Wednesday, April 22, 2020

लॉकडाउन में कुछ और बढ़ा छूट का दायरा, देखिए कहां-कहां खुलेंगे बंद शटर

कोरोना वायरस महामारी covid 19 पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया है. हालांकि सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 अप्रैल से कुछ उद्योगों को शर्तों के साथ लॉकडाउन से राहत देने का फैसला लिया था. सरकार ने लॉकडाउन से राहत पाने वाले उद्योगों और सेवाओं का दायरा बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए है. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने निर्देश जारी कर छात्रों के लिए एजुकेशनल कितानों की दुकानों को भी लॉकडाउन से राहत दे दी है. इसके साथ ही बढ़ती गर्मी को देखते हुए बिजली के पंखे बेचने वाली दुकानों को भी खोलने के आदेश दे दिए हैं. निर्देशो के मुताबिक अब वृक्षारोपण (plantation) में इस्तेमाल होने वाले सामान को भी एक राज्य से दूसरे राज्य तक ले जाया जा सकेगा. वहीं शहर उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली मधुक्खियों की कॉलोनी और शहद और उससे जुड़े उत्पादों को भी एक राज्य से दूसरे राज्य तक ले जाने की अनुमति दी गई है. कृषि और हॉटीकल्चर (Horticulture) से जुड़े शोध कार्यों और उनसे जुड़े संस्थानों को भी खोलने की अनुमति दी गई है. सरकार ने भारतीय बंदरगाहों पर भारतीय नाविकों को आने और जाने की अनुमति दे दी है. हालांकि उन्हें निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा. वहीं सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों में वन विभाग से जुड़े कार्यालयों को खोलने और वृक्षारोपण को भी अनुमति दी है. देश के सभी जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. हॉटस्पॉट जोन में कोई गतिविधि शुरू नहीं होगी. वहीं नॉन हॉटस्पॉट जोन और ग्रीन जोन (Green zone) में आज 20 अप्रैल से इकोनॉमिक एक्टिविटी शुरू कर दी जाएगी. इसको लेकर 17 अप्रैल को केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है. सरकार के इस ऐलान के बाद कई सेक्टर्स में एक बार फिर से काम शुरू हो सकेगा.देश की कुल जीडीपी में 34.64 फीसदी योगदान एग्रीकल्चर सेक्टर का है. ऐसे में सरकार की ओर से कृषि और उससे जुड़े उद्योगों को बड़े पैमाने पर लॉकडाउन से राहत देने का ऐलान किया गया है. इन उद्योगों में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस सर्विस, मछलियों का खाना, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग, कॉमर्शियल एक्वेरियम, मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, चाय, कॉफी, रबर, काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, मक्का की मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन का काम शुरू हो सकेगा. सरकार ने डेटा, कॉल सेंटर और आईटी ऑफिस खोलने के लिए मंजूरी दी है. साथ ही इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सेवा देने वाले कर्मी भी अपनी सेवाएं शुरू कर पाएंगे. रूरी सामान बनाने वाली इंडस्ट्री जैसे चिकित्सा उपकरण, आईटी हार्डवेयर, खनन, जूट उद्योग से जुड़ी कंपनियों भी उत्पादन शुरू कर सकती है. रिपोर्टस के मुताबिक, जीडीपी में इनका योगदना 16.57 फीसदी है.रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर भी सरकार ने राहत दी है. रियल एस्टेट प्रोजेक्ट और सभी इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. हालांकि, शहरी क्षेत्रों में भी सिर्फ उन्हीं को कंस्ट्रक्शन करने की छूट है, जहां साइट पर ही मजदूर उपलब्ध हैं. इससे प्रवासी कामगारों पर मंडरा रहा रोजगार का संकट काफी हद तक टल सकता है. आपको बता दें कि रियल एस्टेट सेक्टर का देश की जीडीपी में 7.74 फीसदी योगदान है. केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से कुछ उद्योगों और कारोबार को लॉकडाउन के दौरान राहत न देने का ऐलान किया है. निर्देशों के मुताबिक गैर जरूरी सामानों की दुकानें भी नहीं खुलेंगी, मॉल, शॉपिंग कॉम्पलैक्स, बार, होटल, पर्यटक स्थल, सिनेमा हॉल सहित कुछ अन्य उद्योगों पर लॉकडाउन के तहत रोक जारी रहेगी. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने लॉकडाउन से जुड़े अपने दिशा-निर्देशों में रविवार को संशोधन किया है. गृह मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान E-Commerce कंपनियां गैर आवश्यक वस्तुएं (Non-essential goods) की बिक्री नहीं कर पाएंगी.

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