Saturday, December 21, 2019

1987 से पहले जन्‍मे लोगों को माना जाएगा भारतीय नागरिक- CAA और NRC पर सरकार की सफाई

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि जन्मतिथि और जन्मस्थान से संबंधित दस्तावेजों से भी भारत की नागरिकता साबित हो सकती है. देश में नागरिकता कानून (Citizenship Act) और एनआरसी (NRC) के विरोध में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों की बीच सरकार ने CAA और NRC पर अपनी सफाई दी है. गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, “भारत में जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ या जिनके माता-पिता 1987 से पहले जन्मे हैं, वे कानूनन भारतीय नागरिक हैं. नागरिकता कानून 2019 के कारण या देशभर में एनआरसी लागू होने पर उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है.” माता-पिता में से किसी एक भारतीय होना अनिवार्य : अधिकारियों ने बताया कि नागरिकता कानून (Citizenship Act) में 2004 में किए गए संशोधनों के मुताबिक, असम को छोड़कर शेष देश में अगर किसी के माता-पिता में कोई भी एक भारत का नागरिक है और अवैध अप्रवासी नहीं है तो ऐसे बच्चों को भारतीय नागरिक माना जाएगा.


जन्म तिथि या जन्म स्थान से साबित कर सकते हैं नागरिकता : गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि जन्मतिथि और जन्मस्थान से संबंधित दस्तावेजों से भी भारत की नागरिकता साबित हो सकती है. उन्होंने कहा, “भारत की नागरिकता जन्मतिथि या जन्मस्थान या दोनों से संबंधित कोई भी दस्तावेज देकर साबित की जा सकती है. आने वाले समय में गृह मंत्रालय नागरिकता साबित करने की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए काम कर रहा है.” NRC- 1 और NRC -2 में कौन होगा शामिल? गृह मंत्रालय ने साफ किया कि अगर आप 26 जनवरी 1950 के बाद और 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में पैदा हुए हैं तो आप NRC-1 में होंगे. वहीं, अगर आप 1 जुलाई 1987 से 3 दिसंबर 2004 के पहले तक भारत में पैदा हुए हैं तो आप NRC-2 में आएंगे. अगर 3 दिसंबर 2004 को या इसके बाद आप भारत में पैदा हुए हैं और आपके जन्‍म के समय आपके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं तो आप भारतीय नागरिक माने जाएंगे.


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