कोरोना' के महाप्रकोप से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था जिसके अंतर्गत उन्होंने देशवासियों को घर पर ही रहने, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षा उपायों का पालन करने का आह्वान किया था। कुछ दिन बाद 29 मार्च को समाचार आया कि 'कोरोना' संक्रमण से बचने के लिए देश को लॉकडाउन के एक और दौर से गुजरना पड़ सकता है। इस बारे में केंद्र सरकार के विशेषज्ञों की एक समिति ने 18 अप्रैल से 31 मई तक दोबारा लॉकडाउन की सिफारिश भी की थी परन्तु अगले ही दिन 30 मार्च को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने स्पष्ट कर दिया था कि लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।
इस घोषणा के बाद रेलवे और विमान सेवाओं ने 15 अप्रैल के बाद की यात्रा के लिए टिकटों की बुकिंग भी शुरू कर दी थी जिसका मतलब यह था कि 15 अप्रैल के बाद लोग रेल और हवाई यात्रा कर सकेंगे। इस बीच विभिन्न राज्यों पंजाब, हरियाणा, बिहार, केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू के शिक्षा विभागों और सीबीएसई ने बिना परीक्षा लिए विभिन्न कक्षाओं के बच्चों को अगली कक्षाओं में भेजने का फैसला कर दिया। अब जबकि यह लॉकडाउन समाप्त होने में मात्र 6 दिन बाकी रह गए हैं लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि इसे आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं।
हालांकि इस बारे निर्णय तो सारे हालात देखते हुए केंद्र सरकार ही करेगी परन्तु 'कोरोना' का बढ़ता संक्रमण देखते हुए रेलवे और विमान सेवाओं द्वारा अपनी बुकिंग रद्द कर देने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला लॉकडाउन कुछ दिनों के लिए तो अवश्य आगे बढ़ा ही दिया जाएगा। इस अनुमान को इस तथ्य से भी बल मिलता है कि जहां चीन में लॉकडाउन के बाद वुहान शहर में 'कोरोना' वायरस लौट आया है, वहीं इस बारे गठित मंत्री समूह ने भी स्कूल, कालेज, शॉपिंग मॉल और धर्म स्थल 15 मई तक बंद रखने की सिफारिश कर दी है। अलबत्ता जिस प्रकार लॉकडाउन-1 के अंतिम चरण में दवाओं, सब्जियों आदि की दुकानों को एक निश्चित अवधि के लिए खोलने की अनुमति दे दी गई है, हो सकता है कि अगला लॉकडाउन कुछ बदले हुए रूप में लागू किया जाए।
7 अप्रैल को अपनी बैठक में मंत्री समूह ने कहा है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे न बढ़ाने की स्थिति में भी धार्मिक केंद्रों, शॉपिंग माल और शिक्षण संस्थानों को 4 सप्ताह तक सामान्य ढंग से कामकाज शुरू करने की अनुमति न दी जाए। यही नहीं 8 राज्य मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड, असम और महाराष्ट्र तो पहले ही लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में विचार व्यक्त कर चुके हैं। पंजाब सरकार ने भी अभी हालात अनुकूल न होने के कारण राज्य में लागू कर्फ्यू आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं जिसका फैसला 10 अप्रैल को किया जाएगा।
उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी 7 अप्रैल को कहा है कि सरकार का निर्णय 'कोरोना' वायरस के प्रसार से जुड़े आंकड़ों के अध्ययन पर निर्भर होने के कारण लॉकडाउन का अंतिम सप्ताह इससे बाहर निकलने की रणनीति बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अपने साथ जुड़े हुए स्कूलों के प्रबंधकों के साथ भी आमतौर पर मई से जून के बीच होने वाली गर्मी की छुट्टियां इस बार समय से पहले करने बारे चर्चा कर रहा है। बेशक एक वर्ग का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही कोरोना का प्रकोप भी घट जाएगा क्योंकि गर्मी में इसके विषाणु मर जाते हैं परन्तु अभी तक यह दावा विज्ञान की कसौटी पर खरा नहीं उतरा है।
यदि यह मान भी लिया जाए कि ऐसा संभव है तो भी मौसम का वर्तमान मिजाज देखते हुए इसकी संभावना कम ही दिखाई देती है क्योंकि एक दिन कुछ गर्मी पड़ती भी है तो अगले ही दिन अधिकांश स्थानों पर वर्षा और ओलावृष्टि हो जाने से मौसम फिर कुछ ठंडा हो जाता है। इन हालात में अभी तक तो यही कहा जा सकता है कि 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन किसी न किसी रूप में कुछ और समय के लिए बढ़ाया ही जाएगा और अब तो पीएम मोदी ने भी 8 अप्रैल को विपक्षी नेताओं संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कह दिया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर यह संभावना नहीं है कि लॉकडाउन अभी जल्द समाप्त होगा। अत: हम यही कामना करते हैं कि सब लोग इस सांझे दुश्मन से लड़ने में सरकार को सहयोग दें और कठोरतापूर्वक बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करके इस खतरे को मिटाने में योगदान डालें ताकि इससे हमें जल्दी से जल्दी छुटकारा मिल सके।
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