास सीवर ओवर फ्लो होकर बह रहा है, कोई देखने वाला नही है दोनों विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक हैं, सोमनाथ भारती व सौरभ भारद्वाज, सीवर का काम दिल्ली जल बोर्ड का है और DJB दिल्ली सरकार के पास है समस्या कहाँ है कुछ पता नहीं ? क्यों काम नही होता, कांग्रेस का वजूद नज़र नही आ रहा, मुस्लिम BJP को वोट देगा नही, आम आदमी पार्टी एक मात्र विकल्प, यही सोच कर आम आदमी पार्टी मुस्लिम कॉलोनी में काम नही करा रही, @वलीसैफी

Friday, July 30, 2021

मालवीय नगर में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, विदेशी नागरिकों के साथ करते थे धोखाधड़ी

साउथ दिल्ली के मालवीय नगर थाने की पुलिस टीम ने पंचशील विहार में चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी की है. जहां से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस फर्जी कॉल सेंटर से दो पेनड्राइव दो नोटबुक के साथ 13 कंप्यूटर सिस्टम भी बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मयंक चंदन गुप्ता, शुभम कुमार, प्रीतम पाल सिंह और एक महिला आरोपी की पहचान की दास के रूप में की गई है. सभी आरोपी दिल्ली के अलग-अलग इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं. इसमें से मुख्य आरोपी प्रीतम पाल है, जो कॉल सेंटर का संचालक था. वहीं महिला आरोपी कॉल सेंटर की एचआर बताई जा रही है. डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि मालवीय नगर थाने के हेड कॉन्स्टेबल अमित कुमार, हरकेश और राजेश खिड़की एक्सटेंशन मालवीय नगर क्षेत्र में रात की गश्त पर थे. इसी दौरान एक मुखबिर ने उन्हें बताया कि पंचशील विहार मालवीय नगर में संगठित तरीके से एक कॉल सेंटर के माध्यम से बड़े पैमाने पर साहेब धोखाधड़ी की जा रही है. जिसमें विदेशी के नागरिकों को मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिकों को तकनीकी सहायता के निशाना बनाया जा रहा है.

यह सूचना वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा की गई. जिसके बाद मालवीय नगर थाने के SHO ने एक टीम बनाकर तुरंत छापेमारी का आदेश दिया. आदेश मिलने के बाद टीम पंचशील विहार B 99 की तीसरी मंजिल पर पहुंची. जहां संगठित तरीके से कॉल सेंटर चल रहा था और कर्मचारी सिर पर हेडफोन लगाकर कॉल करने में व्यस्त थे. पुलिस ने छापेमारी करते हुए 13 कंप्यूटर सिस्टम, 2 पेनड्राइव, 2 नोट पैड बरामद किए और तीन कॉलर को हिरासत में लिया गया. जिसके बाद दो अन्य अलग-अलग केबिन में काम कर रहे एक महिला कर्मचारी और कॉल सेंटर के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें पुलिस स्टेशन लेकर आ गई. फिलहाल पुलिस मामले में और भी जानकारी जुटाने में लगी हुई है.

Monday, July 19, 2021

हौजरानी जहाँपनाह : सीवर ओर बारिश के पानी गली में हुआ जमा, घरों से निकलना हुआ मुश्किल

DELHI: मालवीय नगर विधानसभा के हौजरानी जहाँपनाह के चर्च के सामने वाली गली की तस्वीर, सीवर ओर बारिश के पानी गली में हुआ जमा, घरों से निकलना हुआ मुश्किल, सीवर की हज़ारो बार करि विधायक से शिकायत, मगर नही हुआ समाधान, पूरी गली में फैला है बदबूदार पानी, प्रशासन इस ओर ध्यान दे,

Sunday, July 18, 2021

दानिश सिद्दीकी को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया

अफगानिस्तान में मारे गए फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के शव को रविवार को दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिये लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा। दानिश के शव को शाम को दिल्ली हवाई अड्डे पर और बाद में उसे जामिया नगर स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां उनके परिवार और दोस्तों सहित भारी संख्या में लोग जमा हो गए। कोविड-19 नियमों का पालन कराने के लिये इलाके में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।

सिद्दीकी के शव को कब्रिस्तान लाया गया, जहां करीब सवा दस बजे उसे दफन कर दिया गया। सिद्दीकी को श्रद्धांजलि देने के लिये कब्रिस्तान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। उनके करीबी दोस्तों ने उनके साथ हुई आखिरी बातचीत और काम से लौटने के बाद उनसे मिलने के वादे को याद किया। कुछ लोगों ने उन्हें अपने बचपन के दोस्त के रूप में याद किया तो कुछ ने अपने गुरु के रूप में। लेकिन उनकी यादों में जो बात आम थी वह यह थी कि वह एक साधारण व्यक्ति थे, जो फोटोग्राफी के शौकीन थे।

सिद्दीकी के एक दोस्त बिलाल जैदी (37) ने कहा, ''मैं उनसे कोविड से पहले मिला था क्योंकि वह हमेशा अपने काम पर रहते थे। पिछले महीने जब वह यहां थे तो उनसे आखिरी बार मिला था।'' सिद्दीकी के बचपन के दोस्त शाहदाब आलम (37) ने कहा कि सिद्दीकी का निधन न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक क्षति है। उन्होंने कहा, "उन्हें फोटोग्राफी का शौक था और क्रिकेट खेलना पसंद था। मैं उनसे पिछले महीने कुछ मिनटों के लिए मिला था। जब वह असाइनमेंट के लिए जा रहे थे, तो उनसे बात की थी।"

स्वतंत्र फोटो पत्रकार मोहम्मद मेहरबान ने अपने गुरु सिद्दीकी को आखिरी बार मैसेज कर पूछा था कि क्या वह ईद-उल-जुहा पर घर आएंगे, और उन्होंने जवाब दिया था, ''इंशाअल्लाह, मैं आऊंगा और तुम्हारे साथ खाऊंगा।'' इससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के परिवार ने उनके शव को विश्वविद्यालय के कब्रिस्तान में दफनाने के जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। यह कब्रिस्तान विशेष तौर पर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, उनके जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के लिए बनाया गया है।’’

सिद्दीकी ने इस विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि प्राप्त की थी और उनके पिता अख्तर सिद्दीकी विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के डीन थे। सिद्दीकी ने वर्ष 2005-2007 में एजेके मास कम्युनिकेशन सेंटर (एमसीआरसी) से पढ़ाई की थी। जामिया शिक्षक संघ ने सिद्दीकी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। सिद्दीकी को वर्ष 2018 में समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करने के दौरान पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और गत शुक्रवार को पाकिस्तान की सीमा से लगते अफगानिस्तान के कस्बे स्पीन बोल्दक में उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के समय वह अफगान विशेष बल के साथ थे।

Saturday, July 17, 2021

भारतीय पत्रकारिता को एक साहसिक मुक़ाम पर ले जाने वाले दानिश सिद्दीक़ी आपको सलाम।

तालिबान के हाथों दानिश सिद्दीक़ी की हत्या के बाद आई टी सेल भयंकर तरीक़े से सक्रिय है। उसे लगता है कि लोग मूर्ख हैं और जो भी वो फैलाएगा वही समझेंगे। इस तरह का भ्रम आई टी सेल पाल सकता है। कई मैसेज में देखा कि श्मशान से तस्वीरें लेकर दानिश ने दुनिया भर में भारत की छवि को नुक़सान पहुँचाया। श्मशान से पत्रकारिता नहीं करनी चाहिए।

पहली बात कि श्मशान से रिपोर्टिंग अकेले दानिश ने नहीं की। कई चैनलों के पत्रकारों ने की। अब ये अलग बात है कि तमाम तस्वीरों में दानिश की तस्वीर ने झूठ के पर्दे को उधेड़ दिया तो इसमें दानिश की ग़लती नहीं थी बल्कि उसकी योग्यता थी कि सारी तस्वीरों में आई टी सेल की सेना को दानिश की तस्वीर याद रही। तो एक तरह से आई टी सेल वाले दानिश के काम की तारीफ़ कर रहे हैं। लोहा मान रहे हैं।
श्मशान से शानदार रिपोर्टिंग गुजराती भाषा के अख़बारों ने की। सरकार अपनी ही जनता के मरने पर उसकी गिनती छिपा रही थी। आप भी मानेंगे कि यह सही काम नहीं था। गुजरात समाचार, संदेश, सौराष्ट्र समाचार और दिव्य भास्कर ने श्मशान से आँकड़ों निकाल कर सरकारी झूठ की धज्जियाँ उड़ा दी। दानिश ने दिल्ली से वही काम किया और दूसरे चैनलों के पत्रकारों ने भी रिपोर्टिंग की।
एक बात कही जा रही है कि बाहर के मुल्कों में श्मशान की रिपोर्टिंग नहीं हुई। यह ग़लत है। पहली लहर के दौर में ट्रंप के न्यूयार्क की हालत ख़राब थी। इतने लोग मरे कि क़ब्रिस्तान कम पड़ गए। क़ब्रिस्तान में जगह की कमी और अंतिम संस्कार के लिए इंतज़ार कर रहे परिजनों को लेकर खूब रिपोर्टिंग हुई है। कुछ क्लिप लगा रहा हूँ । न्यूयार्क में भी शवों की संख्या कम बताने को लेकर सवाल उठे। न्यूयार्क के प्रशासन ने इस गलती के लिए माफ़ी माँगी और संख्या में सुधार किया।
आप सभी सोशल मीडिया पर मदद माँग रहे थे। क्योंकि आपके अपने तड़प कर मर रहे थे। तो क्या आप भारत को बदनाम कर रहे थे? संघ और बीजेपी के नेता अपनों के तड़प कर मर जाने , बिना इलाज के मर जाने की बात लिख रहे थे क्या वो भारत को बदनाम कर रहे थे ? जो पत्रकार सरकार की झूठ और उसकी बदइंतज़ामी को रिपोर्ट कर रहा था क्या वो भारत को बदनाम कर रहा था ? इतनी चिन्ता थी तो सरकार ने लोगों की जान क्यों नहीं बचाई ? आप व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के फार्वर्ड के चक्कर में ज़रूर रहें क्योंकि बौद्धिक और आर्थिक सत्यानाश क़रीब है। Report@RavishKumar

हौजरानी प्रेस एन्क्लेव में बन सकता है फ्लाईओवर: 50 हजार से ज्यादा लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा

दिल्ली वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। साकेत मैक्स अस्पताल के बाहर पंडित त्रिलोक चंद शर्मा मार्ग पर लगने वाले जाम से जल्द मुक्ति मिलेगी। प...