कोरोना वायरस के संक्रमितों और संदिग्धों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग अब मेडिकल स्टोर संचालकों की मदद लेगा। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों से खांसी, जुकाम, बुखार की दवा लेने पहुंच रहे लोगों की जानकारी मांगी है। इसके बाद स्टोर संचालक इसका रिकॉर्ड तैयार करने लगे हैं, जिसे स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा किया जाएगा। इस रिकॉर्ड के आधार पर भी स्वास्थ्य विभाग संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उनकी जांच कराएगा, जिससे यह पता लगाया जाएगा कि वे कोरोना संक्रमित हैं या नहीं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमित जमातियों और दूसरे रोगियों के संपर्क में आने वाले छिप रहे हैं। वे अपनी सेहत की जांच कराने के लिए खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ रहा है। बहुत से कोरोना संदिग्ध रोगी चुपचाप मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खा रहे हैं। ऐसे में उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है। वहीं उनसे दूसरे लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों से खांसी, जुकाम, बुखार की दवा ले जा रहे रोगियों की जानकारी जुटाने को कहा है।
संदिग्धों की जांच कराएगा स्वास्थ्य विभाग : जिला महामारी विशेषज्ञ राम प्रकाश ने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालकों से ऐसे रोगियों का नाम, पता और डॉक्टर की पर्ची का रिकॉर्ड अपने पास रखने को कहा है। इस रिकॉर्ड को लेकर विभाग संदिग्धों की जांच कराएगा। वहीं केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य राजेश गोयल ने बताया कि वह दुकान पर खांसी, जुकाम और बुखार की दवा लेने आने वालों का रिकॉर्ड तैयार करने के साथ, मास्क और सेनेटाइजर लेने वालों का भी रिकॉर्ड बना रहे।
पर्चा बिना दवा न देने की हिदायत: जिले में 1200 से ज्यादा मेडिकल स्टोर हैं। इन सभी को जिला औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से भी सख्त हिदायतें दी गईं हैं। विभाग की ओर से दिए निर्देशों में यह साफ कहा गया है कि कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक रोगियों को डॉक्टर का पर्चा देखे बिना दवाई न दें। दवा का दुरुपयोग न हो इसके लिए यह निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा किसी भी रोगी को ज्यादा मात्रा में दवा न देने की भी हिदायत दी है।

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