Tuesday, October 18, 2022

मालवीय नगर में लगा कूड़े का ढेर । दिवाली से पहले उपहार स्वरूप, जनता को मिलेगा कूड़े का पहाड़

 भ्रष्टाचार में लिप्त MCD के  सैनिटेशन विभाग ने मालवीय नगर को कूड़े के ढेर में तब्दील कर दिया है।

यहां मालवीय नगर,  तुत सराय के पास स्थित मोहल्ला क्लीनिक के बाहर   कई महीनों से MCD  विभाग द्वारा आस-पास का  एकत्रित  कूड़ा डाल कर शुरुआती दिनों में एक अस्थाई कूड़ा एकत्रित करने का  स्थान बना कर अब इस को एक स्थायी ढलाव का रूप दे दिया गया  है, जिससे यहां के निवासी  काफी परेशान और स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं एवं विभाग के प्रति उनके दिलों में आक्रोश है। 

हालात और भी ज्यादा इसलिए बदतर हो गए हैं कि लोगों ने अपने घरों का टूटा फूटा फर्नीचर और बाथरूम और टॉयलेट का टूटा हुआ सामान भी यहां पर फेकना शुरू कर दिया है। जबकि यहां कुछ दूरी पर ही विभाग द्वारा कचरे से खाद बनाने का प्लांट भी लगा हुआ है इसके बावजूद भी इस स्थान को ढलाव बना  दिया गया है ।





Friday, September 23, 2022

(बीवी) मेरे आने मेरे जाने पे नज़र रखती है, (मेहरबान अमरोहवी)

 


मेरे आने मेरे जाने पे नज़र रखती है

मेरी बीवी मेरे हर पल की खबर रखती है।

एक आवाज़ पे सोते से मै उठ जाता हूँ

अपनी आवाज़ में वो इतना असर रखती है।

ये अलग बात है कुछ काम नही आता उसे

हाँ मगर बाते बनाने का हुनर रखती है।

ऐसा लगता है के मारेगी तमाचा शायद

गाल पर हाथ भी वो मेरे अगर रखती है।

सारे घर को ही अखाड़ा सा बना डाला है

दिल दहलता है मेरा पाँऊ जिधर रखती है।

मैके जाने की मुझे धौंस में ले रक्खा है

अपना तय्यार वो सामाने सफ़र रखती है।

औरते सारी यूँ ही रहती है डर कर उस से

वो तो मर्दों से भी लड़ने का जिगर रखती है।

कोरमा सोच के मै खौफ से खा लेता हूँ

जब मेरे सामने वो आलू मटर रखती है।

मेहरबाँ मेरी समझ में नही आया अब तक

माल वो जाने छुपा कर के किधर रखती है।


(मेहरबान अमरोहवी)

Friday, September 9, 2022

हौज़रानी बॉयज स्कूल में गेस्ट टीचरों के सहारे पढ़ाई कबतक ?

केजरीवाल सरकार का मुख्य फोकस एजुकेशन पर रहता है उनका दावा है की वल्ड क्लास एजुकेशन हमने दिल्ली के स्कूलों को दी है वर्ल्ड क्लास एजुकेशन क्या होती है उसका नमूना देखना होतो साउथ दिल्ली के मालवीय नगर विधानसभा के हौज़रानी के सर्वोदय बॉयज स्कूल में देखो, जहाँ पिछले कई महीनों से न तो लाइब्रेरी का पीरड लगा है और न ही कंप्यूटर की कोई क्लास, स्कूल में खेल का मैदान है मगर स्पोर्ट का भी कोई पीरड नहीं, टाइम टेबल किस तरह सेट हुआ है कुछ पता नहीं, स्कूल के अंदर परमानेंट टीचरों की भयंकर समस्या है पुरे स्कूल में सिर्फ गेस्ट टीचर हैँ जो वाइस प्रिंसिपल के आगे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं, 10प्रतिशत भी परमानेंट टीचर नहीं, स्कूल में क्या पढ़ाया जाये इसकी ज़िम्मेदारी प्रिंसिपल की होती है मगर स्कूल में प्रिंसिपल की पोस्ट ही खाली है,

स्कूल के वाइस प्रिंसिपल रमेश बाबू के आगे गेस्ट टीचर हो या परमानेंट टीचर सभी चुप्पी साधे रहते है, बच्चों के माँ बाप कहते है ज़ब से न्यू वाइस प्रिंसिपल आये हैँ स्कूल बर्बाद हो गया, कोरोना टाइम में बच्चे पढ़े नहीं और अब ये स्कूल गंदी राजनीती का अड्डा बनता जा रहा है, पुराने वाइस प्रिंसिपल शक्ति राज जब थे तब परमानेंट टीचर भी ज़्यादा थे पढ़ाई भी अच्छी हुआ करती थी,

पिछले कई दिनों से स्कूल में बच्चे पीने के पानी को तरस रहे है दो दिन से हंगामा करते स्टूडेंट, पढ़ाई छोड़ पानी लेने घर घर जा रहे है बच्चे, क्या यही वर्ल्ड क्लास एजुकेशन सिस्टम है, जहाँ बेसिक ज़रूरत पानी की भी केजरीवाल सरकार पूरी न कर सके, दो दिन में जब छात्रों को पानी नहीं मिला तो बच्चों के दवाब में आकर वाइस प्रिंसिपल रमेश बाबू ने समय से पहले ही बच्चों की छुट्टी कर दी, पढ़ाई का कितना नुकसान हो रहा है इसकी चिंता न तो स्कूल प्रशासन को है और न केजरीवाल सरकार को, दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जी इक बार स्कूल में आकर स्कूल देखो क्या यही है वर्ल्ड क्लास एजुकेशन सिस्टम? जहाँ न पढ़ाई न मूलभूत सुविधा?

Sunday, May 29, 2022

काश मुझे एक जन्म और मिल जाता

एक जवान इस वतन के लिए अपनी जान कुर्बान कर शहीद हो जाता है उसका जिस्म या तो अग्नि में विलीन हो जाता है या वतन की मिट्टी को चादर की तरह ओढ़ कर सो जाता है मगर उसकी आत्मा से उसकी रूह से फिर भी यही लफ्ज़ निकलते है की...

काश मुझे एक  जन्म और मिल जाता ।

जो बाकी था वो फर्ज भी पूरा कर जाता ।

इस बार तो में लड़ते लड़ते शहीद हो गया ।

अगले जन्म दुश्मन की छाती पर चढ़ जाता ।


काश मुझे एक जन्म और मिल जाता ।

वो जन्म भी इस वतन के नाम लिख जाता ।

जिस तिरंगे में लिपटा हुआ है आज जिस्म ।

वही तिरंगा दुश्मन के सरहद पर फहरा जाता ।


काश मुझे एक जन्म और मिल जाता ।

उस में भी भारत मां का बेटा बन रह जाता ।

तेरे दामन पर जिस ने खून के छींटे डाले है ।

कसम उस दमन की खून से उस को नहला जाता ।


काश मुझे एक जन्म और मिल जाता ।

तो तेरे हर आंख के आंसू का बदला ले जाता ।

जिस जमीं में पांव रख नापाक किया जालिम ने ।

उसी जमी की मिट्टी में दुश्मन को दफन कर जाता ।


काश मुझे एक जन्म और मिल जाता ।

जो कर्ज था सर पर वो कर्ज चुका जाता ।

बारूद से जिस ने वार किया है तेरे सीने पर ।

उसकी हर नस्ल के जिस्म में बारूद मैं भर जाता ।


काश मुझे एक जन्म और मिल जाता ।

फिर तेरी रक्षा को तेरी सरहद पर मैं जाता ।

दुश्मन के घर में घुस कर उसको सबक सिखाता ।

बन कर शहीद फिर मैं तेरी गोद में हमेशा के लिए सो जाता ।


अब्बास खान

चूरू राजस्थान

Monday, April 11, 2022

लोगों को मालूम हो जाए कि रमज़ान क्या चीज़ है तो पूरे साल रमज़ान की तमन्ना करें

मेहरबान अमरोहवी: कुरआन और अहादीस में रमज़ान की बहुत सी फ़जीलते बयान की गई हैं। जहाँ तक की अगर लोगों को रमज़ान की हक़ीक़त मालूम हो जाए तो तमन्ना करें कि पूरे साल रमज़ान ही रहें। रमज़ान बरकत रहमत और अल्लाह की बे शुमार नेअमतों को पाने का ज़रिया है। रमज़ान के रोज़े हर आकिल बालिग मर्द और औरत पर फ़र्ज़ किए गए है, रोज़ा जहाँ एक तरफ़ तक़वा और परहेज़गारी सिखाता है वही सेकड़ों जिस्मानी बीमारियों को भी दूर करता है। रोज़ा बे हयाई और बुरे कामों से रुके रहने की प्रेक्टिस कराता है। रोज़े की फ़ज़ीलत का अंदाज़ा इस से लगाया जा सकता है कि अल्लाह तआला ने इसे अपनी तरफ़ निस्बत करते हुए फ़रमाया कि रोज़ा मेरे लिए है और मै ही इसकी जज़ा यानि बदला दूँगा।

रोज़दार के मुँह की बदबू जो भूखा रहने की वजह से उसके मुँह से आती है अल्लाह को मुश्क की खुशबू से भी ज़्यादा पसंद है। हदीस में आता है कि जन्नत में आठ दरवाज़े हैं उनमें से एक दरवाज़े का नाम रय्यान है उस दरवाज़े से रोज़दार दाख़िल होंगे। रोज़ा गरीब की भूख का एहसास दिलाता है। हदीस में आता है की हर चीज़ के लिए ज़कात है और बदन की ज़कात रोज़ा है। रमज़ान में तीन अशरे होते हैं इसका पहला अशरा यानि शुरू के दस दिन रहमत दूसरा अशरा मग़फिरत और तीसरा अशरा जहन्नम से आज़ादी है। मुसलमानों को चाहिए कि रमज़ान के दिनों में अपने नौकरों के काम में ढील दिया करें। हदीस में आता है कि जो अपने नौकरों पर इस महीने काम का बोझ इस लिए कम करे की नौकर रोज़े से हो तो अल्लाह तआला उसे बख्श देगा और जहन्नम से आज़ाद फरमाएगा। रमज़ान में हर आदमी के नेक काम का बदला दस से सात सौ गुना तक दिया जाता है। रमज़ान में मुसलमानों को चाहिए की खूब इबादतें करें, नेक कामों मे कसरत से लगा रहे अगर अल्लाह ने दौलत से नवाज़ा है तो खूब खैरातो इमदाद करे और हर वक़्त ज़िक्र ए इलाही से अपनी ज़बान को मुअत्तर रखे। रमज़ान में दुआऐं क़ुबूल होती है लिहाज़ा सभी के लिए दुआओं का एहतेमाम करें। और खाकसार को भी अपनी दुआओं में याद रखे।

हौजरानी प्रेस एन्क्लेव में बन सकता है फ्लाईओवर: 50 हजार से ज्यादा लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा

दिल्ली वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। साकेत मैक्स अस्पताल के बाहर पंडित त्रिलोक चंद शर्मा मार्ग पर लगने वाले जाम से जल्द मुक्ति मिलेगी। प...