Tuesday, April 28, 2020

इरफ़ान ख़ान का मुंबई में निधन

मंगलवार को तबीयत बिगड़ने की वजह से इरफ़ान ख़ान को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था. तबीयत क्यों बिगड़ी और उन्हें क्या तकलीफ़ हुई और आईसीयू में क्यों भर्ती किया गया था, अभी फ़िलहाल इस बारे में कोई जानकारी खुलकर सामने नहीं आई है. इरफ़ान के परिवार में से भी किसी ने आधिकारिक तौर पर ज़्यादा कुछ नहीं बताया.इरफ़ान ख़ान के एक प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा था, "जी हाँ ये सच है कि इरफ़ान ख़ान मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती हैं. उन्हें कोलन इन्फ़ेक्शन हुआ है. हमलोग आप सभी को उनके बारे में जानकारी देते रहेंगे. अभी फ़िलहाल वो डॉक्टरों की निगरानी में हैं. उनकी शक्ति और साहस से उन्हें अबतक इस बीमारी से लड़ने में मदद की है और हमलोग आश्वस्त हैं कि उनकी अपार इच्छा शक्ति और अपने सभी चाहने वालों की दुआओं से वो जल्द ही ठीक हो जाएंगे."पिछले साल (2019) में इरफ़ान ख़ान लंदन से इलाज करवाकर लौटे थे और लौटने के बाद वो कोकिलाबेन अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में ही ट्रीटमेंट और रुटीन चेकअप करवा रहे थे. बताया जाता है कि फ़िल्म 'अंग्रेज़ी मीडियम' के दौरान भी उनकी तबीयत बिगड़ जाया करती थी. ऐसे में कई बार पूरी यूनिट को शूट रोकना पड़ता था और जब इरफ़ान बेहतर महसूस करते थे, तब शॉट फिर से लिया जाता था. हाल ही में इरफ़ान ख़ान की मां सईदा बेगम का जयपुर में निधन हो गया. लॉकडाउन की वजह से इरफ़ान अपनी मां की अंतिम यात्रा में शरीक नहीं हो पाए थे. ख़बर है कि उन्‍होंने वीडियो कॉल के ज़रिए ही मां के जनाज़े में श‍िरकत की थी. 54 वर्षीय इरफ़ान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़‍ित हैं. वह विदेश में इस बीमारी का इलाज करवा रहे थे और हाल ही मुंबई लौटे हैं. दो साल पहले मार्च 2018 में इरफ़ान को अपनी बीमारी का पता चला था. इरफ़ान ने अपने चाहने वालों के साथ ख़ुद ये ख़बर शेयर की थी. उन्होंने ट्वीट किया था, "ज़िंदगी में अचानक कुछ ऐसा हो जाता है, जो आपको आगे लेकर जाता है. मेरी ज़िंदगी के पिछले कुछ दिन ऐसे ही रहे हैं. मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी हुई है. लेकिन, मेरे आसपास मौजूद लोगों के प्यार और ताक़त ने मुझमें उम्मीद जगाई है."बीमारी के बारे में पता चलते ही इरफ़ान ख़ान इलाज के लिए लंदन चले गए थे. इरफ़ान वहां क़रीब एक साल रहे और फिर मार्च 2019 में भारत लौटे थे.

हमारे जमाने के कुछ अद्भुत बाते

हमारे जमाने के कुछ अद्भुत बाते जो आज की पीढ़ी को जानना चाहिए, हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी, पहला चरण कैंची, दूसरा चरण डंडा, तीसरा चरण गद्दी, तब साइकिल चलाना इतना आसान नहीं था क्योंकि तब घर में साइकिल बस पापा या चाचा चलाया करते थे. तब साइकिल की ऊंचाई 24 इंच हुआ करती थी जो खड़े होने पर हमारे कंधे के बराबर आती थी ऐसी साइकिल से गद्दी चलाना मुनासिब नहीं होता था। कैंची वो कला होती थी जहां हम साइकिल के फ़्रेम में बने त्रिकोण के बीच घुस कर दोनो पैरों को दोनो पैडल पर रख कर चलाते थे। और जब हम ऐसे चलाते थे तो अपना सीना तान कर टेढ़ा होकर हैंडिल के पीछे से चेहरा बाहर निकाल लेते थे और क्लींङ क्लींङ करके घंटी इसलिए बजाते थे ताकी लोग बाग़ देख सकें की लड़का साईकिल दौड़ा रहा है। आज की पीढ़ी इस एडवेंचर से महरूम है उन्हे नही पता की आठ दस साल की उमर में 24 इंच की साइकिल चलाना जहाज उड़ाने जैसा होता था हमने ना जाने कितने दफे अपने घुटने और मुंह तोड़वाए है और गज़ब की बात ये है कि तब दर्द भी नही होता था गिरने के बाद चारो तरफ देख कर चुपचाप खड़े हो जाते थे अपना हाफ कच्छा पोंछते हुए। अब तकनीकी ने बहुत तरक्क़ी कर ली है पांच साल के होते ही बच्चे साइकिल चलाने लगते हैं वो भी बिना गिरे। दो दो फिट की साइकिल आ गयी है और अमीरों के बच्चे तो अब सीधे गाड़ी चलाते हैं छोटी छोटी बाइक उपलब्ध हैं बाज़ार में, मगर आज के बच्चे कभी नहीं समझ पाएंगे कि उस छोटी सी उम्र में बड़ी साइकिल पर संतुलन बनाना जीवन की पहली सीख होती थी जिम्मेदारियों की पहली कड़ी होती थी जहां आपको यह जिम्मेदारी दे दी जाती थी कि अब आप गेहूं पिसाने लायक हो गये हैं । इधर से चक्की तक साइकिल ढुगराते हुए जाइए और उधर से कैंची चलाते हुए घर वापस आइए और यकीन मानिए इस जिम्मेदारी को निभाने में खुशियां भी बड़ी गजब की होती थी। ये भी सच है की हमारे बाद "कैंची" प्रथा विलुप्त हो गयी। हम लोग की दुनिया की आखिरी पीढ़ी हैं जिसने साइकिल चलाना तीन चरणों में सीखा, पहला चरण कैंची दूसरा चरण डंडा तीसरा चरण गद्दी। हम वो आखरी पीढ़ी हैं, जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं, जमीन पर बैठ कर खाना खाया है, प्लेट में चाय पी है। हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली-डंडा, छुपा-छिपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे जैसे खेल खेले हैं। हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और नावेल पढ़े हैं हम वही पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात, खतों में आदान प्रदान किये हैं। हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं, जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है हम वो आखरी लोग हैं, जो अक्सर अपने छोटे बालों में, सरसों का ज्यादा तेल लगा कर, स्कूल और शादियों में जाया करते थे। हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं, जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपडे और हाथ काले, नीले किये है। हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है। हम वो आखरी लोग हैं, जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर, नुक्कड़ से भाग कर, घर आ जाया करते थे हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है। जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है। हम निश्चित ही वो आखिर लोग हैं, जिन्होंने चांदनी रातों में, रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो और बिनाका जैसे प्रोग्राम सुने हैं। हम ही वो आखिर लोग हैं, जब हम सब शाम होते ही छत पर पानी का छिड़काव किया करते थे। उसके बाद सफ़ेद चादरें बिछा कर सोते थे। एक स्टैंड वाला पंखा सब को हवा के लिए हुआ करता था। सुबह सूरज निकलने के बाद भी ढीठ बने सोते रहते थे। वो सब दौर बीत गया। चादरें अब नहीं बिछा करतीं। डब्बों जैसे कमरों में कूलर, एसी के सामने रात होती है, दिन गुज़रते हैं। हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं, जिन्होने वो खूबसूरत रिश्ते और उनकी मिठास बांटने वाले लोग देखे हैं, जो लगातार कम होते चले गए। अब तो लोग जितना पढ़ लिख रहे हैं उतना ही खुदगर्ज़ी, बेमुरव्वती, अनिश्चितता, अकेलेपन व निराशा में खोते जा रहे हैं। हम ही वो खुशनसीब लोग हैं, जिन्होंने रिश्तों की मिठास महसूस की है, हम एक मात्र वह पीढी है जिसने अपने माँ-बाप की बात भी मानी और बच्चों की भी मान रहे है ये पोस्ट जिंदगी का एक आदर्श स्मरणीय पलों को दर्शाती है!

Sunday, April 26, 2020

रमज़ान में दुआ कीजिये देश व दुनिया के लिये

रमजानुल मुबारक का पाक महीना शुरू हो चुका है। इबादतों और दुआओं का सिलसिला भी बढ़ गया है और साथ में बढ़ गया है खुदा की रहमतों का सिलसिला। इस महीने में दुआओं की कुबूलियत में भी बढ़ोत्तरी हो जाती है। लिहाज़ा आप सभी से गुज़ारिश है कि देश और दुनिया में अमन और चैन के लिए ज्यादा से ज्यादा दुआ की जाए। दुआ में बड़ी ताकत (शक्ति) होती है। दुआ से बड़ी बड़ी मुश्किलें आसान हो जाती हैं। दुआ का सहारा लें और याद रखें अल्लाह (ईश्वर) के लिए कोई काम मुश्किल नहीं। न उसे कोई रोकने वाला है न टोकने वाला। वो अपनी बनाई हुई दुनिया से बेपनाह मुहब्बत करता है। याद रखो जब सारी दुनिया थम गई है, उसके कार्यकलाप आज भी समय पर जारी हैं। इस पर मैथिलीशरण गुप्त की कविता "पंचवटी "का एक अंश वर्तमान पर कितना सटीक है :
"बंद नहीं अब भी चलते हैं 
नियति नटी के कार्यकलाप 
पर कितने एकान्त भाव से 
कितने शान्त और चुपचाप। "
हजारों साल में इंसान ने प्रकृति में जो बिगाड़ किया है निश्चित रूप से उसे रिपेयर किया जा रहा है। तभी तो आप को घरों में कैद कर दिया है। लेकिन कुछ भी जो आवश्यक है आप से छीना नहीं गया है। घर में रहिए। इबादत कीजिये और सब के लिए दुआ कीजिये।
फुरकान शाह@शाहजहां पब्लिक स्कूल प्रधान अध्यापक, याकूबपुर जनपद अमरोहा

Saturday, April 25, 2020

दूरदर्शन पर भड़के सीताराम येचुरी, कहा- यह बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को लोक प्रसारक दूरदर्शन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सत्तारूढ़ बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं है कि वह उसके जनसंपर्क का काम करे। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों से दूरदर्शन (डीडी) ऐसी कुछ रिपोर्ट का प्रसारण कर रहा है जिसमें देश भर के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करते और यह कहते हुए नजर आए हैं कि सरकार की विभिन्न योजनाओं से उन्हें काफी फायदा हुआ है। येचुरी ने एक ट्वीट में कहा कि लोक प्रसारक लोगों के पैसे से चलता है और इसका मकसद लोगों की सेवा करना है। यह भाजपा या मोदी की निजी संपत्ति नहीं है कि जहां उनका पीआर हो। इस तरह के खिलवाड़ के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।

Wednesday, April 22, 2020

लॉकडाउन में कुछ और बढ़ा छूट का दायरा, देखिए कहां-कहां खुलेंगे बंद शटर

कोरोना वायरस महामारी covid 19 पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया है. हालांकि सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 अप्रैल से कुछ उद्योगों को शर्तों के साथ लॉकडाउन से राहत देने का फैसला लिया था. सरकार ने लॉकडाउन से राहत पाने वाले उद्योगों और सेवाओं का दायरा बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए है. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने निर्देश जारी कर छात्रों के लिए एजुकेशनल कितानों की दुकानों को भी लॉकडाउन से राहत दे दी है. इसके साथ ही बढ़ती गर्मी को देखते हुए बिजली के पंखे बेचने वाली दुकानों को भी खोलने के आदेश दे दिए हैं. निर्देशो के मुताबिक अब वृक्षारोपण (plantation) में इस्तेमाल होने वाले सामान को भी एक राज्य से दूसरे राज्य तक ले जाया जा सकेगा. वहीं शहर उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली मधुक्खियों की कॉलोनी और शहद और उससे जुड़े उत्पादों को भी एक राज्य से दूसरे राज्य तक ले जाने की अनुमति दी गई है. कृषि और हॉटीकल्चर (Horticulture) से जुड़े शोध कार्यों और उनसे जुड़े संस्थानों को भी खोलने की अनुमति दी गई है. सरकार ने भारतीय बंदरगाहों पर भारतीय नाविकों को आने और जाने की अनुमति दे दी है. हालांकि उन्हें निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा. वहीं सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों में वन विभाग से जुड़े कार्यालयों को खोलने और वृक्षारोपण को भी अनुमति दी है. देश के सभी जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. हॉटस्पॉट जोन में कोई गतिविधि शुरू नहीं होगी. वहीं नॉन हॉटस्पॉट जोन और ग्रीन जोन (Green zone) में आज 20 अप्रैल से इकोनॉमिक एक्टिविटी शुरू कर दी जाएगी. इसको लेकर 17 अप्रैल को केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है. सरकार के इस ऐलान के बाद कई सेक्टर्स में एक बार फिर से काम शुरू हो सकेगा.देश की कुल जीडीपी में 34.64 फीसदी योगदान एग्रीकल्चर सेक्टर का है. ऐसे में सरकार की ओर से कृषि और उससे जुड़े उद्योगों को बड़े पैमाने पर लॉकडाउन से राहत देने का ऐलान किया गया है. इन उद्योगों में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस सर्विस, मछलियों का खाना, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग, कॉमर्शियल एक्वेरियम, मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, चाय, कॉफी, रबर, काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, मक्का की मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन का काम शुरू हो सकेगा. सरकार ने डेटा, कॉल सेंटर और आईटी ऑफिस खोलने के लिए मंजूरी दी है. साथ ही इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सेवा देने वाले कर्मी भी अपनी सेवाएं शुरू कर पाएंगे. रूरी सामान बनाने वाली इंडस्ट्री जैसे चिकित्सा उपकरण, आईटी हार्डवेयर, खनन, जूट उद्योग से जुड़ी कंपनियों भी उत्पादन शुरू कर सकती है. रिपोर्टस के मुताबिक, जीडीपी में इनका योगदना 16.57 फीसदी है.रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर भी सरकार ने राहत दी है. रियल एस्टेट प्रोजेक्ट और सभी इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. हालांकि, शहरी क्षेत्रों में भी सिर्फ उन्हीं को कंस्ट्रक्शन करने की छूट है, जहां साइट पर ही मजदूर उपलब्ध हैं. इससे प्रवासी कामगारों पर मंडरा रहा रोजगार का संकट काफी हद तक टल सकता है. आपको बता दें कि रियल एस्टेट सेक्टर का देश की जीडीपी में 7.74 फीसदी योगदान है. केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से कुछ उद्योगों और कारोबार को लॉकडाउन के दौरान राहत न देने का ऐलान किया है. निर्देशों के मुताबिक गैर जरूरी सामानों की दुकानें भी नहीं खुलेंगी, मॉल, शॉपिंग कॉम्पलैक्स, बार, होटल, पर्यटक स्थल, सिनेमा हॉल सहित कुछ अन्य उद्योगों पर लॉकडाउन के तहत रोक जारी रहेगी. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने लॉकडाउन से जुड़े अपने दिशा-निर्देशों में रविवार को संशोधन किया है. गृह मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान E-Commerce कंपनियां गैर आवश्यक वस्तुएं (Non-essential goods) की बिक्री नहीं कर पाएंगी.

Sunday, April 19, 2020

चिकन बिरयानी, गर्म समोसा, पिज्जा, मिठाइयां... अधिकारियों की नाक में दम कर रहे हैं सील किए गए इलाकों के लोग

दिल्ली के कोरोना वायरस कटेंनमेंट जोनों और क्वारंटीन सेंटरों में तैनात अफसर लोगों की अजीबोगरीब मांगों से त्रस्त हो गए हैं। इलाके के लोग अधिकारियों से चिकन बिरयानी, मटन, पिज्जा, मिठाइयां और गर्म समोसे मांग रहे हैं। अधिकारी उनकी फरमाइशें सुन-सुनकर आजिज आ चुके हैं। कंटेनमेंट जोन में किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है।

सरकार उनकी जरूरत के सारे सामान उनके दरवाजे तक पहुंचाती है। जब कोई इलाका कंटेनमेंट जोन घोषित हो जाता है तो प्रशासन और पुलिस अधिकारी एक वॉट्सऐप ग्रुप तैयार करते हैं जहां लोग बताते हैं कि उन्हें किन-किन चीजों की जरूरत है। फिर अधिकारी उनकी मांग पूरी करते हैं। नरेला के क्वारेंटाइन सेंटर में तैनात एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कुछ लोगों ने उनसे चिकन बिरयानी और मटन की मांग की।

दक्षिणी दिल्ली में नौ कंटेनमेंट जोन हैं। दूसरे अधिकारी ने बताय कि यहां कुछ लोगों ने उनसे पिज्जा और गर्म सोमोसे की फरमाइश कर डाली, अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली में कुछ कंटेनमेंट जोन के कुछ लोगों ने मिठाइयों की मांग की। एक सीनियर ऑफिसर ने कहा, 'हम ऐसी मांगें पूरी नहीं कर सकते। जब कोई एरिया सील कर उसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है, ऐसे संकट में हमारी ड्यूटी सब्जियां, पानी और दूध जैसी अनिवार्य वस्तुएं ही मुहैया कराने की है। हमने अपने फील्ड ऑफिसरों को कह दिया है कि इस तरह की फालतू फरमाइशों को नजरअंदाज करें।' दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के आधार पर 76 इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। दिल्ली में कोरोना वायरस केस बढ़कर 1,893 हो चुके हैं जबकि 43 कोविड-19 मरीजों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 24 मरीजों की उम्र 60 वर्ष से ऊपर थी। रिपोर्ट@NBT

Friday, April 17, 2020

दिल्ली में हॉटस्पॉट इलाकों की संख्या 60 से बढ़कर 68 हुई

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफ होन के साथ हॉटस्पॉट की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है। दिल्ली की हालत यह है कि कुल 11 जिलों में 10 जिले कोरोना संक्रमण को लेकर सबसे ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं। वहीं, दिल्ली में अब तक 1640 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। आप भी पढ़िए दिल्ली के 10 जिलों में कौन से 68 हॉटस्पॉट हैं, जहां पर मरीजों की संख्या बढ़ी है। 

1. गांधी नगर पार्क और मालवीय नगर के नजदीक के कई रास्ते

2. गली नंबर-6, एल-1 संगम विहार

3. शाहजहानाबाद सोसायटी, प्लॉट नंबर-1, सेक्टर-11 द्वारका

4. दीनपुर गांव

5. तब्लीगी मरकज, निजामुद्दीन बस्ती 

6. पश्चिमी निजामुद्दीन और जी और डी ब्लॉक के इलाके

7. जहांगीर पुरी इलाके का ब्लॉक बी

8. कल्याणपुरी, गली संख्या-14 में मकान नंबर-141 से 180 तक

9. वसुंधरा एन्क्लेव मंसारा अपार्टमेट्स

10. खिचड़ीपुर की 3 गलियां

11. पूर्वी दिल्ली का पांडव नगर की गली नंबर-9

12. मयूर विहार फेज-1 एक्सटेंशन स्थित वर्धमान अपार्टमेंट्स

13. पटपड़गंज में आइपी एक्सटेंशन स्थित मयूर ध्वज अपार्टमेंट्स

14. किशनकुंज एक्सटेंशन स्थित मकान नंबर- जे-3/115-जे/3/108

15. किशनकुंज एक्सटेंशन स्थित मकान नंबर- जे-3/101-जे-3/107

16. पश्चिमी विनोद नगर स्थित ब्लॉक ए, मकान नंबर ए वन 76 से ए वन 89 तक

17. दिलशाद गार्डन स्थित पॉकेट एल और एच

18. ओल्ड सीमापुरी, ब्लॉक जी, एच और जे

19. दिलशान कॉलोनी स्थित ब्लॉक एफ 70-90 तक

20. झिलमिल कॉलोनी स्थित प्रताप खंड

21. राजौरी स्थित मानसरोवर गार्डन

22. जहांगीर पुरी स्थित सी ब्लॉक में गली नंबर 1-10 तक

23. देवली एक्सटेंशन

24. शास्त्री मार्केट स्थित दक्षिण मोती बाग का जेजे क्लस्टर

25. बंगाली मार्केट/बाबर रोड यह टोडर मल रोड और बाबर से जुड़ा है।

26. केंद्रीय जिला सदर बाजार

27. केंद्रीय जिला चांदनी महल

28. केंद्रीय जिला नबी करीम

29. बुराड़ी संत नगर, बालाजी अपार्टमेंट्स

30. मोतीनगर डीएलएफ, कैपिटल ग्रीन्स, जी 174

31. पश्चिम विहार, बी 1/2

32. अशोक नगर में सेकेंड फ्लोर 11/3

33. पश्चिम विहार, कृष्णा अपार्टमेंट्स, ए वन बी/75 ए

34. मादीपुर जेजे कॉलोनी ए-288

35. पूर्वी पटेल नगर, 36/4

36. खिड़की गांव, खिड़की एक्सटेंशन, दुकान संख्या-जे 4/49

37. चिराग दिल्ली, पंडित मोहल्ला एपिक सेंटर,जैन मोहल्ला

38. जनकपुरी कोठी नंबर 119, सी-टू

39. संगम विहार स्थित मकान नंबर 112 बी गली 

40. तुगलकाबाद चुड़िया मोहल्ला, पूरी गली मकान नंबर जी 54 से एफ 107 और पूरी गली घर संख्या- सीएन 854 से 137 तक

41. जहांपुरी एच-3 ब्लॉक 1100 वाली गली और 1300वाली गली

42. बाड़ा हिंदुराव क्षेत्र

43. नवाब गंज इलाका

44. शास्त्री पार्क स्थित बी ब्लॉक गली नंबर-4, मकान नंबर-62

45. मॉडल टाउन पुलिस कॉलोनी, एच और आइ ब्लॉक उत्तरी जी

46. नई दिल्ली स्थित सफदरजंग एन्क्लेव बी ब्लॉक

47. जीटीबी एन्क्लेव ई पॉकट

48. ईस्ट ऑफ कैलाश, गड़ी शेरा मोहल्ला घर संख्या-53-55 और 25

49. ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित ई ब्लॉक में 284-294 तक

50. ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित घर संख्या-97 से 107 और 120-127

51. अबु फजल एन्क्लेव स्थित ई ब्लॉक

52. अबु फजल एन्क्लेव, एच ब्लॉक (नजदीक उमरा मस्जिद)

53. एक्सटेंशन मदनपुर खादर, कच्ची कॉलोनी में गली संख्या-16

54.मदनपुर खादर, मेहला मोहल्ला

55. एक्सटेंशन पार्ट-2 जयपुर खड्डा कॉलोनी घर संख्या-1144 से 1134 तक और 618 से 623 तक

56. एक्सटेंशन पार्ट-2 जैतपुर खड्डा कॉलोनी घर संख्या 811 से 829 तक और 824 से 835 तक

57. जाकिर नगर स्थित गली नंबर 18-22 तक और अबु बकर मस्जिद के आसपास का क्षेत्र

58. हौज रानी स्थित एमडीआर डेयरी से राजा राम मोहन स्कूल

59. शाहीन बाग गली नंबर 6 ए ब्लॉक

60. ईस्ट राम नगर शाहदरा में गली नंबर 3, 4 और 5 

61. एल-2 संगम विहार,

62. गली नंबर-26-27,तुगलकाबाद एक्सटेंशन

63. सी-105 हरिनगर, बी-33 हरिनगर

64. सी-785 कैंप नंबर-2

65. आरजेड-168 और के-2 ब्लॉक निहार विहा

66. के ब्लॉक जहांगीर पुरी

67. सावित्री नगर

68. मालवीय नगर

Thursday, April 16, 2020

मालवीय नगर: जानते थे डॉक्टर की जान ली है, फिर भी सामने नहीं आए, CCTV ने पकड़वाया

नई दिल्ली: मालवीय नगर रेड लाइट पर 13 अप्रैल को साउथ एमसीडी के डॉक्टर जेपी यादव को टक्कर मारने के केस में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार गया है। इनके पास से वह कार भी बरामद कर ली गई है, जिससे डॉक्टर को टक्कर मारी गई थी। हिट एंड रन के इस मामले में डॉक्टर की मैक्स अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वह महरौली स्थित डिस्पेंसरी से साइकल पर जीके-1 स्थित घर जा रहे थे। हालांकि गिरफ्तार किए तीनों आरोपियों को जमानत मिल गई। साउथ दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर ने बताया कि आरोपियों में 37 साल का विजय, अजय और संदीप पाल सिंह हैं। तीनों मंडावली के रहने वाले हैं। दोस्त हैं। घटनावाले दिन कार विजय चला रहा था। तीनों ने अपना गुनाह कबूल किया है। पुलिस ने उनके पास से कार बरामद कर ली है। आरोपियों को साकेत थाने के एसएचओ केशव और हौजखास एसीपी रजनीश की टीम ने पकड़ा है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी विजय, मंडावली इलाके में ही एक कार शोरूम में मैकेनिक है। संदीप कारों की सेल-परचेज का और अजय भी संदीप के साथ ही पुरानी कारों की खरीद-बिक्री का काम करता है। आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि उस दिन तीनों घर से वसंतकुंज स्थित आईएलबीएस अस्पताल जा रहे थे। वहां उनके एक दोस्त को खून की जरूरत थी। अरबिंदो मार्ग, मालवीय नगर रेड लाइट पर उनके साथ यह घटना हो गई। आरोपियों के मुताबिक, वे घटनास्थल से कुछ दूर रुके भी थे, लेकिन अस्पताल जाने के लिए देर हो रही थी, इस वजह से वह आगे बढ़ गए। बाद में उन्हें पता लग गया था कि उस टक्कर में एक डॉक्टर की जान चली गई है। आरोपियों का कहना है कि वह डर गए थे, इसलिए सामने नहीं आए। पुलिस ने तफ्तीश करते हुए उन्हें ढूंढ निकाला। पुलिस ने लापरवाही से हुई मौत के साथ इस मामले में लॉकडाउन के दौरान बिना इजाजत बाहर घूमने के तहत भी मामला दर्ज किया है।
हत्यारों की तलाश में हरियाणा तक छानबीन करने गई पुलिस : 30 सीसीटीवी कैमरों और 11 कारों को चेक करने के बाद पकड़े गए आरोपी: डॉक्टर जेपी यादव की हत्या के केस में तीनों आरोपियों को पकड़वाने में लाडो सराय पेट्रोल पंप के पास लगा एक सीसीटीवी कैमरा काम आया। कैमरे में आरोपियों की कार का रजिस्ट्रेशन नंबर कैद हुआ। उसकी जांच करते हुए पुलिस आरोपियों के घर तक जा पहुंची। इससे पहले पुलिस ने 29 सीसीटीवी कैमरे और 11 कारों को चेक किया था। पुलिस को लाडो सराय पेट्रोल पंप के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कार दिखाई दी। वह हरियाणा नंबर की गाड़ी थी। रजिस्ट्रेशन नंबर से पुलिस को पता लगा कि गाड़ी रोहतक के रहने वाले किसी सोनू के नाम थी। पुलिस टीम रोहतक जा पहुंची। सोनू ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी कार सोनीपत में रहनेवाले दोस्त विकी को दी थी। पुलिस विकी तक पहुंची। विकी ने बताया कि उसने कार ईस्ट दिल्ली के शंकर मार्ग, मंडावली में रहने वाले दोस्त संदीप पाल सिंह को दी है। पुलिस मंडावली में संदीप के घर पहुंची। शुरुआत में संदीप ने पुलिस को सहयोग नहीं किया। सख्ती से पूछताछ में संदीप ने सच उगल दिया। उसने बताया कि हां, उस दिन एक्सीडेंट हुआ था। उस दिन वह तीन दोस्त कार में थे। कार विजय चला रहा था। उनसे एक्सिडेंट हुआ था। संदीप को पकड़ने के बाद पुलिस ने अजय ओर विजय को भी पकड़ लिया।

मालवीय नगर : 1 पिज्जा बॉय से 72 घरों में कोरोना का खतरा, 17 डिलीवरी बॉय भी जद में

राजधानी दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस से दो मरीजों की मौत हो गई और 17 इसके संक्रमण के शिकार हुए हैं. साउथ दिल्ली इलाके में एक 19 साल के फूड डिलीवरी बॉय के कोरोना पॉजिटिव होने से हड़कंप मच गया है. उसने 12 अप्रैल तक लोगों के घरों में जाकर डिलीवरी की हैं. पिछले 15 दिनों में वह दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 72 परिवारों को उनके घर जाकर खाना डिलीवर कर चुका है. सभी परिवारों को उनके घरों में क्वारंटाइन किया गया है और स्वास्थ्य विभाग उनपर निगरानी रख रहा है. युवक को RML अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहां उसका इलाज चल रहा है. साउथ दिल्ली के जिलाधिकारी बीएम मिश्रा ने इसकी तस्दीक की है. कोरोना पॉजिटिव डिलीवरी बॉय ने हौज खास, मालवीय नगर, सावित्री नगर व इसके आसपास के इलाकों में डिलीवरी की थीं. प्रशासन ने इस मामले के खुलासे के बाद 20 डिलीवरी बॉयज़ को छतरपुर स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा है. यह सभी कोरोना संक्रमित डिलीवरी बॉय के संपर्क में आए थे. संक्रमित युवक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. प्रशासन को अंदेशा है कि साउथ दिल्ली इलाके में किसी संक्रमित शख्स के संपर्क में आने से वह संक्रमित हुआ है. प्रशासन पता लगा रहा है कि किस घर में डिलीवरी के दौरान वह इस संक्रमण की चपेट में आया. इस मामले के सामने आने के बाद अब दिल्ली सरकार सभी सर्विस देने वालों का रैपिड कोरोना टेस्ट करवाएगी. बताते चलें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में COVID-19 से अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है और 1578 इससे संक्रमित हैं. इनमें मरकज से जुड़े 1080 मामले शामिल हैं. पिछले 24 घंटे में एक भी नया मामला मरकज से जुड़ा हुआ सामने नहीं आया है. बीते 24 घंटे में दिल्ली में 10 लोग ठीक हुए हैं और अब तक 40 लोग ठीक हो चुके हैं. देशभर में कोरोना के अब तक 12,380 मामले सामने आए हैं और 414 लोगों की मौत हो चुकी है.

Wednesday, April 15, 2020

अफ्रीका और अरब की धूल से खराब हुई दिल्ली की हवा, पीएम 10 कणों की मात्रा मानक से दोगुना

लॉकडाउन के बाद से ही साफ-सुथरी हवा में सांस ले रहे दिल्ली वालों का दम घोटने के लिए अफ्रीका और अरब की धूल आ गई है। मध्यम स्तर के डस्ट स्टॉर्म यानी धूल के तूफान से दिल्ली के वातावरण में धूल की मात्रा में खासा इजाफा हो गया है। बुधवार को हवा में पीएम 10 प्रदूषक कणों की मात्रा निर्धारित मात्रा से दोगुना से भी ज्यादा रही। बीते करीब तीन हफ्तों से दिल्ली के लोग अच्छी हवा में सांस ले रहे थे। लेकिन, बीते दो दिनों पहले राजस्थान से आई धूल और अब अफ्रीका और अरब से उठे धूल के तूफान ने दिल्ली के लोगों का दम घोटना शुरू कर दिया है। बुधवार शाम 5 बजे हवा में पीएम 10 की मात्रा 204 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, जबकि 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होने पर ही उसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।
राजस्थान, राजधानी का असर: वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखने वाली संस्था सफर के वैज्ञानिक गुफरान बेग ने बताया कि अफ्रीका और अरब के निचले हिस्से में इस वक्त धूल भरी आंधी चल रही है। इसी डस्ट स्टॉर्म का असर राजस्थान की धूल के साथ मिलकर यह मध्यम स्तर का डस्ट स्टॉर्म बन रहा है। अगले दो दिनों तक दिल्ली की हवा पर इसका असर रह सकता है। 
पीएम.25 अभी भी ठीक: पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रतिधन मीटर होने पर उसे अच्छा माना जाता है। बुधवार शाम 5 बजे दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 65 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता भी अपेक्षाकृत साफ-सुथरी बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 के अंक पर रहा। इस स्तर पर हवा मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।
तेज हवा और बूंदाबांदी से कल बदलेगा मौसम: दिल्ली में बुधवार को पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। सफदरजंग स्थित मौसम केंद्र में बुधवार के दिन इस सीजन में पहली बार पारा 40 पार हुआ। दिन में यहां पर अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, मौसम विभाग का अनुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से शुक्रवार को दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इस दौरान हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहने की संभावना है। इससे तापमान में तीन डिग्री तक की गिरावट आ सकती है।

Tuesday, April 14, 2020

कोरोना वायरस: लॉकडाउन का उल्‍लंघन कर हजारों लोग सड़कों पर उतरे, घर भेजने की मांग

कोरोना के खतरे के कारण देशभर में लॉकडाउन लागू है। इस बीच मुंबई के बांद्रा में हजारों लोग सड़क पर उतर आए हैं। इतने सारे लोगों के सड़क पर आने से कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ गया है। जानकारी के मुताबिक, ये लोग खाने की समस्या बता रहे हैं और घर भेजने की मांग कर रहे हैं। कोरोना से बुरी तरह प्रभावित मुंबई में इस कदर भीड़ का उमड़ना काफी डराने वाला है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी। हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे। देशमुख ने ने कहा, 'जिस तरह से लॉकडाउन बढ़ाया गया यह उसी का परिणाम है। लोग सोच रहे थे कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और वे अपने घर जाएंगे लेकिन पीएम मोदी के संबोधन के बाद वे निराश हो गए और उनका गुस्सा फूटा तो सड़कों पर उतर आए।' कहा जा रहा है कि भीड़ के रूप में जुटे ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों के प्रवासी कामगार हैं। ये लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें यहां खाने-पीने की समस्या हो रही है इसलिए ये अपने घर जाना चाहते हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन लोगों को तितर-बितर कर दिया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ कम हो गई है। बताया जा रहा है कि लोगों में अनिश्चितता है कि लॉकडाउन कब तक चलेगा ऐसे में लोग घबरा गए हैं। स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और हरसंभव मदद की जाएगी।
शाह ने उद्धव को फोन कर जताई चिंता: इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री एचएम अमित शाह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को फोनकर बांद्रा की घटना पर चिंता जाहिर की। शाह ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई कमजोर होगी। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सजग रहने की आवश्‍यकता है। गृहमंत्री ने महाराष्‍ट्र को केंद्र की तरफ से पूरा सहयोग का आश्‍वासन दिया।
आदित्‍य ठाकरे ने केंद्र को ठहराया जिम्‍मेदार: दूसरी ओर, इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। महाराष्‍ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्‍य ठाकरे ने इस स्थिति के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है। आदित्‍य ने ट्वीट कर कहा कि बांद्रा में इकट्ठा हुए लोग अब चले गए हैं, लेकिन यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। महाराष्ट्र में 6 लाख लोग शेल्टर होम में रह रहे हैं। केंद्र सरकार के सामने मुद्दा रखा गया था कि इन लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की कोशिश की जाए। उनके पास खाना नहीं है और वे घर जाना चाहते हैं।
बांद्रा की घटना दुखद : फडणवीस: वहीं, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बांद्रा की घटना बहुत दुखद है। हम पहले दिन से सरकार से कह रहे हैं कि जिन मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है उनका इंतजाम करें। राज्य सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि कैसे सभी को भोजन और राशन मिलेगा।
कोरोना के सबसे ज्‍यादा मामले महाराष्ट्र में, 200 से ज्यादा मौत: अब तक कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही सामने आए हैं। राज्य में कोरोना के कुल 2334 मरीज सामने आए हैं। इसमें से 217 मरीज ठीक हो चुके हैं और कोरोना के चलते 160 लोगों की मौत हो चुकी है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ओर से बताया गया है कि मुंबई में मंगलवार को कोरोना के 204 नए मामले सामने आए हैं और 11 लोगों की मौत हुई है। इस प्रकार सिर्फ मुंबई में ही कोरोना के संक्रमितों की कुल संख्या 1753 हो चुकी है। मुंबई शहर में ही कोरोना के चलते 111 लोगों की मौत हो चुकी है।
लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद घबराए लोग: 21 दिन के लिए देश में लागू लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इससे पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे देश को संबोधित करते हुए ऐलान किया अब देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि लोग लॉकडाउन को लंबा खिंचता देख घबरा गए और घर भेजने की मांग करने लगे।

मेडिकल स्टोर से खांसी, जुकाम-बुखार की दवा लेने वालों पर रखी जा रही नजर

कोरोना वायरस के संक्रमितों और संदिग्धों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग अब मेडिकल स्टोर संचालकों की मदद लेगा। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों से खांसी, जुकाम, बुखार की दवा लेने पहुंच रहे लोगों की जानकारी मांगी है। इसके बाद स्टोर संचालक इसका रिकॉर्ड तैयार करने लगे हैं, जिसे स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा किया जाएगा। इस रिकॉर्ड के आधार पर भी स्वास्थ्य विभाग संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उनकी जांच कराएगा, जिससे यह पता लगाया जाएगा कि वे कोरोना संक्रमित हैं या नहीं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमित जमातियों और दूसरे रोगियों के संपर्क में आने वाले  छिप रहे हैं। वे अपनी सेहत की जांच कराने के लिए खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ रहा है। बहुत से कोरोना संदिग्ध रोगी चुपचाप मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खा रहे हैं। ऐसे में उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है। वहीं उनसे दूसरे लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों से खांसी, जुकाम, बुखार की दवा ले जा रहे रोगियों की जानकारी जुटाने को कहा है।
संदिग्धों की जांच कराएगा स्वास्थ्य विभाग : जिला महामारी विशेषज्ञ राम प्रकाश ने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालकों से ऐसे रोगियों का नाम, पता और डॉक्टर की पर्ची का रिकॉर्ड अपने पास रखने को कहा है। इस रिकॉर्ड को लेकर विभाग संदिग्धों की जांच कराएगा। वहीं केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य राजेश गोयल ने बताया कि वह दुकान पर खांसी, जुकाम और बुखार की दवा लेने आने वालों का रिकॉर्ड तैयार करने के साथ, मास्क और सेनेटाइजर लेने वालों का भी रिकॉर्ड बना रहे।
पर्चा बिना दवा न देने की हिदायत: जिले में 1200 से ज्यादा मेडिकल स्टोर हैं। इन सभी को जिला औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से भी सख्त हिदायतें दी गईं हैं। विभाग की ओर से दिए निर्देशों में यह साफ कहा गया है कि कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक रोगियों को डॉक्टर का पर्चा देखे बिना दवाई न दें। दवा का दुरुपयोग न हो इसके लिए यह निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा किसी भी रोगी को ज्यादा मात्रा में दवा न देने की भी हिदायत दी है।

Monday, April 13, 2020

लॉक डाउन इफेक्ट: बारात आई, शादी हुई लेकिन विदा न हो सकी दुल्हन!

लॉकडाउन के चलते अलीगढ़ एक बारात शादी के 22 दिन से ज्यादा समय हो जाने के बावजूद दुल्हन के घर पर ही रुकी हुई है। बारात में शामिल 15 लोग फंसे हुए हैं। दुल्हन के पिता मेजबानी करते-करते थक चुके हैं। उनके पास पैसे भी अब कम ही बचे हैं। रामनाथ महतो अपने बेटे विजय महतो की बारात लेकर अलीगढ़ के अतरौली आए थे। शादी 21 मार्च को हो गई थी और ‘बारात’ को 23 मार्च को झारखंड के लिए वापस रवाना होनी थी। इसी बीच 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ और उसके बाद के लॉकडाउन ने इनकी यात्रा की योजनाओं को ताक पर रख दिया और बारात में आए 15 मेहमान तब से दुल्हन के घर पर ही रह रहे हैं। दुल्हन के पिता नरपत राय ने कहा कि अब उन्हें दूल्हे और बारात की मेजबानी करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा, जिला प्रशासन उन्हें जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। हालांकि अधिकारी दोपहर के भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन बारात के नाश्ते और रात के खाने का प्रबंध मुझे करना होता है। पंद्रह लोगों को दिन में दो बार खाना खिलाने के लिए जरूरी सामान जुटाना मुश्किल हो रहा है और पैसा भी खत्म हो रहे हैं। दूल्हे ने कहा,यह एक असामान्य स्थिति है। हम समस्या समझते हैं, लेकिन कुछ कर भी नहीं सकते। बारातियों में से एक ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लॉकडाउन के कारण एक बारात के दुल्हन के घर पर सबसे लंबे समय तक रुकने का रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज हो जाएगा।

साकेत: मैक्स हॉस्पिटल का स्टाफ कोरोना मरीजों के संपर्क में आया, 150 स्टॉफ क्वारनटीन

दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल का स्टाफ कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ गया, जिससे 150 स्टाफ को सेल्फ क्वारनटीन कर दिया गया. बताया जा रहा ये सभी 2 कोविड पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए थे जिसके बाद डॉक्टर, नर्स, और वार्ड बॉय को क्वारनटीन में भेज दिया गया. दोनों मरीज मैक्स हॉस्पिटल में ह्रदय संबंधी समस्या के कारण भर्ती थे, बाद में जब कोविड-19 की जांच की गई तो दोनों ही पॉजिटिव पाए गए. बताया जा रहा, मरीज के सम्पर्क में आए 150 लोगों के टेस्ट किए जाएंगे, मैक्स प्रमुख ने कहा, 39 लोगों को हॉस्पिटल में ही क्वारनटीन किया गया. बता दें कि इसके पहले महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने से एक अस्पताल के 21 डॉक्टर व नर्स कोरोना पॉजिटिव हो गए थे.

Coronavirus Containment zones in Delhi: दिल्ली में 43 संक्रमण जोन, देखिए पूरी लिस्ट

राजधानी दिल्ली में जैसे-जैसे कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे सख्ती भी बढ़ती जा रही है। रविवार को नए कन्‍टेनमेंट जोन्स का ऐलान हुआ है जिसके साथ ही अब इनकी संख्या 43 हो गई है। संक्रमण जोन (containment zones) का मतलब है कि उस इलाके के लोग घर से बाहर नहीं निकल सकते। इस दौराना जरूरी सामान घरतक पहुंचाने की सुविधा मिलती है। दिल्ली में कौन से 43 इलाके संक्रमण जोन में आ चुके हैं पूरी लिस्ट यहां देखिए

1. गांधी पार्क के पास प्रभावित पूरी गली, मालवीय नगर
2. गली नंबर 5, 6 और 7, एल 1, संगम विहार
3. हाउस नंबर ए-176 के आसपास का सारा इलाका, देओली एक्सटेंशन
4. शाहजहानाबाद सोसायटी, प्लॉट नंबर 1, सेक्टर 11, द्वारका
5. दीनपुर गांव
6. गली नंबर 5 और 5 ए, एच -2 ब्लॉक, बंगाली कॉलोनी, महावीर एन्क्लेव
7. मरकज मस्जिद और निजामुद्दीन बस्ती
8. निजामुद्दीन पश्चिम (जी और डी ब्लॉक) क्षेत्र
9. जाकिर नगर के गली नंबर 18 से 22, जाकिर नगर के अबू बकर मस्जिद के आस-पास का क्षेत्र
10. जाकिर नगर का बाकी इलाका, अलग-अलग हिसाब से
11. हाउस नंबर 811 से 829 और 842 से 835. खड्डा कॉलोनी, जैतपुर, एक्सटेंशन, भाग- II
12. हाउस नंबर 1144 से 1134 और 618 से 623, खड्डा कॉलोनी, जैतपुर, विस्तार, भाग- II
13. गली नंबर 16, कच्ची कॉलोनी, मदनपुर खादर, एक्सटेंशन, दिल्ली
14. मेहेला मोहल्ला, मदनपुर खादर, दिल्ली
15. एच-ब्लॉक, उमरा मस्जिद के पास, अबू फजल एन्क्लेव
16. ई-ब्लॉक, अबू फजल एन्कलेव, दिल्ली
17. हाउस नंबर 97 से 107 और हाउस नंबर 120-127 कैलाश हिल्स, ईस्ट ऑफ कैलाश
18. ई-ब्लॉक (ई -284 से ई -294) ईस्ट ऑफ कैलाश, दिल्ली
19. हाउस नंबर 53 से 55 और 25, शेरा मोहल्ला, गढ़ी, ईस्ट ऑफ कैलाश
20. बी ब्लॉक जहांगीरपुरी
21. गली नंबर 1 से 10 (1 से 1000) C ब्लॉक, जहांगीरपुरी
22. हाउस नंबर 141 से हाउस नंबर 180, गली नं 14, कल्याणपुरी
23. मंसारा अपार्टमेंट, वसुंधरा एन्क्लेव
24. खिचड़ीपुर की 3 गलियां, हाउस नंबर 5/387 शामिल
25. गली नंबर 9, पांडव नगर
26. वर्धमान अपार्टमेंट्स, मयूर विहार, फेज I, एक्सटेंशन
27. मयूरध्वज अपार्टमेंट, आई पी एक्सटेंशन, पटपड़गंज
28. गली नंबर 4, H. No. J- 3/115 (नागर डेयरी) से H. No. J- 3/108 (अनार वाली मस्जिद चौक की ओर), किशन कुंज एक्सटेंशन
29. गली नंबर 4, हाउस नंबर 3/101 से लेकर हाउस नंबर J-3/107 कृष्ण कुंज एक्सटेंशन तक
30. गली नंबर 5, ए ब्लॉक (हाउस नंबर A-176 से ए-189), पश्चिम विनोद नगर
31. ई-पॉकेट, जीटीबी एन्क्लेव
32. जम्मू और कश्मीर, एल और एच पॉकेट दिलशाद गार्डन
33. जी, एच, जे, ब्लॉक पुरानी सीमापुरी
34. एफ- 70 से 90 ब्लॉक दिलशाद कॉलोनी
35. प्रताप खंड, झिलमिल कॉलोनी
36. शास्त्री मार्केट, साउथ मोती बाग
37. बंगाली मार्केट, बाबर रोड, सदर बाजार
38. चांदनी महल
39. नबी करीम
40. जी -174 के आसपास का क्षेत्र, कैपिटल ग्रीन्स, डीएलएफ, मोतीनगर
41. बी- 1/2 के आसपास के क्षेत्र में, पश्चिम विहार
42. दूसरी मंजिल 11/3 के आसपास का इलाका, अशोक नगर
43. हाउस नंबर ए -30 के आसपास का इलाका, मानसरोवर गार्डन

Sunday, April 12, 2020

UP के 21 जिलों में 10 मई तक लॉकडाउन रहेगा, उत्तर प्रदेश के 75 में से 47 जिले कोरोना मुक्त

संक्रमित जिले*- अलीगढ़, आगरा, आजमगढ़, बागपत, बांदा, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, हरदोई, हापुड़, हाथरस, जौनपुर, कानपुर, लखीमपुर खिरी, लखनऊ, महारजगंज, मेरठ, मुरादाबाद, पीलिभीत, प्रतापगढ़, सहारनपुर, शाहजहांपुर, शामली और वाराणसी। *सुरक्षित जिले* - अंबेडकर नगर, अमेठी, अमरोहा, औरैय्या, अयोध्या, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, भदोही, बिजनौर, बंदायुं, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, फरूखाबाद, फतेहपुर, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, जालौन, झांसी, कन्नौज, कानपुर देहात, कासगंज, कौशांबी, कुशी नगर, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मिर्जापुर, मुजफ्फर नगर, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, संभल, संत कबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर और उन्नाव।

Saturday, April 11, 2020

हौजरानी : लॉकडाउन व हॉटस्पॉट का हो रहा उल्लंघन

दक्षिणी दिल्ली : हौजरानी के गांधी पार्क के पास एक गली को हॉटस्पॉट घोषित कर सील किया गया है। इस गली से बाहर आने-जाने की किसी को इजाजत नहीं है, लेकिन इस गली में लॉकडाउन व हॉटस्पॉट के नियमों का जमकर उल्लंघन हो रहा है। इस गली में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि गली में कई दुकानें खुल रही हैं। लोग गली में खेल रहे हैं। इस दौरान वे शारीरिक दूरी का ध्यान भी नहीं रख रहे हैं। लोग गलियों में खड़े ऑटो में बैठे रहते हैं। स्थानीय निवासी ने बताया कि इन लोगों को कई बार पुलिस व प्रशासन के अधिकारी और वॉलंटियर्स समझा भी रहे हैं, लेकिन उनके हटते ही ये लोग फिर से गली में आकर जुट जाते हैं। कई लोग तो बिना मास्क के ही गली में टहलते हैं। गौरतलब है कि मालवीय नगर के गांधी पार्क की गली को हॉस्टस्पॉट घोषित किया गया है। इस गली में 60 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव मिला है। उनकी भवन निर्माण सामग्री की दुकान है। बुजुर्ग अपने तीन बेटों, तीन बहुओं समेत करीब 15 सदस्यों वाले परिवार में रहते हैं। परिवार के अन्य सदस्य क्वारंटाइन हैं। यहीं की जहांपनाह कॉलोनी में एक मेडिकल छात्र और बिलाल मस्जिद के पास एक एयरपोर्ट कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। दरअसल, इसी गांधी पार्क में दो माह तक सीएए व एनआरसी के विरोध में धरना चला था। इस धरने में हजारों लोग आते-जाते रहे। आशंका है कि इनमें वे तब्लीगी जमात से जुड़े लोग भी शामिल हुए। कुछ प्रदर्शनकारी शाहीन बाग के धरने में भी शामिल हुए थे।

Thursday, April 9, 2020

एक ही सवाल!14 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त होगा या नहीं

कोरोना' के महाप्रकोप से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था जिसके अंतर्गत उन्होंने देशवासियों को घर पर ही रहने, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षा उपायों का पालन करने का आह्वान किया था। कुछ दिन बाद 29 मार्च को समाचार आया कि 'कोरोना' संक्रमण से बचने के लिए देश को लॉकडाउन के एक और दौर से गुजरना पड़ सकता है। इस बारे में केंद्र सरकार के विशेषज्ञों की एक समिति ने 18 अप्रैल से 31 मई तक दोबारा लॉकडाउन की सिफारिश भी की थी परन्तु अगले ही दिन 30 मार्च को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने स्पष्ट कर दिया था कि लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।
इस घोषणा के बाद रेलवे और विमान सेवाओं ने 15 अप्रैल के बाद की यात्रा के लिए टिकटों की बुकिंग भी शुरू कर दी थी जिसका मतलब यह था कि 15 अप्रैल के बाद लोग रेल और हवाई यात्रा कर सकेंगे। इस बीच विभिन्न राज्यों पंजाब, हरियाणा, बिहार, केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू के शिक्षा विभागों और सीबीएसई ने बिना परीक्षा लिए विभिन्न कक्षाओं के बच्चों को अगली कक्षाओं में भेजने का फैसला कर दिया। अब जबकि यह लॉकडाउन समाप्त होने में मात्र 6 दिन बाकी रह गए हैं लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि इसे आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं।
हालांकि इस बारे निर्णय तो सारे हालात देखते हुए केंद्र सरकार ही करेगी परन्तु 'कोरोना' का बढ़ता संक्रमण देखते हुए रेलवे और विमान सेवाओं द्वारा अपनी बुकिंग रद्द कर देने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला लॉकडाउन कुछ दिनों के लिए तो अवश्य आगे बढ़ा ही दिया जाएगा। इस अनुमान को इस तथ्य से भी बल मिलता है कि जहां चीन में लॉकडाउन के बाद वुहान शहर में 'कोरोना' वायरस लौट आया है, वहीं इस बारे गठित मंत्री समूह ने भी स्कूल, कालेज, शॉपिंग मॉल और धर्म स्थल 15 मई तक बंद रखने की सिफारिश कर दी है। अलबत्ता जिस प्रकार लॉकडाउन-1 के अंतिम चरण में दवाओं, सब्जियों आदि की दुकानों को एक निश्चित अवधि के लिए खोलने की अनुमति दे दी गई है, हो सकता है कि अगला लॉकडाउन कुछ बदले हुए रूप में लागू किया जाए।
7 अप्रैल को अपनी बैठक में मंत्री समूह ने कहा है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे न बढ़ाने की स्थिति में भी धार्मिक केंद्रों, शॉपिंग माल और शिक्षण संस्थानों को 4 सप्ताह तक सामान्य ढंग से कामकाज शुरू करने की अनुमति न दी जाए। यही नहीं 8 राज्य मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड, असम और महाराष्ट्र तो पहले ही लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में विचार व्यक्त कर चुके हैं। पंजाब सरकार ने भी अभी हालात अनुकूल न होने के कारण राज्य में लागू कर्फ्यू आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं जिसका फैसला 10 अप्रैल को किया जाएगा।
उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी 7 अप्रैल को कहा है कि सरकार का निर्णय 'कोरोना' वायरस के प्रसार से जुड़े आंकड़ों के अध्ययन पर निर्भर होने के कारण लॉकडाउन का अंतिम सप्ताह इससे बाहर निकलने की रणनीति बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अपने साथ जुड़े हुए स्कूलों के प्रबंधकों के साथ भी आमतौर पर मई से जून के बीच होने वाली गर्मी की छुट्टियां इस बार समय से पहले करने बारे चर्चा कर रहा है। बेशक एक वर्ग का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही कोरोना का प्रकोप भी घट जाएगा क्योंकि गर्मी में इसके विषाणु मर जाते हैं परन्तु अभी तक यह दावा विज्ञान की कसौटी पर खरा नहीं उतरा है।
यदि यह मान भी लिया जाए कि ऐसा संभव है तो भी मौसम का वर्तमान मिजाज देखते हुए इसकी संभावना कम ही दिखाई देती है क्योंकि एक दिन कुछ गर्मी पड़ती भी है तो अगले ही दिन अधिकांश स्थानों पर वर्षा और ओलावृष्टि हो जाने से मौसम फिर कुछ ठंडा हो जाता है। इन हालात में अभी तक तो यही कहा जा सकता है कि 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन किसी न किसी रूप में कुछ और समय के लिए बढ़ाया ही जाएगा और अब तो पीएम मोदी ने भी 8 अप्रैल को विपक्षी नेताओं संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कह दिया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर यह संभावना नहीं है कि लॉकडाउन अभी जल्द समाप्त होगा। अत: हम यही कामना करते हैं कि सब लोग इस सांझे दुश्मन से लड़ने में सरकार को सहयोग दें और कठोरतापूर्वक बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करके इस खतरे को मिटाने में योगदान डालें ताकि इससे हमें जल्दी से जल्दी छुटकारा मिल सके। 

Wednesday, April 8, 2020

कोरोना वायरस: हॉटस्‍पॉट इलाके में रहने वाले लोग क्या कर सकते हैं क्या नहीं? यहां जानें


देश भर में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटों में करोना के 700 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. ऐसे में संक्रमण के मामले बुधवार को बढ़कर 5194 हो गये, जबकि इससे हुई कुल मौत का आंकड़ा 149 पर पहुंच गया है. संक्रमण के खतरे को देखते हुए देश के कई हिस्सों में हॉटस्पॉट की पहचान की गई है. ये वो इलाके हैं जहां से कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं. आज से इन इलाकों को पूरी तरह सील कर दिया गया. हॉटस्पॉट इलाकों में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहर शामिल हैं. आइए एक नज़र डालते हैं कि आखिर इन इलाकों में रहने वाले लोगों पर किस तरह की पाबंदी होगी और उन्हें क्या करना और क्या नहीं करना होगा.
क्या है हॉटस्पॉट? : चूंकि ये वो इलाके हैं जहां से कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं. ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए ऐसे इलाकों को पूरी तरह सील किया जाता है. हॉट स्पॉट के तहत किसी मोहल्ला, सोसाइटी, अपार्टमेंट या किसी खास रोड के आपपास के इलाकों को पूरी तरह बंद किया जाता है.
दिल्ली में ये हैं 20 हॉटस्पॉट: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 20 जगहों को हॉटस्पॉट घोषित किया है. इन इलाकों को बुधवार रात 12 बजे से पूरी तरह से सील कर दिया गया है. ये इलाके हैं:- मालवीय नगर, गांधी पार्क के पास की सभी प्रभावित गली, L-1 संगम विहार, गली नंबर-6, शाहजहांबाद सोसोइटी, प्लॉट नंबर-1, सेक्टर-11, द्वारका, दिनपुर गांव, मरकज मस्जिद और निजामुददीन बस्ती, निजामुद्दीन वेस्ट (G और D ब्लॉक) इलाके, B-ब्लॉक, जहांगीरपुरी, कल्याणपुरी में गली नंबर-14 में मकान नंबर 141 से 180 तक, मंसारा अपार्टमेंट, वसुंधरा एन्क्लेव, दिल्ली, खिचड़ीपुर की 3 गलियां, जिनमें मकान नंबर 5/387 भी शामिल, गली नंबर-9, पांडव नगर, वर्धमान अपार्टमेंट, मयूर विहार, फेज-1 एक्सटेंशन, मयुरध्वज अपार्टमेंट, आईपी एक्सटेंशन, पटपड़गंज, किशनकुंज एक्सटेंशन गली नंबर4 में मकान नंबर J-3/115(नगर डेयरी) से मकान नंबर J-3/108 (अनवर वाली मस्जित चौक तक), किशन कुंज एक्सटेंशन में गली नंबर 4 के मकान नंबर J- 3/101 से मकान नंबर J-3/107 तक। वेस्ट विनोद नगर का गली नंबर 5, A ब्लॉक (मकान नंबर A-176 से A-189 तक), दिलशाद गार्डन के J, K, L और H पॉकेट्स, ओल्ड सीमापुरी के G, H और J ब्लॉक्स, दिलशाह कॉलोनी के F-70 से 90 तक, प्रताप खंड, झिलमिल कॉलोनी, बंगाली मार्केट,
यूपी में कहां है हॉटस्पॉट?: उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर 15 जिलों के क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित कर सील किया गया है. इन जिले में मेरठ, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, महाराजगंज, सीतापुर, बस्ती, शामली शामिल हैं. प्रमुख जिलों में ये इलाके सील होंगे.
हॉटस्पॉट इलाकों में क्या कर सकते हैं और क्या नहीं: इलाके के अंदर और बाहर जाने वाले प्वाइंट्स को पूरी तरह सील कर दिया जाता है.किसी भी दुकान के खुलने की इजाजत नहीं होती है. यहां तक की मेडिकल स्टोर को भी बंद कर दिया जाता है.प्रशासन की तरफ से हर जरूरी सामान की होम डिलेवरी कराई जाती है. एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड को भी एंट्री के लिए परमिशन लेनी पड़ती हैहॉटस्‍पॉट इलाकों में मीडिया के घुसने पर भी पाबंदी रहती है. सिर्फ डॉक्टर को जाने की इजाजत होती है लेकिन वो भी स्पेशल पास के जरिए.घर-घर जाकर जांच की जाएगी कि किसी में संक्रमण के लक्षण तो नहीं हैं या कोई व्‍यक्ति पॉजिटिव मरीज के संपर्क में तो नहीं आया इसका भी पता लगाया जाएगा

Covid-19: चीन के वुहान में 76 दिन बाद खत्म हुआ लॉकडाउन, यहीं से हुई थी कोरोनावायरस की शुरुआत

विश्व में जहां कोरोनावायरस ने तबाही मचा रखी है, वहीं चीन के जिस शहर से इस वायरस की शुरुआत हुई थी, वहां लॉकडाउन खत्म कर दिया गया. चीन के वुहान शहर में पिछले 11 हफ्ते से लॉकडाउन लगा हुआ था. चीन के बाद दूसरे देशों में कोरोनावायरस फैलने के बाद तो कई देशों ने लॉकडाउन लगाया था. वुहान में बुधवार आधी रात को लॉकडाउन हटाया गया. बता दें, चीन के कोविड-19 के 82,000 मामलों में से अधिकांश वुहान में थे. चीन में घातक कोरोना वायरस से संबंधी आंकड़ें जनवरी से प्रकाशित किए जाने के बाद से मंगलवार को पहली बार ऐसा हुआ कि देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया और वह अब इस संक्रमण का केंद्र रहे वुहान को बाहरी लोगों की यात्रा के लिये खोलने की तैयारी कर रहा है.
चीन ने जहां वुहान को खोलना शुरू कर दिया है वहीं कोरोना वायरस के फिर से वापसी को लेकर भी देश में चिंताएं बढ़ रही हैं क्योंकि विदेशों से संक्रमित होकर आए 32 नये मामलों से इनकी संख्या 983 हो गई है. इसने बताया कि जहां सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के घरेलू स्तर पर फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को मौत का कोई मामला सामने नहीं आया. चीन में कोरोना वायरस के मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा 3,331 है. सोमवार को ही चीनी भूभाग पर कुल 30 ऐसे मामले सामने आए जिनमें संक्रमण की पुष्टि तो हुई है लेकिन कोविड-19 के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं.
इस मामले में लोग लक्षण नजर नहीं आने के बावजूद दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं. पिछले हफ्ते से चीन ने ऐसे लोगों की संख्या बतानी शुरू की जिनमें लक्षण नजर नहीं आ रहे थे. लोगों ने इन “मूक वाहकों” से बीमारी के प्रसार को लेकर चिंताएं बढ़ रही थीं. वुहान में दिसंबर में पहला मामला सामने आया और उसके बाद यह जंगल की आग की तरह दुनिया भर में फैल गया. वुहान ने हालांकि बुधवार से रेल और हवाई सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर ली है. वुहान हुबेई प्रांत की राजधानी है और हुबेई ने पहले ही बाहरी लोगों के लिये यात्रा की सुविधा शुरू कर दी है. सरकारी मीडिया के मुताबिक स्थानीय लोगों के लिये आठ अप्रैल को करीब दो महीने से ज्यादा समय के पृथकवास के बाद सामान्य जनजीवन फिर से शुरू होगा. महामारी रोग विशेषज्ञों का मानना है कि अभी हालांकि इस बीमारी को लेकर असावधान होने का समय नहीं है और न ही पाबंदियों को पूरी तरह हटाने का. उनका यह बयान खास तौर पर उन संक्रमित लोगों को लेकर है जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं. प्रशासन ने 76 दिनों से चले आ रहे कड़े प्रतिबंध हटाते हुए हालांकि स्थानीय लोगों से कहा है कि समुदाय आधारित सख्त निगरानी व प्रबंधन बरकरार रखें और यह सुनिश्चित करें कि संक्रमण के नए मामले यातायात की बहाली के बाद सामने न आएं.सरकारी ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक स्थानीय लोग जहां प्रतिबंध हटने को लेकर उत्साहित हैं वहीं महामारी रोग विशेषज्ञों, स्थानीय चिकित्सकों और अधिकारियों ने चेतावनी दी कि यह खुश होने का समय नहीं है क्योंकि वायरस को लेकर अभी सारी बातें स्पष्ट नहीं हैं और संक्रमित लोगों की संख्या के साथ ही ऐसे लोगों के सामने आने से मुश्किलें बढ़ रही हैं जिनमें संक्रमण के बावजूद लक्षण नजर नहीं आ रहे. वुहान में शहर के अंदर परिवनह सेवाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं और बुधवार को यहां से चीन के अन्य हिस्सों के लिये रेल और हवाई सेवा भी शुरू हो जाएगी.

गरीबी में फंस सकते हैं भारत में 40 करोड़ मजदूर: संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र के श्रम निकाय ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस संकट के कारण भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 40 करोड़ लोग गरीबी में फंस सकते हैं और अनुमान है कि इस साल दुनिया भर में 19.5 करोड़ लोगों की पूर्णकालिक नौकरी छूट सकती है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने अपनी रिपोर्ट ‘आईएलओ निगरानी- दूसरा संस्करण : कोविड-19 और वैश्विक कामकाज' में कोरोना वायरस संकट को दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे भयानक संकट बताया है. आईएलओ के महानिदेशक गाय राइडर ने मंगलवार को कहा, ‘‘विकसित और विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाओं में श्रमिकों और व्यवसायों को तबाही का सामना करना पड़ रहा है। हमें तेजी से, निर्णायक रूप से और एक साथ कदम उठाने होंगे.''
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में दो अरब लोग अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं। इनमें से ज्यादातर उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में हैं और ये विशेष रूप से संकट में हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 संकट से पहले ही अनौपचारिक क्षेत्र के लाखों श्रमिकों प्रभावित हो चुके हैं. आईएलओ ने कहा, ‘‘भारत, नाइजीरिया और ब्राजील में लॉकडाउन और अन्य नियंत्रण उपायों से बड़ी संख्या में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के श्रमिक प्रभावित हुए हैं.'' रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करने वालों की हिस्सेदारी लगभग 90 प्रतिशत है, इसमें से करीब 40 करोड़ श्रमिकों के सामने गरीबी में फंसने का संकट है.'' इसके मुताबिक भारत में लागू किए गए देशव्यापी बंद से ये श्रमिक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उन्हें अपने गांवों की ओर लौटने को मजबूर होना पड़ा है. राइडर ने कहा, ‘‘यह पिछले 75 वर्षों के दौरान अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए सबसे बड़ी परीक्षा है। यदि कोई एक देश विफल होगा, तो हम सभी विफल हो जाएंगे. हमें ऐसे समाधान खोजने होंगे जो हमारे वैश्विक समाज के सभी वर्गों की मदद करें, विशेष रूप से उनकी, जो सबसे कमजोर हैं या अपनी मदद करने में सबसे कम सक्षम हैं.'' रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार में सबसे अधिक कटौती अरब देशों में होगी, जिसके बाद यूरोप और एशिया-प्रशांत का स्थान होगा. (यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Sunday, April 5, 2020

आपकी जेब पर कितना बोझ डाल सकता है कोरोनावायरस का इलाज

कोरोनावायरस पुरी दुनिया के लिए एक ऐसी हेल्थ इमर्जेंसी के रूप में आया है कि इन्सान की जान के साथ-साथ पर जेब पर असर डाल रहा है। इकॉनमीज खस्ताहाल होती जा रही हैं और जो इस महामारी से संक्रमित हो चुका है उसकी तो इलाज में आर्थिक रूप से कमर टूट जा रही है। कोरोनावायरस की चपेट में आने वालों में बहुत कम लोगों की मौत होती है। सही समय पर इलाज उन्हें बचा सकता है, लेकिन इसका इलाज सस्ता नहीं। आइए जानें स्वास्स्थ्य को पस्त करने वाले और खर्च से कमर तोड़ने वाले इस वायरस के मरीज के इलाज पर कितना खर्च आ सकता है। कोरोनावायरस दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। प्राइवेट हों या सरकारी अस्पताल, संक्रमितों का इलाज करने में सबने दिन-रात एक कर दिए हैं। चूंकि सरकारी अस्पताल कोरोना मरीजों और संदिग्धों से भरे पड़े हैं, प्राइवेट में इसका खर्च समझना बहुत जरूरी है। सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोनावायरस के इलाज को लेकर गाइडलाइन्स जारी की थीं। इसमें खर्च को लेकर कोई बाध्यता नहीं थी। सुपर स्पेशैलिटी अस्पताल में भर्ती होने पर जाहिर है खर्च बहुत ज्यादा होगा। जनरल वॉर्ड का खर्च 11 हजार रुपये और ICU के लिए 50 हजार रुपये हो सकता है। सरकारी अस्पताोलं के मुकाबले सुपर स्पेशैलिटी अस्पताल काफी महंगे हैं। वहीं, मेडिकल वार्डों को आइसोलेशन वार्डों में तब्दील करने की वजह से कॉस्ट और बढ़ गई है। साथ ही पीपीई किटस की कॉस्ट भी इसमें जुड़ गई है। कोविड-19 मरीज को ठीक होने में करीब 15 दिनों का वक्त लगता है। ऐसे में एक-एक दिन करके इलाज की लागत बढ़ती है और करीब 750000 रुपये तक का खर्च बैठता है। जनरल वॉर्ड की बात करें को खर्च करीब 165000 तक होता है। इस कॉस्ट में अगर वेंटिलेटर का खर्च जोड़ लिया जाए तो खर्च और बढ़ जाएगा।  कोरोनावारस का इलाज फिलहाल इतना महंगा है कि आम आदमी की कमर तोड़ दे, उसक सारी सेविंग्स एक झटके में खत्म हो सकती हैं। सिर्फ अस्पताल में भर्ती रहने का खर्च ही काफी ज्यादा है। इकॉनमी पहले ही Coronavirus के कारण खस्ताहाल हो चुका है। ऐसे में यह जरूरी है कि सरकार जनता के लिए सामाजिक सुरक्षा के लिए इंतजाम करे। Report@NBT




हौजरानी प्रेस एन्क्लेव में बन सकता है फ्लाईओवर: 50 हजार से ज्यादा लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा

दिल्ली वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। साकेत मैक्स अस्पताल के बाहर पंडित त्रिलोक चंद शर्मा मार्ग पर लगने वाले जाम से जल्द मुक्ति मिलेगी। प...