कोरोना के खतरे के कारण देशभर में लॉकडाउन लागू है। इस बीच मुंबई के बांद्रा में हजारों लोग सड़क पर उतर आए हैं। इतने सारे लोगों के सड़क पर आने से कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ गया है। जानकारी के मुताबिक, ये लोग खाने की समस्या बता रहे हैं और घर भेजने की मांग कर रहे हैं। कोरोना से बुरी तरह प्रभावित मुंबई में इस कदर भीड़ का उमड़ना काफी डराने वाला है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी। हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे। देशमुख ने ने कहा, 'जिस तरह से लॉकडाउन बढ़ाया गया यह उसी का परिणाम है। लोग सोच रहे थे कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और वे अपने घर जाएंगे लेकिन पीएम मोदी के संबोधन के बाद वे निराश हो गए और उनका गुस्सा फूटा तो सड़कों पर उतर आए।' कहा जा रहा है कि भीड़ के रूप में जुटे ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों के प्रवासी कामगार हैं। ये लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें यहां खाने-पीने की समस्या हो रही है इसलिए ये अपने घर जाना चाहते हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन लोगों को तितर-बितर कर दिया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ कम हो गई है। बताया जा रहा है कि लोगों में अनिश्चितता है कि लॉकडाउन कब तक चलेगा ऐसे में लोग घबरा गए हैं। स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और हरसंभव मदद की जाएगी।
शाह ने उद्धव को फोन कर जताई चिंता: इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री एचएम अमित शाह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को फोनकर बांद्रा की घटना पर चिंता जाहिर की। शाह ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई कमजोर होगी। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सजग रहने की आवश्यकता है। गृहमंत्री ने महाराष्ट्र को केंद्र की तरफ से पूरा सहयोग का आश्वासन दिया।
आदित्य ठाकरे ने केंद्र को ठहराया जिम्मेदार: दूसरी ओर, इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने इस स्थिति के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है। आदित्य ने ट्वीट कर कहा कि बांद्रा में इकट्ठा हुए लोग अब चले गए हैं, लेकिन यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। महाराष्ट्र में 6 लाख लोग शेल्टर होम में रह रहे हैं। केंद्र सरकार के सामने मुद्दा रखा गया था कि इन लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की कोशिश की जाए। उनके पास खाना नहीं है और वे घर जाना चाहते हैं।
बांद्रा की घटना दुखद : फडणवीस: वहीं, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बांद्रा की घटना बहुत दुखद है। हम पहले दिन से सरकार से कह रहे हैं कि जिन मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है उनका इंतजाम करें। राज्य सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि कैसे सभी को भोजन और राशन मिलेगा।
कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में, 200 से ज्यादा मौत: अब तक कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही सामने आए हैं। राज्य में कोरोना के कुल 2334 मरीज सामने आए हैं। इसमें से 217 मरीज ठीक हो चुके हैं और कोरोना के चलते 160 लोगों की मौत हो चुकी है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ओर से बताया गया है कि मुंबई में मंगलवार को कोरोना के 204 नए मामले सामने आए हैं और 11 लोगों की मौत हुई है। इस प्रकार सिर्फ मुंबई में ही कोरोना के संक्रमितों की कुल संख्या 1753 हो चुकी है। मुंबई शहर में ही कोरोना के चलते 111 लोगों की मौत हो चुकी है।
लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद घबराए लोग: 21 दिन के लिए देश में लागू लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इससे पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे देश को संबोधित करते हुए ऐलान किया अब देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि लोग लॉकडाउन को लंबा खिंचता देख घबरा गए और घर भेजने की मांग करने लगे।
No comments:
Post a Comment