नई दिल्ली. कहा जाता है कि मालवीय नगर (Malviya nagar) का नाम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय (Madan mohan malviya) के नाम पर रखा गया है. 1977 में बनी इस विधानसभा में पाकिस्तान (Pakistan) से 1950 में आए रिफ्यूजी (Refugee) भी रहते हैं. पास में ही आईआईटी (IIT) है. इसी इलाके में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) का ट्रेनिंग सेंटर भी है, जहां जवानों को ट्रेनिंग दी जाती है. जनता पार्टी के हंसराज यहां पहली बार विधायक बने थे. लेकिन मौजूदा विधायक आम आदमी पार्टी (AAP) के सोमनाथ भारती हैं. 2015 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहीं थी. दावा तो यह किया जाता है कि मालवीय नगर विधानसभा (Malviya nagar constituency) साउथ दिल्ली (South Delhi) का पॉश इलाका माना जाता है. लेकिन इसके उलट यह क्षेत्र अतिकमण (Encroachment), सीवर और पीने के पानी की समस्याओं से परेशान रहता है.
साउथ दिल्ली का मालवीय नगर के हौजरानी, जहाँपनाह और खिड़की एक्सटेंशन रोड पर दुकानों के अवैध कब्ज़ों ओर रेहड़ी ठेलों से पूरा रोड इतना जाम रहता है की आपात स्थिति में आवगमन मुश्किल हो जाता है. होटल, ढाबे, फैक्ट्री और छोटी-छोटी गालियो की वजह से एम्बुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आसानी से अंदर तक नहीं आ सकती हैं. इस परेशानी को बयां करते हुए हौजरानी के रहने वाले वली सैफी बताते हैं कि पिछले दिनों हमारी गली के एक लाइट पोल में आग लग गई. लेकिन संकरा रास्ता होने की वजह से फायर बिग्रेड की गाड़ी कॉलोनी में नहीं आ सकी. किसी तरह से स्थानीय निवासियों ने ही ख़ुद रेत-मिट्टी डाल कर आग बुझाई. फायर ब्रिगेड की गाड़ी मेन रोड से ही वापस चली गयी. हौजरानी इलाका फायर एक्सीडेंट जैसी आपदा के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं है.
विधानसभा में अभी भी पीने के पानी की समस्या है. झुग्गी-झोपड़ी कैंप में जरूरत के हिसाब से काम नहीं कराए गए. कई गली और रोड अभी भी ऐसी हैं जहां सीसीटीवी तो दूर स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगी हैं. अतिक्रमण के चलते मेट्रो स्टेशन तक जाने का रास्ता बंद हो जाता है. स्टेशन से चंद कदमों की दूरी पर ही फैंसी और मिट्टी के आइटम बेचने वाले दुकानदारों ने पूरी फुटपाथ को घेर लिया है. फुटपाथ पर चलना तो दूर उसके ऊपर चढ़ नहीं सकते हैं. यह कहना है मालवीय नगर के रहने वाले आलम का. बताते हैं कि मालवीय नगर हौजरानी, जहाँपनाह में चर्च के सामने वाली गली में दिल्ली जल बोर्ड ने सीवर लाइन के लिए गली खोदी मगर दोबारा बनाना ही भूल गया. बारिश का पानी गली में जमा हो जाता है. हौजरानी और खिड़की एक्सटेंशन इलाके में सीवर उफनने की गंभीर समस्या है. गलियों और सर्विस रोड पर 24 घंटे सीवर उफनता रहता है. उसी के बीच से होकर बच्चे स्कूल आते-जाते हैं.
सियासी नज़र से मालवीय नगर विधानसभा: राजनीति के जानकारों की मानें तो मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1.39 लाख है. इसमे महिला मतदाताओं की संख्या 63 हजार है और पुरुष मतदाता की संख्या 76 हजार है. लेकिन साल 2015 के चर्चित दिल्ली विधानसभा चुनाव में यहां 66.55 प्रतिशत वोट पड़े थे. चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी ने सबको चौंकाते हुए 54.3 फीसदी वोट हासिल कर जीत दर्ज कराई थी. मत प्रतिशत के मामले में बीजेपी 32.3 फीसदी वोट लेकर दूसरे नंबर पर रही थी. वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 9.7 फीसदी रहा था.
2019 में बीजेपी ने कायम किया दबदबा: विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली आप को 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 18.1 फीसदी वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर रहने वाली बीजेपी ने 56.5 फीसदी वोट हासिल कर जीत दर्ज कराई थी. वहीं कांग्रेस ने आप से ज्यादा वोट हासिल कर 22.5 फीसदी वोट जुटाए थे. हालांकि सियासत के जानकार मानते हैं कि विधानसभा में मिले वोट लोकसभा में मिले वोटों के सियासी मायने अलग होते हैं.
मानवीय नगर में विकास कार्यों का दावा: मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र को 35 मोहल्ला सभा में बांटा और हर रोज एक मोहल्ला सभा की मीटिंग की. क्षेत्र के हर परिवार के एक सदस्य को वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर 24 घंटे परेशानियां सुनी. जाम और अतिक्रमण की समस्या से निजात दिलाई. विधानसभा में 13 मोहल्ला क्लीनिक खुलवाए. जगह-जगह 9 फुट ओवर ब्रिज बनवाए. 37 किलोमीटर लंबी पानी व सीवर की लाइन डलवाई. 42 ट्यूबवेल लगवाए और आठ चौपाल व कम्युनिटी सेंटर बनवाए. विधानसभा में आने वाले पार्को की बाउंड्री कराई और शौचालय बनवाए. हाइड्रोलिक मॉडलिंग प्रोजेक्ट शुरू कराकर तीसरी मंजिल तक पानी पहुंचाया. दो हजार सीसीटीवी कैमरे लगवाए और 2800 स्ट्रीट लाइट लगवाई गईं.
यह हैं मानवीय नगर विधानसभा के इलाके: मालवीय नगर के कई इलाकों मसलन, हौज रानी, कुम्हार बस्ती, के ब्लॉक ग्रीन पार्क एक्सटेंशन, बेगमपुर, ब्राह्मण बस्ती, कृष्णा नगर, बी-4 सफदरजंग एन्क्लेव आदि.
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