साउथ दिल्ली के मालवीय नगर के हौजरानी जहाँपनाह कॉलोनी के गांधी पार्क जो अब लगभग शाहीन बाग बनने की राह पर अग्रसर है, प्रोटेस में बड़ी संख्या में महिलाएं, बूढ़े व जवान सभी शामिल हो रहे हैं, JNU व जामिया के स्टूडेंट्स हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, आम जनता के सामने अपनी बात रख रहे हैं,
समाज सेवक वली सैफी कहते हैं कि जब तक आप यह नहीं जानेंगे कि संविधान ने आपको क्या ताकत दी है ? आप अपनी लड़ाई नहीं लड़ सकते, इसलिए संविधान को पढ़ो उस पर अमल करो, और संवैधानिक तरीके से अपनी लड़ाई लड़ो। हिंसा की कोई जगह नहीं है,
समाज सेवक वली सैफी कहते हैं कि जब तक आप यह नहीं जानेंगे कि संविधान ने आपको क्या ताकत दी है ? आप अपनी लड़ाई नहीं लड़ सकते, इसलिए संविधान को पढ़ो उस पर अमल करो, और संवैधानिक तरीके से अपनी लड़ाई लड़ो। हिंसा की कोई जगह नहीं है,
असगर अली कहते हैं कि आने वाले कल की परेशानी से बचने के लिये हमें अभी से NRC ओर CAA का विरोध करना होगा, ये संविधान के अलग है जो सपना जैसा भारत महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, अशफाक उल्लाह, रामापीरसादबिस्मिल ठाकुर रोशन सिंघ अबु कलाम ने चाहा था अब वैसा भारत नहीं रहा, इसके लिये हमें अब संविधान को बचाने के लिये लड़ाई लड़नी होगी, ये विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा तब तक इस काले कानून में संशोधन नही क्या जाए !
आपको बतादे ये धरना प्रदर्शन बीते 5 दिनों से चल रहा है, इसमें महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे सभी अपना योगदान दे रहे हैं, राजनीतिक दलों से जुड़े लोग इसे राजनीति रंग देने की कोशिश कर रहे हैं मगर युवाओं के हौसले के आगे इनकी एक न चली, घटना स्थल पर दिल्ली पुलिस व सेना से जुडे लौग तैनाात है मैत्रीपूर्ण वातावरण स्थापना कर रहे है।
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