देश की राजधानी के कई इलाकों में हिंसा हुई। विशेषकर उत्तर पूर्वी क्षेत्र में जान माल का सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ। दंगे में सरकार पर सवाल खड़े किये जा रहे है। सरकार पर यह आरोप लगाया जा रहा है की अगर सरकार चाहती तो दंगों को रोका जा सकता था पर सरकार ने दंगे होने दिए। दंगे में देशवासी मरता रहा दुकाने और घर फुंकते रहे लेकिन पीएम मोदी अमरीकी राष्ट्रपति का स्वागत कर रहे थे। पीएम मोदी उन्हें ताजमहल दिखा रहे थे तस्वीर खिंचवा रहे थे और देश की तस्वीर ढलते सूरज के साथ बद से बदतर होती जा रही थी।
देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए कहा – ‘सरकार ने हिंसा रोकने की कोशिश नहीं की। हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी और सरकार सोती रही, अगर चाहती तो ये सब रोक लेती।’ पूर्व उपराष्ट्रपति ने इतिहास की बात को दोहराते हुए कहा, पहले भी दिल्ली में कत्लेआम हुए। लेकिन वो बाहर वाले आक्रमणकारी करते-करवाते थे। अब दूसरे तरह की हत्या हुई हैं। 1947 में जो हुआ सबसे भयानक था। लेकिन यह पहली बार है जब सब कह रहे हैं कि सरकार ने रोकने की कोशिश नहीं की।’ आपकी जानकारी के लिए बता दें की दिल्ली में हुई हिंसक झड़प में अब तक 46 लोगों के मारे जाने की खबर है और लगभग 250 लोगों के घायल होने की बात सामने आ रही है। Report@boltahindustan
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