Saturday, September 11, 2021

महिला सिविल डिफेंस कर्मी हत्याकांड : कैंडल मार्च निकालकर CBI जांच की मांग की


राजधानी के संगम विहार में सिविल डिफेंस कर्मचारी के साथ हुई हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसको लेकर छतरपुर इलाके में सैकड़ों की तादात में लोगों ने कैंडल मार्च निकाला और मृतका के इंसाफ के लिये नारेबाजी की. लोगों का कहना है कि देश में कहीं भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. देश की राजधानी में इस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं, फिर भी प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. इन घटनाओं पर रोक नहीं लग रही है. लोगों का कहना है कि अभी तक इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई भी कदम नहीं उठाया गया. दिल्ली सरकार की तरफ से अभी तक कोई भी नुमाइंदा इस मामले पर एक शब्द भी नहीं बोला है. लोगों की यही मांग है कि इस मामले में सीबीआई जांच कराई जाए. सामाजिक कार्यकर्ता सलीम खान ने बताया कि देश की बेटी को इंसाफ नहीं मिल रहा है. देश की बेटियों के साथ बर्बरता हो रही है, लेकिन न सरकार कुछ कर रही है और न ही कोई ठोस कदम उठाये जा रहे हैं. यही मांग है कि इस मामले पर कोर्ट संज्ञान ले. महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. बहन-बेटियों की निर्मम तरीके से हत्या की जा रही है!

Wednesday, September 8, 2021

‘निर्भया, आसिफ़ा, गुड़िया और राबिया, नाम अलग अलग मगर कहानी एक है’ (महिला दिवस मानाने, क़ानून बना देने और नारे लगाने से औरत सुरक्षित नहीं हो जाती)

कलीमुल हफ़ीज़ : इतिहास के थोड़े से समय को छोड़ कर नारी हमेशा पीड़ित या मज़लूम ही रही है। धर्म के नाम पर भी महिलाओं के अधिकारों पर डाका डाला गया है। दीन ए इस्लाम ने औरतों को जो अधिकार दिए थे और इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद स. अ. व. ने जो ऊँचा स्थान एवं सम्मान दिया था, मुसलमानों ने भी उन तालीमात पर पूरी तरह अमल न कर के अपनी भी रुसवाई का सामान किया और दीन ए इस्लाम की बदनामी का कारण भी बने।

आसमानी दीन के नाम पर बाक़ी सभी धर्म जो आज मौजूद हैं, उन में तो नारी को मानवीय स्तर से भी नीचे गिरा दिया गया है। औरत पर अत्याचार, ज़ुल्म व सितम धर्मों की बदली हुई और अमानवीय अर्थात ग़ैर इंसानी तालीमात का नतीजा भी है। परन्तु आज के लोकतांत्रिक समाज में, जहाँ ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक और एक चपरासी से लेकर सर्वोच्च पदों तक औरत की पहुँच हो चुकी हो। जिस राजतंत्र और सिस्टम का दावा हो कि उसने महिलाओं को बराबरी का अधिकार देकर मर्दों के साथ ला खड़ा किया है। यदि उसी सिस्टम के भीतर औरतों पर अत्याचार और ज़ुल्म होता है और उसके साथ अमानवीय व्यवहार होता हो तो आश्चर्य होना लाज़मी है।
ज़माना जिस क़दर तरक़्क़ी कर रहा है, उसी रफ़्तार से अपराध भी बढ़ता जा रहा है। इस मामले में हमारा महान भारत कुछ ज़्यादा ही तरक़्क़ीयाफ़्ता है। "बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ" और ''मेरा ईमान नारी सम्मान'' जैसे मनमोहक नारों के बाद तो महिलाओं का बलात्कार और उन के साथ दुर्व्यवहार कई गुणा अधिक हो गया है। महिलाओं का अपहरण, बलात्कार और उसके बाद उनकी निर्मम हत्या, यह सारी घटनाएं आपको सभी केसों में देखने को मिलेंगी। आप हर मामले में यह भी पाएंगे कि पीड़िता का संबंध दलित, पिछड़ा समाज या मुस्लिम तब्क़े से होगा। जब कि उत्पीड़क यानी ज़ालिम उच्च जाति का होगा और सत्ताधारी पार्टी से उसके रिश्ते होंगे।
महिलाओं के उत्पीड़न और उन पर होने वाले ज़ुल्म व सितम के अनेक कारण हैं। जिन पर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए। मेरे ख़याल से सब से पहला कारण जैसा कि मैंने अपने दूसरे वाक्य में ही इशारा किया, मज़हब के नाम पर जो विचार समाज में पाए जाते हैं वह ध्यान देने योग्य हैं। जिस धर्म में स्त्रियों की गिनती पशुओं के बाद आती हो, जिसे ख़रीदा और बेचा जा सकता हो, या जिसे विरासत में बांटा जा सकता हो, जहाँ उन्हें गुनाहों की देवी और पाप की जननी कहा जाता हो, जहां उसकी शक्ल देख लेने भर से नेकियाँ बरबाद हो जाती हों, जहाँ जन्नत से निकलवाने का आरोप औरतों पर लगाया जाता हो। उस धर्म और कल्चर के मानने वाले मर्दों से महिलाओं के सम्मान की अपेक्षा करना फ़िज़ूल है। और दुर्भाग्य से यदि उस महिला का ताल्लुक़ मुस्लिम, दलित या शूद्र वर्ग से हो तब तो वह हर तरह से हलाल है। रेप की शिकार औरतों की 80-90 प्रतिशत तादाद उसी वर्ग और समाज से है।
भारत जैसे धर्म प्रधान देश में किसी भी धर्म की यह शिक्षा अपना असर ज़रूर दिखाती है। मुस्लिम लड़कियों के साथ ये बर्बरता में शामिल अधिकतर स्थानों पर ऊँची जाति के लोग ही होते हैं, बहुत ही कम घटनाएं ऐसी हैं जहां कुकर्मियों का रिश्ता मुसलमानों से है। लेकिन मुसलमानों के ताल्लुक़ से यह बात संतोषजनक है कि उनका दीन महिलाओं के शोषण का समर्थन नहीं करता।
औरतों पर अत्याचार का दूसरा बड़ा कारण देश में क़ानून नाफ़िज़ करने और न्याय करने वाली संस्थाओं में करप्शन और घूसख़ोरी की कुप्रथा है। हम सब यह बात भलीभांति जानते हैं कि करप्शन के मामले में पुलिस कम नहीं है। यहां बड़े से बड़ा अपराधी पैसे देकर छूट जाता है। यहां थोड़ी सी लालच में निर्दोष व्यक्ति को पुलिस द्वारा जेल की काल कोठरी में डाल दिया जाता है, यहाँ सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के दबाव में पुलिस अपनी ड्यूटी से भी मुंह मोड़ लेती है। जब किसी देश में क़ानून के रक्षक ही अपना फ़र्ज़ न निभाएँ तो उस देश में इस प्रकार की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।
आप जिस केस को चाहें उठाकर देख लें। सब से पहले तो पुलिस FIR लिखने को ही तैयार नहीं होगी और यदि मजबूर हो कर लिखेगी भी तो अपराधी के लिए बच निकलने का रास्ता छोड़ पीड़ित को ही मुक़दमे में फ़ांस लेगी। उन्हें डराएगी धमकाएगी और यदि किसी तरह मामला अदालत तक पहुंच गया तो गवाहों का न मिलना तो निश्चित है। न्याय प्रणाली की जटिलताएं मुक़दमों के बरवक़्त फैसले की राह में रुकावट बन जाती हैं। इंसाफ़ मिलने वाली देरी अपराधियों के हौसले बढ़ाती है।
हर किसी का मुक़द्दर निर्भया जैसा नहीं होता कि सारा देश उसके साथ खड़ा हो जाए और अदालत को तुरंत न्याय देने पर विवश होना पड़े। दुर्भाग्य यह है कि निर्भया के समय में जो लोग उसको इंसाफ़ दिलाने के लिए आंदोलित थे और सड़कों पर संघर्ष कर रहे थे वही लोग आज सत्ता में हैं और इन के राज में हर दिन एक निर्भया हवस की भेंट चढ़ती जा रही है।
एक कारण हमारा पाठ्यक्रम और एजुकेशन सिस्टम भी है। पूरे पाठ्यक्रम में इंसान दोस्ती, महिलाओं का सम्मान, बहनों की इज़्ज़त-आबरू की हिफ़ाज़त जैसे महत्वपूर्ण विषय पर कोई किताब पाठ्यक्रम में शामिल ही नहीं है, और यदि है भी तो पढ़ाई नहीं जाती। इसके विपरीत कामवासना को उत्तेजित करने वाले स्रोतों की भरमार है, उदहारण के तौर पर यूनिफॉर्म के नाम पर नग्नता, कल्चरल प्रोग्राम के नाम पर डांस, अधिकांश विद्यालयों में पुरुष शिक्षकों का महिला शिक्षिकाओं के साथ प्रेम प्रसंग आदि। आज ना वह शिक्षक हैं जो अपने छात्रों को अनुशासन और नैतिक मूल्यों की तालीम देते थे। ना वह मां बाप हैं जो अपने बच्चों पर नज़र रखते थे। एजुकेशन सिस्टम की इस ख़राबी ने इंसानियत को हैवानियत के मक़ाम पर ला कर खड़ा कर दिया है।
धर्म, ज़ात और पार्टियों के भेदभाव ने भी अपराधियों के हौसले बढ़ा दिए हैं। जब इंसाफ़ और क़ानून नाफ़िज़ करने वाली संस्थाएं धर्म और जाति देख कर कारवाई करती हों, जहां सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के बीच इंसाफ़ के पैमाने बदल जाते हों, वहां सब से पहले जो चीज़ असुरक्षित हो जाती है वह इंसान की जान है। इंसानों में औरत सब से ज़्यादा ज़ुल्म की शिकार होती है। अगर मुजरिम सत्ताधारी पार्टी का हो तो उसके ख़िलाफ़ पहले तो मुक़दमे ही नहीं लिखे जाते और अगर किसी दबाव में आकर पुलिस FIR लिखने पर मजबूर भी होती है तो क़ानून की धाराएं हलकी कर दी जाती हैं। कभी कभी तो इस अंधेर नगरी में दोषियों के बदले निर्दोष को ही जेल भेज दिया जाता है।
अपराध के बढ़ते हुए आंकड़े ख़ास तौर पर औरतों के साथ बर्बरता एवं अत्याचार का एक कारण मीडिया भी है। मीडिया भी दो भाग में बंटी हुई है। एक गिरोह वह है जिसे हुकूमत की सरपरस्ती हासिल है, यह गिरोह बड़ा भी है और शक्तिशाली भी। दूसरा गिरोह जो सरकार की सरपरस्ती से वंचित है, वह बहुत छोटा है। उसकी आवाज़ दब जाती है या दबा दी जाती है। इसका मतलब यह है कि जब देश के सारे स्तंभ मीडिया, प्रशासन और अदालत मुजरिम की हौसला अफ़ज़ाई करने में मसरूफ़ हों तब आपकी बहू बेटियाँ कैसे सुरक्षित रह सकती हैं?
सवाल यह है कि इन हालात में हमारी क्या ज़िम्मेदारी है। क्या मात्र क़ानून बना देने भर से औरत को सुरक्षा और बराबरी के अधिकार मिल सकते हैं। क्या मात्र सड़कों, बसों और ऑटो रिक्शा पर नारे लिख देने से औरत का सम्मान और उसकी गरिमा को बाक़ी रखा जा सकता है ? क्या 'महिला दिवस’ मना लेने से औरत महफ़ूज़ हो जाती है? या उसके लिए हमें अपनी मानसिकता, दिल और दिमाग़ की तरबियत करना होगी। जहां औरत के बारे में गंदे और बुरे ख़यालात जन्म लेते हैं? क्या ऐसे हालात में हम को अपने पाठ्यक्रम में स्त्रियों की पवित्रता और गरिमा को समझने वाले अध्याय को शामिल नहीं करना चाहिए?
महिलाओं को यह भी समझना चाहिए कि उनके पास उनकी जान से प्यारी उनकी इज़्ज़त-आबरू है। स्त्रियों को उन पाखंडियों से चौकन्ना रहने की ज़रुरत है, जो उनकी आज़ादी का आंदोलन अपने कामवासना को सुख पहुँचाने के लिए चलाते हैं। वास्तव में उन्हें महिलाओं से कोई हमदर्दी नहीं होती। जब एक ऐसी लड़की जो ख़ुद दूसरों को सुरक्षा देने की ट्रेनिंग ले चुकी हो, वही लड़की एक ऐसे क्रूर और ज़ालिम के हवस का शिकार हो जाती है जो क़ानून का मुहाफ़िज़ है तो उस से समाज की बाक़ी दूसरी बहन बेटियों की हिफ़ाज़त का सवाल बेमानी (अर्थहिन) हो जाता है।
जब इंसानियत की इज़्ज़त के मुहाफ़िज़ ही शोषण करने और उनकी आबरू के लुटेरे बन जाएं तो आम और मनचले आवारा लड़कों से किसी प्रकार के संस्कार और अनुशासन की उम्मीद कैसे की जा सकती है? आवश्यक है कि सत्ताधारी शक्तियां उन पॉलिसियों पर पुनर्विचार करें, जिन के कारण देश में अश्लीलता और बेहयाई में इज़ाफ़ा हो रहा हैं। क़ानून के मुहाफ़िज़ और अद्ल व इंसाफ़ के अलम्बरदार भी विश्लेषण करें कि आख़िर मुजरिमों और अपराधियों का साहस क्यों बढ़ता जा रहा है। आज जो सत्ता के नशे में मगन हैं वह भी ना भूलें कि उनकी बच्चियां सुरक्षित हैं। जब भेड़िये के मुंह को इंसान के ख़ून का मज़ा मिल जाता है तो वह अपनी भूख मिटाने के लिए मालिक पर भी हमला कर देता है।
कलीमुल हफ़ीज़, नई दिल्ली

https://youtu.be/zSk5cueM9D0

Saturday, September 4, 2021

दिल्ली दंगे के आरोपी अदालत से हुए बरी, कोर्ट ने भी पुलिस को लगाई थी फटकार

 दिल्ली में साल 2020 में हुये दंगों की जांच में पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई. यही कारण है कि आरोपी बरी हो रहे हैं. आरोपियों को बरी करते हुए कोर्ट ने भी मामले में टिप्पणी करते हुए दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी.आखिर दिल्ली पुलिस की जांच में क्या झोल है, ये जानने के लिये हमने आरोपियों के वकील दिनेश तिवारी से बातचीत की. 2020 की फरवरी में दिल्ली दंगों की आग में झुलसी थी, लेकिन इस मामले में अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है. वजह है पुलिस की जांच में लापरवाही. कोर्ट ने भी पुलिस की तफ्तीश पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि इतिहास, जब विभाजन के बाद के सांप्रदायिक दंगे को देखेगा, तो वो पाएगा कि दिल्ली दंगों में जांच एजेंसी ने ठीक से जांच नहीं की. कोर्ट की टिप्पणी के बाद ये मामला एक बार फिर सर्खियों में है. आखिर कोर्ट को इस मामले में सख्त टिप्पणी क्यों करना पड़ाये जानने के लिये ईटीवी भारत की टीम ने आरोपियों के अधिवक्ता दिनेश तिवारी से बातचीत की.

अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने बताया कि 25 फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चांद बाग इलाले में दंगे हुए थे. दंगे के दो मामलों में दयालपुर पुलिस ने, उनके तीन क्लाइंट को अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया था. इनमें से एक मामले में फर्नीचर की दुकान में आग लगाकर उसे लूटा गया था. जबकि, दूसरे मामले में पान के खोखे को जलाकर लूटा गया था. उनके क्लाइंट को खजूरी खास में दर्ज एक मामले में 9 मार्च को ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी थी, लेकिन इसके एक महीने बाद दयालपुर पुलिस ने उन्हें अपने चांद बाग में हुई घटना को लेकर दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार कर लिया.

अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने बताया कि चांद बाग में हुई इन दोनों घटनाओं में पुलिस के पास कोई चश्मदीद गवाह नहीं था. इसलिए उन्होंने एक मामले में बीट के सिपाही पवन जबकि दूसरे मामले में सिपाही ज्ञान को गवाह बना दिया. दोनों ने अपने बयान में कहा गया कि उन्होंने दंगे में मौजूद लोगों की भीड़ के बीच इन तीन आरोपियों को पहचाना है. लेकिन अदालत के समक्ष वह इस बात को साबित नहीं कर सके कि वह मौके पर मौजूद थे. थाने से न तो कोई ऐसा रिकॉर्ड मिला और ना ही मौके से कोई सीसीटीवी फुटेज जो साबित करे कि दोनों पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे. वह इसे लेकर कोई ठोस सबूत अदालत के समक्ष नहीं रख सके.

अदालत को वह यह भी नहीं बता सके कि जब आरोपियों को उन्होंने मौके पर पहचान लिया था तो इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को क्यों नहीं दी. उनकी गिरफ्तारी करने में डेढ़ महीने से ज्यादा का समय क्यों लगा जबकि वह पहले से जेल में थे. अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने यह माना है कि पुलिस ने इस मामले में केस सुलझाने के लिए इन युवकों को आरोपी बनाया जबकि उनके पास कोई साक्ष्य नहीं था. इस आधार पर उनके तीनों क्लाइंट को अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया है. अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने बताया कि अदालत ने इन दोनों मामलों की जांच को लेकर पुलिस पर नाराजगी जाहिर की है. अदालत ने कहा है कि पुलिस ने इस केस के लिए करदाताओं की मेहनत की गाढ़ी कमाई को बर्बाद किया है. आजादी के बाद जब भी साम्प्रदायिक दंगे याद किये जाएंगे तो यह दंगे पुलिस की लचर जांच के लिए याद किये जायेंगे. अदालत ने कहा कि इस तरीके से केस सुलझाने के लिए किसी को झूठे केस में फंसाना ट्रायल के दैरान पीड़ा देने वाला है.

Report@ETV Bharat

Friday, September 3, 2021

'कितनों को दिलवाई सजा, कितने मामले लंबित? पेश करें डेटा', CBI की कार्यशैली पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

अदालत ने कहा कि हम सीबीआई द्वारा निपटाए जा रहे मामलों के बारे में डेटा चाहते हैं. सीबीआई कितने मामलों में मुकदमा चला रही है?  समय अवधि जिसके लिए मुकदमे अदालतों में मामले लंबित हैं.  निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों में सीबीआई की सफलता दर क्या है? कोर्ट ने कहा कि हम देखना चाहते हैं कि एजेंसी की सफलता दर क्या है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. एक मामले में CBI द्वारा 542 दिनों की अत्यधिक देरी के बाद अपील दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने इस केंद्रीय एजेंसी के कामकाज औप उसके परफॉर्मेन्स का विश्लेषण करने का फैसला किया है. शीर्ष अदालत ने एजेंसी द्वारा मुकदमा चलाने वाले मामलों में सजा की कम दर को देखते हुए ये कदम उठाया है. 

शीर्ष अदालत ने CBI निदेशक को उन मामलों की संख्या पेश करने का निर्देश दिया है जिनमें एजेंसी निचली अदालतों और हाई कोर्टों में अभियुक्तों को दोषी ठहराने में सफल रही है. अदालत ने ये भी पूछा है कि निचली अदालतों और हाई कोर्टों में कितने ट्रायल लंबित हैं और वे कितने समय से लंबित हैं ? अदालत ने ये भी पूछा है कि निदेशक कानूनी कार्यवाही के लिए विभाग को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एजेंसी के लिए केवल मामला दर्ज करना और जांच करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि अभियोजन सफलतापूर्वक किया जाए. अदालत ने पहले की सुनवाई में कहा था कि "कर्तव्यों को निभाने में घोर लापरवाही की एक गाथा" है , जिसके परिणामस्वरूप अदालतों में मामले दर्ज करने में अत्यधिक देरी हुई और इसके निदेशक से जवाब मांगा था. 

सीबीआई की ओर से पेश हुए एएसजी संजय जैन ने दलील दी कि भारत जैसी प्रतिकूल मुकदमेबाजी प्रणाली में मुकदमेबाजी में सफलता दर को दक्षता निर्धारित करने वाले कारकों में से एक माना जाना चाहिए लेकिन पीठ ने कहा कि दुनिया भर में एक ही मानदंड का पालन किया जाता है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि इसे सीबीआई पर लागू नहीं किया जाना चाहिए. अदालत ने कहा कि हम सीबीआई द्वारा निपटाए जा रहे मामलों के बारे में डेटा चाहते हैं. सीबीआई कितने मामलों में मुकदमा चला रही है?  समय अवधि जिसके लिए मुकदमे अदालतों में मामले लंबित हैं.  निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों में सीबीआई की सफलता दर क्या है? कोर्ट ने कहा कि हम देखना चाहते हैं कि एजेंसी की सफलता दर क्या है?

सिविल डिफेंसकर्मी लड़की की हत्या के विरोध में जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन, मुआवजे की मांग

दिल्ली की संगम विहार की रहने वाली 21 वर्षीय सिवल डिफेंसकर्मी लड़की से हुई हैवानियत मामले का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है. कैंडल मार्च निकालने के बाद लोगों ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से 1 करोड़ रुपये और घर के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की.

संगम विहार की 21 वर्षीय लड़की के साथ हैवानियत के मामले का विरोध बढ़ता जा रहा है. अब इसको लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद के बाहर भी प्रदर्शन किया गया. इस दौरान उन्होंने आरोपियों को फांसी देने की मांग की. साथ ही सरकार से 1 करोड़ रुपये और घर के एक सदस्य को नौकरी देने की गुहार लगाई. पीड़ित लड़की दिल्ली सिविल डिफेंस में कार्यरत थी. उसके साथी ने ही उसे फरीदाबाद के सूरजकुंड पाली रोड पर चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी. इसके बाद दिल्ली के कालिंदी कुंज थाने में आत्मसमर्पण करते हुए बताया था कि मेरी पत्नी सूरजकुंड फरीदाबाद में पड़ी है. इस मामले में मृतका के परिजनों ने इस मामले में लड़की के साथ हैवानियत का आरोप लगाया है. साथ ही इस मामले में और भी लोगों के शामिल होने का आरोप है. इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने हरियाणा पुलिस से संपर्क किया था और लड़की के शव को बरामद किया गया था. जिसके बाद फरीदाबाद जिले के सूरजकुंड थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया है और हरियाणा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. सिविल डिफेंस कर्मी के साथ हुई बर्बरता को लेकर विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने और पीड़ित परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा देने की मांग उठ रही है.

Friday, August 27, 2021

दिल्ली में 1 सितंबर से खुलेंगे स्कूल, कोचिंग सेंटर और कॉलेज

आगामी 1 सितंबर से दिल्ली में 9वीं क्लास से ऊपर के सभी बच्चों के लिए स्कूल, कॉलेज, और कोचिंग सेंटर खोले जाने की इजाज़त मिल गई है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ये ऐलान किया है. बताया गया है कि इसके लिए SOP जारी की जाएंगी, जिसका पालन करना ज़रूरी होगा. शुक्रवार को मनीष सिसोदिया ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में अब कोरोना के मामले कम हैं. दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई है कि अब जबकि, सभी गतिविधियां खोल दी गई हैं, शिक्षा का बहुत नुकसान हो रहा है. ऑनलाइन एजुकेशन कभी भी ऑफलाइन एजुकेशन का विकल्प नहीं हो सकती. इस बात को सभी टीचर्स, एक्सपर्ट्स और बच्चे मानते हैं. उन्होंने कहा कि राजधानी में स्कूल, कोचिंग सेंटर, और कॉलेज की गतिविधियां शुरू की जाएं. ये गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू की जाएंगी. पहले बड़े बच्चों के लिए ये इज़ाज़त दी जा रही है. सिसोदिया ने कहा कि जो भी स्कूल, कॉलेज खोला जाएगा, वहां नियमों का पालन किया जाएगा. साथ ही किसी बच्चे को आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. क्लास ऑनलाइन भी होगी और ऑफलाइन भी होगी. इस दौरान बच्चों की एब्सेंट नहीं लगेगी. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों ने भी स्कूल-कॉलेज खोल दिए गए हैं. दिल्ली भी इस दिशा में बढ़ रही है.


बिजली संबंधित समस्या के समाधान के लिए विधायक सोमनाथ भारती ने बीएसईएस सीईओ से की मुलाकात

मालवीय नगर विधानसभा के बिजली संबंधित मुद्दों के ऊपर विधायक सोमनाथ भारती ने बीएसईएस सीईओ श्री राजेश बंसल और उनकी टीम के साथ की 2 घंटे लंबी मुलाकात, मुलाकात बहुत सकारात्मक रही और श्री बंसल ने सभी उठाए गए मुद्दों पर उपयुक्त कदम उठाया जाने का दिया भरोसा। कोरोना के दौरान बिजली के बिलों में हुई त्रुटि, क्षेत्र को लटकती तारों से मुक्ति दिलाना, सड़कों का चौड़ीकरण के लिए बिजली के खंभों को पीछे करना, बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने की प्रक्रिया, नंगी तारों को इंसुलेटेड वायर से रिप्लेस करना, ट्रांसफार्मर के लिए जमीन, जो ट्रांसफार्मर ट्रैफिक जाम का कारण बन रहे हैं उन्हें शिफ्ट कराना, 15 मीटर से ज्यादा ऊंचें मंजिल में बिजली कनेक्शन देना, MCD के द्वारा बुकिंग के नाम पर बिजली कनेक्शन मना करना और उसके नाम पर भ्रष्टाचार होना इत्यादि समस्याओं का समाधान पर चर्चा हुई। रिपोर्ट: विधायक प्रतिनिधि



Friday, August 13, 2021

केजरीवाल सरकार दिल्ली में किसी भी व्यक्ति का घर टूटने नहीं देगी : सोमनाथ भारती

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती ने डीडीए मास्टर प्लान 2041 को लाखों लोगों को बेघर करने वाला योजना बताया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आदेश है कि एक भी व्यक्ति का दिल्ली में घर टूटना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा सीधी तरह से मानती है तो ठीक है नहीं तो 'आप' आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी. साथ ही कहा कि डीडीए मास्टर प्लान 2041 जमीनी हकीकत से काफी दूर है. उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल को स्पष्ट शब्दों में मास्टर प्लान में संशोधन और दिल्ली के जिन आबादी वाले इलाकों में से सड़क निकल रही है उनमें बदलाव किए जाने की मांग की है. डीडीए के सदस्य सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अवैध कॉलोनियों में हजारों करोड़ रुपये खर्च कर लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराई है. वहीं छतरपुर से आप विधायक करतार सिंह ने कहा कि भाजपा शासित डीडीए ने आया नगर कॉलोनी से 2-3 रोड निकालने की योजना बनाई है. योजना के तहत लाखों लोगों के घर टूटेंगे. देवली से आप विधायक प्रकाश जरवाल ने कहा कि दिल्ली में छतरपुर से लेकर देवली, संगम विहार सहित तमाम अवैध कॉलोनियों में गरीब लोगों के घरों से सड़क निकालने की योजना बनाई गई है.

मालवीय नगर से विधायक और डीडीए मेंबर सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली का विकास किस तरह से होगा इसका फैसला मास्टर प्लान से तो नहीं होता है. फिलहाल दिल्ली में मास्टर प्लान 2021 लागू है. उन्होंने कहा कि कुछ ही माह में मास्टर प्लान 2041 को लागू करने की तैयारी है. इस संबंध में डीडीए ने दिल्ली की जनता से मास्टर प्लान 2041 को लेकर 23 अगस्त तक सुझाव मांगे हैं, लेकिन डीडीए की ओर से जो अब 2041 मास्टर प्लान बना है वह जमीनी हकीकत से काफी दूर है. उन्होंने कहा कि घनी आबादी वाले इलाकों से कागजों पर सड़क निकाल दी है, जबकि एक गरीब आदमी आशियाना बनाने के लिए पूरी उम्र मेहनत करता रहता है. सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली की बड़ी आबादी इन अवैध कॉलोनियों में रहती है. केजरीवाल सरकार बनने से पहले इन कॉलोनियों में हालात बहुत खराब थे. केजरीवाल सरकार ने विकास पर इन कॉलोनियों में हजारों करोड़ रुपए खर्च किए ताकि अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल सके. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने करोड़ों रुपये खर्च कर इन कॉलोनियों में नालियां, सड़क, सीवर, पानी, लाइट, सीसीटीवी, वाईफाई आदि लगवाए हैं, लेकिन डीडीए मास्टर प्लान 2041 को लेकर लोगों में दहशत है.

Thursday, August 12, 2021

पूरी दिल्ली घूम चुके? दिल्ली की ये 12 अंजान मगर दिलचस्प जगहें नहीं देखी होंगी!

दिल्ली के कई रंग हैं | इसके गहरे इतिहास और नई उपलब्धियों में कई ऐसे रत्न छुपे हैं जिन्हें स्थानीय लोग भी अनदेखा कर देते हैं | इसलिएआपके लिए दिल्ली की कुछ ख़ास जगहों की सूची लाए हैं जिन्हें सैलानियों और स्थानीय लोगों की भीड़ अनदेखा कर देती है :
दिल्ली की भीड़-भाड़ से दूर सतपुला बाँध का समृद्ध इतिहास और आस-पास के नज़ारे क़ाबिल-ए-तारीफ़ हैं | पुराने समय में पानी को इकट्ठा करने के लिए बनाए गए सात पुलों से इस जगह का नाम सतपुला पड़ा है | वैसे तो ये नदी कबकि सूख चुकी है, मगर वास्तुकला का ये नायाब नमूना आज भी आपको शहर की उबाऊ ज़िंदगी से निज़ात दिलाने के लिए खड़ा है  कहाँ: खिड़की विलेज, मालवीय नगर, कैसे पहुँचे : मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन से कैब या टैक्सी कर लें |


खरीदारी, बढ़िया खाना और अनोखी सजावट की वजह से इस जगह को जाना जाता है | संतुष्टि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की गाँव जैसी सजावट इसे दिल्ली के शॉपिंग मॉल्स से काफ़ी अलग और अनोखी पहचान देती है | इस छोटी सी जगह में महँगी खरीदारी का अनुभव और बूटीक दुकानों पर कपड़े, जूते, गहने और यहाँ तक कि आयुर्वेदिक सामान भी खरीद सकते हैं | कहाँ; चाणक्यपुरी, रेस कोर्स रोड कैसे पहुँचे : लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन से कैब या ऑटो पर कर लें |

पास की झील में पड़ने वाली परछाई की वजह से इस महल का नामकरण हुआ। महरौली में बनी इस जगह को लोदी साम्राज्य के समय बनाया गया था और ये ट्रैवेलर और परिवारों के लिए समय बिताने के लिए अच्छी जगह है | दिल्ली की भीड़भाड़ के बिल्कुल करीब ही स्थित इस शांत स्मारक को देखा जा सकता है | कहाँ : तालाब लेन, आम बाग, महरौली कैसे पहुँचे : कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन से ऑटो या कैब करके पहुँचा जा सकता है |


दिल्ली में बनी ऊँची-ऊँची कंक्रीट की इमारतों के जाल और प्रदूषित हवा के बीच एक ऐसी हरी-भरी जगह भी है जहाँ आप खुल कर साँस ले सकते हैं | 780 एकड़ में फैला ये जंगल जॉगिंग करने वालों और साइकिल चलाने वालों के छीच काफ़ी लोकप्रिय हो रहा है | कहाँ : वसंत कुंज कैसे पहुँचे : छत्तरपुर मेट्रो स्टेशन से कैब या ऑटो कर लें |

गाज़ीपुर फूल मंडी की हवा में हमेशा ही इत्र सी खुशबू फैली रहती है | यहाँ गेंदा, ट्यूलिप, गुलाब, कार्नेशन्स, ऑर्किड, इरिज़ेस, लिली और अन्य प्रजातियों के फूलों की भरमार लगी रहती है | चाहे आपका मन कौड़ियों के भाव में फूल खरीदने का हो रहा हो या फिर रंगीन और खुशबूदार माहौल को जी भर के ताकने का, गाज़ीपुर मंडी पहुँच जाइए | कहाँ : गाज़ीपुर गाँव, गाज़ीपुर कैसे पहुँचे : आनंद विहार आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन से एक टैक्सी या ऑटो किराए पर कर लें |आस-पास बने इस मस्जिद और मक़बरे की जोड़ी में महान सूफ़ी संत शेख जमली कम्बोह और अंजान इंसान कमली की क़ब्रें बनी हैं | एक कब्र पर मस्जिद बनी है और दूसरी पर मक़बरा | अगर अंजान इंसान की कब्र से जुड़ी अनसुलझी पहेली आपको इस महान पुरातात्विक स्थल तक खींचने में नाकामयाब रहती है तो यहाँ की नायाब खूबसूरती और क़ुतुब मीनार से नज़दीकी आपको ज़रूर यहाँ जाने पर मजबूर कर देगी | कहाँ : पुरातत्व ग्राम परिसर, महरौली कैसे पहुँचे : कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन से पैदल पहुँचा जा सकता है |

ये जगह बेहद ख़ास है मगर फिर भी उतनी लोकप्रिय नहीं है | ये लोदी साम्राज्य के समय ख़ास हिजड़ों के लिए बनाया गया कब्रिस्तान है | यहाँ के साफ-सुथरे और शांत माहौल में आकर आपका दिल हिजड़ों के प्रति सम्मान से भर जाएगा | कहाँ : वॉर्ड नंबर 6 , महरौली कैसे पहुँचे : कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन से कैब या ऑटो कर लें |

किसी ज़माने में जो जगह बादशाह फ़िरोज़ शाह तुगलक़ की शिकार लॉज हुआ करती थी, अब दयनीय हालत में दिल्ली के सेंट्रल रिज जंगल में अपनी आख़िरी साँसे गिन रही है | वैसे तो इस जगह की वास्तुकला देख कर ही आप खुश हो जाएँगे, लेकिन साथ ही इस किले की भूतहा घटनाओं के बारे में सुनेंगे तो आज ही जाने का दिल कर जायगा | कहाँ : दक्षिणी रिज का जंगल कैसे पहुँचे : झन्डेवाला मेट्रो स्टेशन से कैब या ऑटो कर लें |

अगर आप हौज़ ख़ास के आस-पास रहते हैं तो सुबह की जॉगिंग करने के लिए ये जगह सबसे सही है | 14वीं शताब्दी में बना ये ढाँचा सेना की टुकड़ियों पर निगरानी रखने के लिए बनाया गया था | इस किलेनुमा महल की बनावट थोड़ी अजीब भी है तो रोचक भी | अगर इसकी अच्छे से देखभाल और मार्केटिंग की जाए तो ये दिल्ली का सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली जगहों में से एक हो सकता था | कहाँ : बेगमपुर कैसे पहुँचे : हौज़ ख़ास मेट्रो स्टेशन से कैब या ऑटो कर लें |

ध्यान रहे कि ये वॉर मेमोरियल नहीं है | 'गुज़रे मगर भुलाए नहीं गए' के विचार से प्रेरित इस सेमेटरी में उन सैनिकों को दफ़नाया हुआ है जो दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश कॉमनवेल्थ के लिए लड़े थे | यहाँ चारों ओर हरियाली और करीने से तराशे हुए बगीचे हैं | यहाँ के ऊँचे स्तंभों और अनोखे स्मारकों से आप अपना सोशल मीडिया सज़ा सकते हैं | कहाँ : दिल्ली छावनी, नई दिल्ली, कैसे पहुँचे : दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन से कैब या ऑटो कर लें |
अभी हाल ही में इंटरनेट पर प्रचलित कुछ लेखों के चलते सैलानियों को इस हवेली के बारे में पता चला है, मगर अभी भी इसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल कहना ग़लत होगा | ये प्राचीन धरोहर उर्दू के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की याद में बनवाई गयी थी | बताया जाता है कि मिर्ज़ा ग़ालिब अपनी ज़िंदगी के कुछ ग़ुरबत के दिनों में यहाँ रहते थे | ये उस समय की बात है जब भारत पर मुगल शासन का सूरज ढल रहा था | हवेली के अंदर ही एक म्यूज़ियम बना है जिसमें मिर्ज़ा ग़ालिब के कुछ नायाब काम सजाए गये हैं | कहाँ: क़ासिम जान गली, बारादरी, चाँदनी चौक के पास कैसे पहुँचें : चावडी बाज़ार मेट्रो स्टेशन से शाहजहानाबाद तक का ऑटो या टैक्सी कर लें | फिर वहाँ से रिक्शा कर लें या हवेली तक पैदल जाएँ |

अगर आप पुरानी दिल्ली की सैर करने निकले हैं तो हो सकता है कि इस जगह से होकर ज़रूर गुज़रे होंगे | ये भी हो सकता है कि आपने इस जगह की अंदरूनी खूबसूरती और छटा अभी तक नहीं देखी हो | शहर के सबसे व्यस्त रास्तों में से एक पर बनी चूनामल हवेली पुराने समय की याद दिलाती है | इसके आस पास 140 दुकानें हैं तो अगर आप ये हवेली देखने जाते हैं तो आप और भी बहुत कुछ कर सकते हैं | कहाँ : चाँदनी चौक, कटरा नील कैसे पहुँचे : चाँदनी चौक से कटरा नील तक के लिए ऑटो लें और वहाँ से पैदल हवेली तक जाएँ |

Wednesday, August 11, 2021

विधायक सोमनाथ भारती ने जनता जनार्दन की बात का रखा लिहाज़, अधिकारियों को दिये निर्देश हौजरानी जहाँपनाह की बदल दो सूरत

राजधानी दिल्ली के निगम चुनाव नजदीक आते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. आलम यह हैं कि दिल्ली के मालवीय नगर विधानसभा में एक छोटी सी कॉलोनी हौजरानी जहाँपनाह जहाँ सड़क न होने से बरसात के दिनों में गंदगी पसर जाती है बच्चे व महिलाये घर से बाहर नही निकल पाते, कीचड़ व अक्सर गली में बहता सीवर का पानी हज़ारों शिकायत मगर फिर भी जन प्रतिनिधी मूक दर्शक बने हुए हैं. एमसीडी में लगातार 15 साल से भाजपा की सरकार है. ओर मुख्यमंत्री आप पार्टी के अरविंद केजरीवाल हैं, आप ओर बीजेपी के चक्कर में यहां की जनता परेशान हैं मगर समाधान कहीं नहीं है, तीसरी बार के चुनाव में क्षेत्र की जनता ने अपना समर्थन सोमनाथ भारती की झोली में डाल दिया बावजूद इसके लोगों की समस्याएं जस की तस हैं. राजधानी दिल्ली के हौजरानी जहाँपनाह ई 12 ब्लॉक की सड़कें न बनने से गलियों में गड्डे नज़र आते हैं, सीवर ओवर फ़ॉलो से बहता गन्दा पानी विकास की कहानी बयान करता है, पब्लिक जब हद से ज़्यादा परेशान हुई आज कॉलोनी के लोगों ने विधायक निवास पर प्रस्थान करा ओर अपनी समस्या विधायक सोमनाथ भारती के सामने रखी, सड़क बनेगी, सीवर की समस्या का भी समाधान होगा, ऐसा विधायक के ओर से जनता को आश्वासन मिल गया है, 
इसी मुद्दे पर हौजरानी जहाँपनाह ई 12 ब्लॉक के सोशल मीडिया गुरूप युवा की आवाज़ के संचालक मोहम्मद नोशाद से हमारी बात हुई उन्होंने बताया कि जब हमने विधायक भारती जी के सामने समस्या रखी तो उन्होंने अधिकारियों को तत्काल फोन करके काम कराने का आदेश दिया, एक सप्ताह में सड़क का कार्य शुरू हो ही जायगा, वहीँ उन्होंने बताया कि लोगों को जानकारी ही नही है कि कौन से काम विधायक का है कौन सा काम पार्षद का, भारती जी कहते हैं कि मैं अपनी तरफ से 100% रिजल्ट हौजरानी जहाँपनाह को देना चाहता हु मगर कोरोना, दंगे, आदि ऐसी कई समस्याओं से हम घिर गए जिससे कॉलोनी का काम रुक गया मै आश्वाशन देता हूं जल्द ही हौजरानी जहाँपनाह के दिन बदल जाएंगे, मैं बहुत जल्द आपकी कॉलोनी में आऊंगा, विधायक के साथ मीटिंग में हाजी मुंशी खान, हाजी मिया जान, राम सरन चोधरी, मोहम्मद नोशाद,अदनान खान, अनीस अहमद, शोभी सहित कॉलोनी व युवा की आवाज़ गुरूप के लोग शामिल हुए,

Tuesday, August 3, 2021

हौजरानी जहाँपनाह के लोग पहुंचे CM हाउस

दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर विधानसभा के हौजरानी जहाँपनाह के ई12 ब्लॉक के युवा आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर पहुंचे व अपनी जन समस्याओं का ज्ञापन दिया, मीडिया से बात करते हुय मोहम्मद नोशाद ने बताया कि उनके इलाके में सीवर व सड़क की बहुत बड़ी समस्या है, लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है, जगह जगह सीवर ओवर फ्लो होकर बह रहा है, इस बारे में कई बार विधायक सोमनाथ भारती को अवगत कराया जब समस्या हल नहीं हुई तब हम CM हाउस आये, हमें यहाँ से आश्वासन मिला है कि समस्या जल्द ही हल होंगी, 


Sunday, August 1, 2021

मालवीय नगर निगम पार्षद नंदनी शर्मा का हौजरानी ई 12 ब्लाक में तूफानी दौरा

साउथ दिल्ली के विधानसभा मालवीय नगर में एक छोटी सी कॉलोनी हौजरानी जहाँपनाह जो कि पाश कॉलोनी से घिरी हुई है एक तरफ साकेत है तो दूसरी तरफ मालवीय नगर, हौजरानी जहाँपनाह पिछले 8 सालों से सड़क व सीवर की गम्भीर समस्या से जूझ रहा है, रास्ते इतने खराब हैं कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है, ऐसा नहीं है विधायक सोमनाथ भारती ने कॉलोनी में सीवर लाइन न डाली हो, सीवर लाइन डाली गई मगर आबादी के हिसाब से बहुत ही छोटी, ज़रा सी बारिश से जगह जगह सीवर ओवरफ्लो होकर बहते हैं, हौजरानी जहाँपनाह मालवीय नगर का ही एक हिस्सा है मगर विकास कार्य के नाम पर सिर्फ विधायक से आश्वासन ही मिला है, सोशल मीडिया पर जब यहाँ के युवाओं ने आवाज़ बुलंद करी तो इलाके की निगम पार्षद डॉक्टर नंदनी शर्मा ने MCD टीम के साथ तूफानी दौरा करा, जहां उन्होंने ने अधिकारियों को साफ सफाई, लाइट, पार्क में झूले आदि के निर्देश दिए, कॉलोनी के लोगो को आश्वासन मिला है कि अगर आपके विधायक सोमनाथ भारती इस सड़क को नही बनवा रहे थे तो हम उन्हें लेटर लिखेंगे, ताकि यहां भी विकास कार्य हो सके, क्या हौजरानी जहाँपनाह के बदलेंगे दिन ? ये देखना बाकी है, आज के दौरे में निगम पार्षद डॉक्टर नन्दनी शर्मा के सामने कॉलोनी के लोग ईदा खान साहब, मोहम्मद नोशाद, असगर अली, ज़ुबैर साहब, मिया जान साहब, अंसार अली साहब, मुंशी खान साहब, चौधरी साहब, अदनान, आशु, इकरार, ने अपनी अपनी समस्या बताई, पार्षद ने अधिकारियों को समस्या के समाधान करने का आश्वासन दिया, @वलीसैफी



हौजरानी जहाँपनाह की जनता परेशान, सुनिए उनका दर्द

Saturday, July 31, 2021

2 विधानसभाओं के बीच फंस गया रोड, कौन कराए काम, हमेशा बहता है सीवर

DELHI: मालवीय नगर व ग्रेटर कैलाश विधानसभा का संयुक्त रोड हौजरानी खिड़की एक्सटेंशन चर्च के पास सीवर ओवर फ्लो होकर बह रहा है, कोई देखने वाला नही है दोनों विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक हैं, सोमनाथ भारती व सौरभ भारद्वाज, सीवर का काम दिल्ली जल बोर्ड का है और DJB दिल्ली सरकार के पास है समस्या कहाँ है कुछ पता नहीं ? क्यों काम नही होता, कांग्रेस का वजूद नज़र नही आ रहा, मुस्लिम BJP को वोट देगा नही, आम आदमी पार्टी एक मात्र विकल्प, यही सोच कर आम आदमी पार्टी मुस्लिम कॉलोनी में काम नही करा रही, @वलीसैफी

Friday, July 30, 2021

मालवीय नगर में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, विदेशी नागरिकों के साथ करते थे धोखाधड़ी

साउथ दिल्ली के मालवीय नगर थाने की पुलिस टीम ने पंचशील विहार में चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी की है. जहां से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस फर्जी कॉल सेंटर से दो पेनड्राइव दो नोटबुक के साथ 13 कंप्यूटर सिस्टम भी बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मयंक चंदन गुप्ता, शुभम कुमार, प्रीतम पाल सिंह और एक महिला आरोपी की पहचान की दास के रूप में की गई है. सभी आरोपी दिल्ली के अलग-अलग इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं. इसमें से मुख्य आरोपी प्रीतम पाल है, जो कॉल सेंटर का संचालक था. वहीं महिला आरोपी कॉल सेंटर की एचआर बताई जा रही है. डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि मालवीय नगर थाने के हेड कॉन्स्टेबल अमित कुमार, हरकेश और राजेश खिड़की एक्सटेंशन मालवीय नगर क्षेत्र में रात की गश्त पर थे. इसी दौरान एक मुखबिर ने उन्हें बताया कि पंचशील विहार मालवीय नगर में संगठित तरीके से एक कॉल सेंटर के माध्यम से बड़े पैमाने पर साहेब धोखाधड़ी की जा रही है. जिसमें विदेशी के नागरिकों को मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिकों को तकनीकी सहायता के निशाना बनाया जा रहा है.

यह सूचना वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा की गई. जिसके बाद मालवीय नगर थाने के SHO ने एक टीम बनाकर तुरंत छापेमारी का आदेश दिया. आदेश मिलने के बाद टीम पंचशील विहार B 99 की तीसरी मंजिल पर पहुंची. जहां संगठित तरीके से कॉल सेंटर चल रहा था और कर्मचारी सिर पर हेडफोन लगाकर कॉल करने में व्यस्त थे. पुलिस ने छापेमारी करते हुए 13 कंप्यूटर सिस्टम, 2 पेनड्राइव, 2 नोट पैड बरामद किए और तीन कॉलर को हिरासत में लिया गया. जिसके बाद दो अन्य अलग-अलग केबिन में काम कर रहे एक महिला कर्मचारी और कॉल सेंटर के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें पुलिस स्टेशन लेकर आ गई. फिलहाल पुलिस मामले में और भी जानकारी जुटाने में लगी हुई है.

Monday, July 19, 2021

हौजरानी जहाँपनाह : सीवर ओर बारिश के पानी गली में हुआ जमा, घरों से निकलना हुआ मुश्किल

DELHI: मालवीय नगर विधानसभा के हौजरानी जहाँपनाह के चर्च के सामने वाली गली की तस्वीर, सीवर ओर बारिश के पानी गली में हुआ जमा, घरों से निकलना हुआ मुश्किल, सीवर की हज़ारो बार करि विधायक से शिकायत, मगर नही हुआ समाधान, पूरी गली में फैला है बदबूदार पानी, प्रशासन इस ओर ध्यान दे,

Sunday, July 18, 2021

दानिश सिद्दीकी को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया

अफगानिस्तान में मारे गए फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के शव को रविवार को दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिये लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा। दानिश के शव को शाम को दिल्ली हवाई अड्डे पर और बाद में उसे जामिया नगर स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां उनके परिवार और दोस्तों सहित भारी संख्या में लोग जमा हो गए। कोविड-19 नियमों का पालन कराने के लिये इलाके में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।

सिद्दीकी के शव को कब्रिस्तान लाया गया, जहां करीब सवा दस बजे उसे दफन कर दिया गया। सिद्दीकी को श्रद्धांजलि देने के लिये कब्रिस्तान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। उनके करीबी दोस्तों ने उनके साथ हुई आखिरी बातचीत और काम से लौटने के बाद उनसे मिलने के वादे को याद किया। कुछ लोगों ने उन्हें अपने बचपन के दोस्त के रूप में याद किया तो कुछ ने अपने गुरु के रूप में। लेकिन उनकी यादों में जो बात आम थी वह यह थी कि वह एक साधारण व्यक्ति थे, जो फोटोग्राफी के शौकीन थे।

सिद्दीकी के एक दोस्त बिलाल जैदी (37) ने कहा, ''मैं उनसे कोविड से पहले मिला था क्योंकि वह हमेशा अपने काम पर रहते थे। पिछले महीने जब वह यहां थे तो उनसे आखिरी बार मिला था।'' सिद्दीकी के बचपन के दोस्त शाहदाब आलम (37) ने कहा कि सिद्दीकी का निधन न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक क्षति है। उन्होंने कहा, "उन्हें फोटोग्राफी का शौक था और क्रिकेट खेलना पसंद था। मैं उनसे पिछले महीने कुछ मिनटों के लिए मिला था। जब वह असाइनमेंट के लिए जा रहे थे, तो उनसे बात की थी।"

स्वतंत्र फोटो पत्रकार मोहम्मद मेहरबान ने अपने गुरु सिद्दीकी को आखिरी बार मैसेज कर पूछा था कि क्या वह ईद-उल-जुहा पर घर आएंगे, और उन्होंने जवाब दिया था, ''इंशाअल्लाह, मैं आऊंगा और तुम्हारे साथ खाऊंगा।'' इससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के परिवार ने उनके शव को विश्वविद्यालय के कब्रिस्तान में दफनाने के जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। यह कब्रिस्तान विशेष तौर पर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, उनके जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के लिए बनाया गया है।’’

सिद्दीकी ने इस विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि प्राप्त की थी और उनके पिता अख्तर सिद्दीकी विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के डीन थे। सिद्दीकी ने वर्ष 2005-2007 में एजेके मास कम्युनिकेशन सेंटर (एमसीआरसी) से पढ़ाई की थी। जामिया शिक्षक संघ ने सिद्दीकी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। सिद्दीकी को वर्ष 2018 में समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करने के दौरान पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और गत शुक्रवार को पाकिस्तान की सीमा से लगते अफगानिस्तान के कस्बे स्पीन बोल्दक में उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के समय वह अफगान विशेष बल के साथ थे।

Saturday, July 17, 2021

भारतीय पत्रकारिता को एक साहसिक मुक़ाम पर ले जाने वाले दानिश सिद्दीक़ी आपको सलाम।

तालिबान के हाथों दानिश सिद्दीक़ी की हत्या के बाद आई टी सेल भयंकर तरीक़े से सक्रिय है। उसे लगता है कि लोग मूर्ख हैं और जो भी वो फैलाएगा वही समझेंगे। इस तरह का भ्रम आई टी सेल पाल सकता है। कई मैसेज में देखा कि श्मशान से तस्वीरें लेकर दानिश ने दुनिया भर में भारत की छवि को नुक़सान पहुँचाया। श्मशान से पत्रकारिता नहीं करनी चाहिए।

पहली बात कि श्मशान से रिपोर्टिंग अकेले दानिश ने नहीं की। कई चैनलों के पत्रकारों ने की। अब ये अलग बात है कि तमाम तस्वीरों में दानिश की तस्वीर ने झूठ के पर्दे को उधेड़ दिया तो इसमें दानिश की ग़लती नहीं थी बल्कि उसकी योग्यता थी कि सारी तस्वीरों में आई टी सेल की सेना को दानिश की तस्वीर याद रही। तो एक तरह से आई टी सेल वाले दानिश के काम की तारीफ़ कर रहे हैं। लोहा मान रहे हैं।
श्मशान से शानदार रिपोर्टिंग गुजराती भाषा के अख़बारों ने की। सरकार अपनी ही जनता के मरने पर उसकी गिनती छिपा रही थी। आप भी मानेंगे कि यह सही काम नहीं था। गुजरात समाचार, संदेश, सौराष्ट्र समाचार और दिव्य भास्कर ने श्मशान से आँकड़ों निकाल कर सरकारी झूठ की धज्जियाँ उड़ा दी। दानिश ने दिल्ली से वही काम किया और दूसरे चैनलों के पत्रकारों ने भी रिपोर्टिंग की।
एक बात कही जा रही है कि बाहर के मुल्कों में श्मशान की रिपोर्टिंग नहीं हुई। यह ग़लत है। पहली लहर के दौर में ट्रंप के न्यूयार्क की हालत ख़राब थी। इतने लोग मरे कि क़ब्रिस्तान कम पड़ गए। क़ब्रिस्तान में जगह की कमी और अंतिम संस्कार के लिए इंतज़ार कर रहे परिजनों को लेकर खूब रिपोर्टिंग हुई है। कुछ क्लिप लगा रहा हूँ । न्यूयार्क में भी शवों की संख्या कम बताने को लेकर सवाल उठे। न्यूयार्क के प्रशासन ने इस गलती के लिए माफ़ी माँगी और संख्या में सुधार किया।
आप सभी सोशल मीडिया पर मदद माँग रहे थे। क्योंकि आपके अपने तड़प कर मर रहे थे। तो क्या आप भारत को बदनाम कर रहे थे? संघ और बीजेपी के नेता अपनों के तड़प कर मर जाने , बिना इलाज के मर जाने की बात लिख रहे थे क्या वो भारत को बदनाम कर रहे थे ? जो पत्रकार सरकार की झूठ और उसकी बदइंतज़ामी को रिपोर्ट कर रहा था क्या वो भारत को बदनाम कर रहा था ? इतनी चिन्ता थी तो सरकार ने लोगों की जान क्यों नहीं बचाई ? आप व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के फार्वर्ड के चक्कर में ज़रूर रहें क्योंकि बौद्धिक और आर्थिक सत्यानाश क़रीब है। Report@RavishKumar

Friday, June 18, 2021

'बाबा का ढाबा' के मालिक ने की खुदकुशी की कोशिश, फिलहाल खतरे से बाहर

बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद ने गुरुवार को आत्महत्या की कोशिश की. कांता प्रसाद ने शराब पीकर नींद की गोली खाकर आत्महत्या की कोशिश की. बाबा का ढाबा के मालिक दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में रहते हैं. पुलिस को हॉस्पिटल से उनकी खुदकुशी की कोशिश की जानकारी मिली. यह मामला गुरुवार रात करीब साढ़े 10 बजे का है. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, फिलहाल, बाबा कांता प्रसाद खतरे से बाहर हैं. शुरुआती जांच में सुसाइड की कोशिश का कारण लॉकडाउन में होटल बंद रहना और बाबा ने जो केस दर्ज कराया था उसको लेकर तनाव बताया जा रहा है. पुलिस को सफदरजंग अस्पताल से जानकारी मिली कि 81 वर्षीय कांता प्रसाद अस्पताल में भर्ती है. जिसके बाद जांच अधिकारी अस्पताल पहुंचे और एमएलसी (मेडिको लीगल केस) की जानकारी ली, जिसमें शराब और नींद की गोलियों को बेहोशी का कारण बताया गया है. कांता प्रसाद के बेटे करण का बयान रिकॉर्ड किया गया. उसने बताया कि पिता ने शराब और नींद की गोलियां ली थी. इस मामले और जांच जारी है.



Wednesday, May 26, 2021

20 लोगों को एक डोज़ कोविशील्ड दूसरी डोज़ कोवैक्सीन

20 लोगों को एक डोज़ कोविशील्ड लगाई।दूसरी डोज़ कोवैक्सीन।सिद्धार्थनगर का मामला।सीएमओ ने कहा दोषी पहचाने गए।कार्यवाई होगी।


दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रेस कान्फ्रेंस

 देश में वैक्सीन की ज़बरदस्त क़िल्लत है। मुझे लगता है पिछले महीनों में कई बड़ी ग़लतियाँ हुईं हैं। अगर अपने देश के लोगों को सही समय पर वैक्सीन लगा देते तो शायद दूसरी वेव के प्रकोप को काफ़ी कम किया जा सकता था। कई लोगों की जान बचाई जा सकतीं थी। CM@अरविंद केजरीवाल


Thursday, February 18, 2021

मसूड़े हिले तो बचपन में ही गिर जाएंगे दांत, जानिए बच्‍चों में Gums को स्‍ट्रॉन्‍ग करने के घरेलू उपाय

बच्‍चों के दांत बहुत कमजोर होते हैं और बच्‍चे कैंडी, चॉकलेट और मीठी चीजें बहुत खाते हैं जिससे उनके दांतों में कीड़ा लगने का खतरा ज्‍यादा होता है और मसूड़े भी कमजोर हो जाते हैं बच्‍चों की सेहत में ओरल हाइजीन अहम भूमिका निभाता है और यही वजह है कि बच्‍चों को रोज दिन में दो बार ब्रश करने और चॉकलेट-मिठाई कम खाने की सलाह दी जाती है चूंकि, बच्‍चे छोटे होते हैं और अपनी तकलीफ को खुलकर या स्‍पष्‍ट रूप से बता नहीं सकते हैं इसलिए पेरेंट्स को ही उनकी तकलीफ को समझकर उसका इलाज करना चाहिए।

मसूड़ों में जिंजिवाइटिस, प‍ेरिओडोंटाइटिस और पेरिडोंटल डिजीज की समस्‍या हो सकता है। जिंजिवाइटिस और प‍ेरिओडोंटाइटिस को दांतों की सही देखभाल से ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर यह बढ़ जाए तो परेशानी हो सकती है। मसूड़ों की बीमारियों का इलाज ना किया जाए तो ब्‍लीडिंग शुरू हो सकती है और ऊतकों एवं हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। इससे बच्‍चों के दांत समय से पहले ही टूट सकते हैं।
कुछ घरेलू उपायों से समय रहते ही मसूड़ों में इंफेक्‍शन को खत्‍म किया जा सकता है। यहां जानिए गम इंफेक्‍शन को ठीक करने के घरेलू नुस्‍खों के बारे में। मसूड़ों में सूजन का इलाज विटामिन सी से किया जा सकता है। अगर आपके बच्‍चे के मसूड़ों में संक्रमण हो गया है तो उसे विटामिन सी से युक्‍त चीजें खिलाएं। बच्‍चे को नींबू, संतरे और चकोतरा का जूस पिलाएं। इससे मसूड़ों की सूजन से राहत मिलती है।
इंफेक्‍शन वाली जगह पर एलोवेरा जेल लगाने से भी मसूड़ों की सूजन और संक्रमण कम होता है। मसूड़ों पर एलोवेरा जेल लगाकर, उसे एक घंटे तक सूखने दें। इसके सूखने पर बच्‍चे को कुल्‍ला करने के लिए कहें। एलोवेरा का स्‍वाद थोड़ा कड़वा होता है लेकिन यह मसूड़ों के इंफेक्‍शन के इलाज में असरकारी है। एलोवेरा में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो बैक्‍टीरिया पैदा करने वाले प्‍लाक को जमने से रोकता है और मसूड़ों को राहत प्रदान करता है।
बेकिंग सोडा का न्‍यूट्रिलाइजिंग प्रभाव होता है। इसे दो बूंद गुनगुने पानी में मिक्‍स कर के मसूड़ों पर लगाएं। इस घरेलू नुस्‍खे से मसूड़ों की बीमारियां प्रभावशाली रूप से कम होती हैं। मसूड़ों या दांत से जुड़ी कोई बीमारी या इंफेक्‍शन होने पर मीठी चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है लेकिन इस लिस्‍ट में शहद नहीं आता है। बच्‍चों के मसूड़ों पर सीधा शहद लगा सकती हैं। शहद में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं जो मसूड़ों को राहत प्रदान करते हैं। बच्‍चों के मसूड़ों की शहद से मालिश करने से फायदा होगा।
भारत में हर घर में हल्‍दी मौजूद होती है। खाने का स्‍वाद बढ़ाने वाली हल्‍दी घाव, कट, गले की खराश के साथ मसूड़ों में इंफेक्‍शन का भी इलाज करती है। इसके लिए आपको दो चुटकी हल्‍दी में कुछ बूंद पानी मिलाकर पेस्‍ट बनाना है। अब इस पेस्‍ट को मसूड़ों पर लगाएं। हल्‍दी के एंटी-इंफ्लामेट्री गुण प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में काम करते हैं। दिन में दो से तीन बार इस नुस्‍खे का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।


शबनम के बेटे ताज की राष्ट्रपति से फरियाद, कहा- अंकल जी... मेरी मां को माफ कर दीजिए

बावनखेड़ी कांड के आरोपी शबनम और सलीम की फांसी की चर्चा तेज है, शबनम देश की पहली ऐसी महिला हो सकती है जिसे अजादी के बाद फांसी हो सकता है। इसी बीच शबनम के 12 साल के बेटे ताज ने अपनी मां के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई है, ताज ने कहा कि राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां को माफ कर दो। बुलंदशहर में भूड़ चौराहे के समीप सुशील विहार कॉलोनी में रहने वाले उस्मान सैफी के संरक्षण में पल-बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि ताज को मां के गुनाहों का अहसास है। उस्मान ने फोन पर बताया कि बेटे ताज ने राष्ट्रपति से मां शबनम को माफ करने की मांग की है। रामपुर जेल में कैद शबनम से 21 जनवरी को ताज और उस्मान ने मुलाकात की थी। जेल में मुलाकात के दौरान बेटे ताज को दुलारते हुए शबनम ने टॉफी के साथ रुपये भी दिए थे।उस्मान ने बताया कि मुलाकात के दौरान शबनम ने बेटे से कहा था कि पढ़ लिख कर अच्छा इंसान बनना है। मन से पढ़ाई करोगे तो आगे बढ़ोगे।

ताज के अभिभावक उस्मान ने बताया कि ताज को गोद लेने के लिए उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी, बाद में कई कोशिशों के बाद बच्चे ताज की परवरिश की जिम्मेदारी हासिल की। उस्मान से शबनम कॉलेज में पढ़ाई में दो साल सीनियर थी। उस्मान से मुलाकात के लिए जेल में शबनम ने 23 बार इंकार किया था, फिर जेल के अफसरों की कोशिशों के बाद मुलाकात को रजामंद हुई। बता दें कि भारत को आजादी मिलने के बाद आज सात दशक से भी ज्यादा समय हो गया है मगर अभी तक किसी महिला कैदी को फांसी की सजा नहीं हुई है। पहली बार अब मथुरा की जेल को इसके लिए तैयार किया जा रहा है ताकि अमरोहा की रहने वाली शबनम को मौत की सजा दी जाए। इसके लिए पवन जल्लाद से जेल का मुआयना करा लिया गया है। इसके लिए पवन दो बार निरीक्षण भी कर चुके हैं।  बता दें आज तक किसी महिला कैदी को फांसी की सजा नहीं दी गई मगर इस बार अमरोहा की रहने वाली शबनम नाम की महिला को जिला अदालत से लेकर सु्प्रीम कोर्ट और फिर राष्ट्रपति ने भी फांसी देने के लिए हां कर दी है। उनकी सजा को किसी ने भी कम नहीं किया है। बता दे शबनम ने साल 2008 में अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के आठ लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्याकर दी थी। उन्होंने बहुत ही बेर्शमी और बेरहमी से इस घटना को अंजाम दिया था। 

Saturday, January 23, 2021

AAP विधायक सोमनाथ भारती को दो साल की जेल, AIIMS सुरक्षाकर्मियों से मारपीट का मामला

बहरहाल, भारती को जमानत दे दी गई, ताकि वह मामले में दोषी ठहराये जाने और जेल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर कर सकें. अभियोजन पक्ष के अनुसार, 9 सितंबर, 2016 को, भारती ने लगभग 300 अन्य लोगों के साथ, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक जेसीबी से एक चारदीवारी के घेरे को गिरा दिया था.

दिल्ली 

की एक अदालत ने शनिवार को विधायक और दिल्ली के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को दो साल की जेल की सजा सुनाई है. उन पर एम्स (AIIMS) के सुरक्षा कर्मचारियों के साथ साल 2016 में मारपीट करने का आरोप था. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने आप नेता को दोषी मानते हुए ये सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 

बहरहाल, भारती को जमानत दे दी गई, ताकि वह मामले में दोषी ठहराये जाने और जेल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर कर सकें. अभियोजन पक्ष के अनुसार, 9 सितंबर, 2016 को, भारती ने लगभग 300 अन्य लोगों के साथ, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक जेसीबी से एक चारदीवारी के घेरे को गिरा दिया था. मजिस्ट्रेट ने कहा, "अदालत का मानना है कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी सोमनाथ भारती के खिलाफ अपना मामला साबित कर दिया है." अदालत ने भारती को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया, जिनमें धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना) और 147 (दंगा करना) शामिल हैं. इन अपराधों में अधिकतम पांच साल जेल की सजा होती है. अदालत ने भारती के सहयोगियों और सह-अभियुक्तों - जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडे को बरी कर दिया. यह मामला एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आर एस रावत की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. भारती ने अदालत से कहा था कि मामले में उन्हें झूठा फंसाने के लिए पुलिस अधिकारियों और अन्य गवाहों ने उनके खिलाफ गवाही दी थी. 
Report@NDTV Hindi

Tuesday, January 19, 2021

योगी ने लागू कर रख है उत्तर प्रदेश में अघोषित ‘आपत्तिकाल’ : सोमनाथ भारती

 आम आदमी पार्टी के विधायक व दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती ने मंगलवार को सुलतानपुर की अमहट जेल से रिहा होने के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अघोषित ‘आपत्तिकाल’ कर रखा है, ये कांग्रेस से भी आगे हैं और हर किसी का आवाज दबाने का प्रयास कर रहे हैं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “आज लगभग 200 घंटे बाद मुझे रिहा किया गया है, मैं योगी जी से कहना चाहता हूं कि यदि मुझे 200 दिन भी जेल में रखेंगे तो भी मैं उत्तर प्रदेश के घर-घर, मोहल्ले में जाकर केजरीवाल मॉडल गवर्नेंस, शिक्षा, पानी, स्वास्थ्य, बिजली, सुरक्षा के बारे में जनता को बताऊंगा।”

भारती ने कहा कि लोकतंत्र के अन्दर हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक लड़ाई राजनैतिक रूप से होनी चाहिए, न कि झूठी एफआईआर व पुलिस का सहयोग लेकर, उसके पीछे छुपकर। उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली के अंदर एक मॉडल स्थापित किया है। जिस प्रकार दिल्ली की जनता को लाभ मिल रहा है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश की जनता को भी मिलने का हक है और वह हक हम दिला कर रहेंगे”। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने अघोषित आपत्तिकाल कर रखा है ये कांग्रेस से भी आगे हैं और हर किसी का आवाज दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम आम आदमी पार्टी की तरफ़ से यह वादा करते हैं कि घर-घर जाकर केजरीवाल गवर्नेंस बनाम योगी मॉडल गवर्नेंस को जनता को बताएंगे,चाहे वो कुछ भी कर लें।”

उन्होंने कहा कि जिला पंचायत का चुनाव आ रहा है, आम आदमी पार्टी पूरे दम खम से चुनाव उत्तर प्रदेश में लड़ेगी। ग़ौरतलब है कि दिल्ली के कानून मंत्री रह चुके और इस वक्त दिल्ली के मालवीयनगर से आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती को 11 जनवरी को अमेठी पुलिस ने अस्पतालों को लेकर अभद्र टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके अलावा उन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी आपत्तिजनक बयान देने का आरोप था, जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को दिल्‍ली के आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती की जमानत याचिका मंज़ूर कर ली थी।



Saturday, January 2, 2021

23 जनवरी को राजभवन तक निकालेंगे मार्च, 26 जनवरी को दिल्ली में निकलेगी ट्रैक्टर किसान परेड

 तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों का धरना-प्रदर्शन शनिवार को 38वें दिन में प्रवेश कर गया। सिंघु के साथ टीकरी और दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर भी बढ़ी संख्या में किसान तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।इस बीच शनिवार दोपहर में दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान किसान संगठनों ने एलान किया है कि आगामी 6 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा, इसी के साथ 15 जनवरी तक भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा। फिर 23 जनवरी को सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन तक राज्यपाल भवन तक मार्च निकाला जाएगा। आखिर में 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर किसान परेड मार्च होगा। संयुक्त किसान मोर्चा की इस पत्रकार वार्ता में बीएस राजेवाल, दर्शन पाल, गुरुनाम सिंह, जगजीत सिंह, शिव कुमार शर्मा कक्का व योगेन्द्र यादव शामिल हुए। उन्होंने कहा है कि अगर 4 जनवरी को हमारी बात नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।वहीं, कृषि कानूनों को लेकर यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में प्रदेश के रामपुर जनपद के बिलासपुर निवासी कश्मीर सिंह ने गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जानकारी के मुताबिक, इसमें उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त करने के पीछे खुद को जिम्मेदार ठहराया है। किसान की मौत की खबर पर आंदोलन स्थल के किसानों में शोक है। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है। वही किसान संगठनों ने आंदोलन स्थल के मंच से मृतक किसान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।



हौजरानी प्रेस एन्क्लेव में बन सकता है फ्लाईओवर: 50 हजार से ज्यादा लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा

दिल्ली वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। साकेत मैक्स अस्पताल के बाहर पंडित त्रिलोक चंद शर्मा मार्ग पर लगने वाले जाम से जल्द मुक्ति मिलेगी। प...