Saturday, February 29, 2020

शाहीन बाग में भारी पुलिस बल तैनात, हिंदू सेना की चेतावनी के बाद धारा 144 लागू

राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। करीब ढाई महीने से शाहीन बाग रोड बंद है। अब हिंदू सेना ने ऐलान किया है कि रविवार को यह प्रदर्शन खत्म करवा दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद से शाहीन बाग में धरना स्थल पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। इसके अलावा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से धरना स्थल से उठने की अपील की है। पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है। बता दें कि हिंदू सेना ने ट्वीट कर एक प्रेस रिलीज जारी की। इस रिलीज में कहा गया था कि एक मार्च यानी रविवार को दिल्ली के शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया जाएगा। किसी भी तरह की अव्यवस्था से निपटने के लिए धरना स्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है।


हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने ट्वीट किया कि दिल्ली पुलिस शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाने में बुरी तरह से नाकामयाब रही है। भारत के संविधान के आर्टिकल 14, 19, 21 के तहत वहां आम लोगों के मूल अधिकारों का हनन हो रहा है। हिंदू सेना 1 मार्च 2020 को सुबह 10 बजे, सभी राष्ट्रवादियों को ब्लॉक की गई सड़क को खाली कराने के लिए आमंत्रित करती है। पुलिस ने शाहीन बाग में बैरिकेडिंग करते हुए चेतावनी चस्पा कर दी है कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के चलते यहां किसी भी तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि 15 दिसंबर से शाहीन बाग में सड़क बंद है और यहां सीएए के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। Report@NBT

हौजरानी: तनाव के बीच भी प्रोटेस जारी

दिल्ली : CAA, CAB, NRC और NPR को लेकर हौजरानी में बीते 23 जनवरी से प्रदर्शन जारी है। हौजरानी में वक्ता समय समय पर प्रदर्शनकारी महिलाओं को संबोधित कर रहे हैं, उत्तरी पूर्वी दिल्ली के मौजपुर, नूर ईलाही, विजय पार्क, कबीर नगर, मुस्तुफाबाद, शिव विहार की हिंसाा के कारण हौजरानी के गांधी पार्क प्रोटेस स्थान के आसपास पुलिसकर्मी भारी संख्या में तैनात हैं, वहीं पार्क से मुख्य मार्ग तक आने वाली सड़क को बैरीकेड लगाकर बंद कर दिया गया है। तनाव के बीच बारिश होने के बावजूद भी लोगों के हौसले कम नहीं हो रहे।

अगर सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो भेजा तो होगी 3 साल की जेल

सोशल मीडिया पर माहौल खराब करने के लिए फैलाए जा रहे गलत और भड़काऊ वीडियो को लेकर दिल्ली सरकार सख्ती दिखाने जा रही है। दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि इस तरह के वीडियो फैलाने वाले लोगों पर सरकार आईटी एक्ट 56ए और आईपीसी की धारा 153ए, 506 के तहत कार्रवाई करेगी जिसमें 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। दिल्ली सरकार के मुताबिक, वह जल्दी इसे लेकर एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी करेंगे और लोगों से अपील करेंगे कि अगर उनके पास इस तरह के कोई भी वीडियो जो धार्मिक रूप से भड़काऊ हो और माहौल खराब करने वाले हो उसे लेकर सरकार को सूचित करें। वह वीडियो कहां से आया है किस नंबर से भेजा गया है या सोशल मीडिया पर किसने शेयर किया है यह जानकारी लोगों को दिल्ली सरकार को उपलब्ध करानी होगी। सरकार दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी। इसमे 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। 
सूत्रों की मानें तो दिल्ली में हुए दंगे अब शांत हो चुके हैं, लेकिन अभी भी सोशल मीडिया पर गलत गलत वीडियो जारी करके या सर्कुलेट करके माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। इसी के चलते सरकार ने ये फैसला लिया है कि वह ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी। सरकार दिल्लीवालों से अपील करेगी कि अगर उनके पास इस तरह का वीडियो कोई भेजता है तो उसकी जानकारी वह दिल्ली सरकार को उपलब्ध कराएं।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में शनिवार सुबह हालात शांतिपूर्ण रहे। स्थानीय निवासी इस सप्ताह की शुरुआत में इलाके में हुए साम्प्रदायिक दंगों में पहुंचे नुकसान से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, इलाके में तैनात सुरक्षा कर्मी फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं और स्थानीय लोगों का डर खत्म करने के लिए रोज उनसे बातचीत कर रहे हैं। वे स्थानीय निवासियों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने तथा उसकी पुलिस में शिकायत करने का अनुरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। साथी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।

Friday, February 28, 2020

कुल 42 लोगों की मौत, 32 की पहचान हुई, 10 शवों की पहचान अभी नहीं हुई


हिंसा में मारे गए 42 लोगों में से 22 की जान पथराव में गंभीर चोट लगने के कारण हुई, वहीं 13 की गोली लगने से जान गई। इनमें 38 मृतकों की उम्र 20 से 30 साल के बीच है। इस बीच, पुलिस ने 331 शांति बैठक की हैं। मौजपुर, घोंडा व यमुना विहार में कुछ जगह दुकानें भी खुल गईं।दिल्ली हिंसा: मरने वालों के नाम: मुशर्रफ, मोहम्मद इरफान, जाखिर, इश्तियाक खान, अशफाक हुसैन, परवेज आलम, अय्यूब, आमिर, हाशिम, महफूज अली, मोहम्मद फुरकान, मुबारक अली, मोहम्मद यूसुफ, मेहताब, मुदस्सिर खान, शाहिद अक्वी, अनवर, अकबरी, मोहद शाबान, सुलेमान, संजीत ठाकुर, राहुल ठाकुर, विनोद कुमार, वीर भान, दीपक कुमार, रतन लाल, राहुल सोलंकी, अमन, आलोक तिवारी, दिनेश कुमार, अंकित शर्मा, दिलबर

वहशत के बाद दहशत बरकरार: तनाव के बीच शांति के लिए बैठकों का दौर, अब तक 42 की मौत

राजधानी के हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात सामान्य हो रहे हैं लेकिन दहशत व तनाव कायम है। हालांकि, शुक्रवार को शिव विहार इलाके में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इसके साथ दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई, जबकि 300 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं दिल्ली पुलिस ने अब तक 148 एफआईआर दर्ज की हैं। 630 लोगों को पकड़ा है, जिसमें कुछ की गिरफ्तारी भी हुई है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में सुरक्षा के लिए 7000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। दिल्ली में हालात सामान्य करने के लिए एनएसए अजीत डोभाल के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी शुक्रवार को हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से अमन की अपील की। वहीं, रविवार से दिल्ली पुलिस आयुक्त का प्रभार संभालने जा रहे विशेष पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव भी शुक्रवार को शांति की अपील करते हुए शहर में घूमे। श्रीवास्तव अमूल्य पटनायक की जगह कार्यभार संभालेंगे, जो शनिवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम शुक्रवार को जाफराबाद पहुंची। अध्यक्ष रेखा  शर्मा की अगुआई में यह टीम महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा की पड़ताल करेगी।
फॉरेंसिक टीम ने ताहिर की फैक्टरी से जुटाए सुबूत: दिल्ली फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी ने आप पार्षद ताहिर हुसैन की चांदबाग इलाके में स्थित फैक्टरी से सुबूत जुटाए। ताहिर की खजूरी खास की फैक्टरी भी सील कर दी गई। अपराध शाखा की टीम ने ताहिर के घर से मिले पेट्रोल बम आदि के अलावा मकान की थ्रीडी मैपिंग करवाई। अंकित शर्मा की हत्या मामले में उसे जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया गया है।

प्रशांत भूषण बोले- दिनरात हिंदू-मुस्लिम करने वाले पत्रकारों का भी ‘दिल्ली दंगों’ में अहम योगदान है

दिल्ली में जो हिंसा हुई है इसमें अब तक 40 से ज्यादा लोगों की जान गयी है। जो अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रही है। देश की राजधानी में लगातार तीन दिनों तक हिंसा होती रही जिसे न सरकार और न ही पुलिस रोकने में कामयाब रही है। इन बातों को लेकर लोग केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार और दिल्ली पुलिस पर आरोप भी लगा रहे हैं। दिल्ली के नार्थ ईस्ट इलाके में हुए इस हिंसा को सांप्रदायिक दंगा बोलना चाहिए। क्यूंकि हिंसा के वक़्त भीड़ लोगों को धर्म के आधार पर उन्हें चिन्हित कर मौत के घात उतार रही थी। लोगों से जय श्रीराम और हनुमान चालीसा सुनाने को बोला जा रहा था नहीं तो उसके बाद उन्हें मार दिया जा रहा था। दिल्ली की इस सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर एक गोदी मीडिया के पत्रकारों का पोस्टर शेयर कर लिखा- ”दिल्ली में दंगा हुआ चौंकिए मत, ये नफ़रत ऐसे ही नहीं फैली उसके लिए दिन-रात टीवी चैनल पर हिन्दू-मुस्लिम करने वाले पत्रकारों का अहम् योगदान है।”
दरअसल प्रशांत भूषण ने दिल्ली में हुए हिंसा को लेकर तथाकथित मुख्यधारा के टेलीविजन पत्रकारों और उनके मीडिया घरानों पर निशाना साधा है। जहां इनके न्यूज़रूम में दिन-रात पिछले 6 सालों से देश को बांटने वाली सामग्रियों को दिखाया जा रहा है। प्रशांत भूषण का सीधा निशाना आज के इन गोदी मीडिया के पत्रकारों पर है जो रात-दिन अपने न्यूज़ रूम से हिन्दू-मुस्लिम, हिन्दुस्तान-पाकिस्तान और कश्मीर से जुडी गलत खबरों को प्रसारित करते रहे हैं। यह पत्रकार सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर नागरिक को देश के खिलाफ बताते हैं। आज जो देश की राजधानी में इस तरह सांप्रदायिक हिंसा की घटना घटी है। इसकी आशंका देश के समझदार लोग पहले से ही कर रहे थे। क्यूंकि केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार आरएसएस के हिंदुत्व अजेंडे को देश में लागू करना चाहती है। जिसमें मोदी सरकार का सबसे ज्यादा अगर कोई मदद कर रहा है तो वह है ये गोदी मीडिया के पत्रकार, जो रात दिन विपक्ष और अल्पसंख्यक को देश के विलेन की तरह बताते रहते हैं। boltahindustan

4 मार्च महिला दिवस पर होगा रंगारंग प्रोग्राम

दिल्ली: कात्यानी वेलफेयर सोसायटी एसोसिएट विद डिज़ायर आर्ट्स एंड इवेंट्स की ओर से आगामी 4 मार्च को "होली के रंग महिला दिवस के संग" का आयोजन जय सिंह रोड, वाई एम सी ए में किया जाएगा। जिसमे डांस ओर संगीत का जलवा भी बिखेरा जाएगा।वेलफेयर की प्रसिडेंट शीतल सिंह ने बताया कि प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के रूप में इंटरनेशनल सिंगर प्रेम भाटिया होंगे। सिंगर कलाकारों में रूपा सिंह,संचिता घोष, आमना , आकांशा,मीना सेठी, अर्चना सक्सेना, दीपक नायडू, डॉक्टर ताहिर,विजय *कथूरा,ओर अशोक चोपड़ा जैसे कलाकार अपने गीतों से प्रोग्राम में शोभा बढ़ाएंगे*। मंच का संचालन आमना एवं अशोक दत्ता जी* *संभालेंगे।वहीं दूसरी ओर पीओग्राम को सपोर्ट करने में नवल घई, अभिषेक शर्मा, शालिनी पीटर, रूपा सिंह, डॉक्टर बबिता शर्मा,अंकित बंसल जैसे कलाकारों का योगदान रहेगा! CR@राजेश वधवा

जुमे की नमाज के चलते कड़े सुरक्षा प्रबंध

3 दिन तक दंगाइयों के चलते हिंसा की चपेट में रही उत्तर पूर्वी दिल्ली शांति की ओर लौट रही है। पिछले 50 घंटे से हिंसा की कोई नई वारदात नहीं हुई है। वहीं, शुक्रवार को जुमे की नमाज के चलते दिल्ली पुलिस ने जगह-जगह कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं।मौजपुर, मुस्तुफाबाद, ओखला, हौजरानी, नूर इलाही में सुरक्षा बल तैनात है। वहीं, हिंसा में जान गंवाने वालों का आकड़ा 39 पहुंच गया। इसी के साथ 100 से अधिक घायलों का अब भी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

कहां तुम चले गए

जाते हुए जब तुमने आवाज तो दी होगी, हर वक्त यही है गम, उस वक्त कहां थे हम, कहां तुम चले गए !

Thursday, February 27, 2020

दिल्ली दंगो के बाद राजधानी को मिला नया पुलिस कमिश्नर

नई दिल्ली: भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी एसएन श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस के प्रमुख के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से हिंसा को समाप्त करने के बाद उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से लेकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से लेकर उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से लाने के बाद अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। श्री श्रीवास्तव अमुल्या पटनायक को की जगह लेंगे, जो कल सेवानिवृत्त होंगे। श्री श्रीवास्तव अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और संघ शासित प्रदेश या एगमुत कैडर के 1 9 85-बैच अधिकारी हैं। श्री पटनायक का कार्यकाल, जिसे एक महीने तक बढ़ाया गया था, कल समाप्त होता है, क्योंकि केंद्र पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा से हिट करने वाले क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए काम करता है, जिसने 39 की हत्या कर दी और सैकड़ों घायल हो गए। श्री श्रीवास्तव की नियुक्ति दिल्ली पुलिस में एक शून्य भरती है जिसे नेतृत्व संकट के साथ जूझने के रूप में देखा जाता है, सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है। “लोगों ने हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के इरादे पर विश्वास नहीं किया। यहां तक कि दिल्ली पुलिस आयुक्त की छवि भी किसी भी कारण से बहुत अच्छी नहीं थी। लेकिन जल्द ही दिल्ली के पास एक नया पुलिस आयुक्त होगा।” केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने श्री श्रीवास्तव को नए पद से जुड़ने से राहत दी है। श्री पटनायक पिछले दिनों रविवार को हिंसा को समाप्त करने के लिए अप्रभावी के रूप में देखे जाने के बाद निवासियों और राजनीतिक नेताओं से आग के नीचे आए, जब यह टूट गया, और बाद के दिनों में।
सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि कई स्थानों पर जहां नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का समर्थन करने वालों और इसके खिलाफ विरोध करने वालों के बीच झड़पें हो रही थीं, उनमें न्यूनतम पुलिस उपस्थिति नहीं थी। एक दिन बाद भी, कई पूर्वोत्तर दिल्ली के निवासियों ने आरोप लगाया कि पुलिस की उपस्थिति या तो पतली थी या वे अभी तक आने वाले नहीं थे। दिल्ली पुलिस को उनके पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) की हेल्पलाइन में मदद के लिए मंगलवार को तीसरे दिन 7,500 कॉल मिली, जिसके बाद से हिंसा भड़क गई। पुलिस ने सोमवार को मदद के लिए दूसरी सबसे बड़ी कॉल प्राप्त की, जिसमें 3,500 कॉल लॉग इन हुए, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया। पिछले रविवार को, जिस दिन झड़पें हुईं, पुलिस को सहायता के लिए कम से कम 700 कॉल मिले, बुधवार को, पीसीआर इकाई को 1,500 कॉल मिले, अधिकारी ने कहा। गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को स्थिति की समीक्षा करने के लिए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि स्थिति में सुधार को देखते हुए, हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर दिल्ली के इलाकों में बड़े समारोहों पर प्रतिबंध आज 10 घंटे – सुबह 4 बजे से 10 बजे और शाम 4 बजे से 8 बजे तक हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “पिछले 36 घंटों में कोई बड़ी घटना उत्तर-पूर्व (दिल्ली) में नहीं हुई है।”



बिहार विधानसभा में पास हुआ जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव, BJP भड़की

पटना. एनआरसी (NRC) को बिहार में लागू नहीं करने और एनपीआर (NPR) के पुराने स्वरूप से जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित होने के बाद गुरुवार को फिर से एक नया प्रस्ताव विधानसभा में पारित हुआ. आज देश में जातीय जनगणना (Census) कराए जाने की मांग के तहत बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की बात हुई. एक के बाद एक नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई में सरकार के इस फैसले पर जहां विपक्ष गदगद है वही सहयोगी बीजेपी भड़की हुई है.
जातीय जनगणना के प्रस्ताव पर बीजेपी नीतीश पर भड़की: जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा में पारित होने के बाद बीजेपी में बिखराव दिखाई पड़ने लगा है. बिहार विधानसभा सदस्य और भाजपा नेता सच्चिदानंद राय ने भड़कते हुए इसे समाज को तोड़ने वाला बताया है. सच्चिदानंद राय ने बिना नाम लिए नीतीश कुमार का बिना नाम लिए हुए इशारों में हमला करते हुए कहा की ऐसे फैसलों से समाज में बिखराव होता है. संख्या बल रहने का यह मतलब नहीं कुछ भी प्रस्ताव पारित कराया जाए. सच्चिदानंद राय जाति जनगणना के प्रस्ताव पर यही नहीं रुके उन्होंने भटकते हुए कहा कि आज सदन में जिसकी लाठी उसकी भैंस की स्थिति है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के ही एमएलसी नवल किशोर यादव ने उसका स्वागत करते हुए कहा कि जातीय जनगणना अगर होती है इसमें कोई हर्ज नहीं सच्चाई सबके सामने आ जायेगी.
प्रस्ताव से विपक्ष गदगद: जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा में पारित होने पर जहां बीजेपी भड़की हुई है वहीं आरजेडी और कांग्रेस में इसका स्वागत किया है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि विपक्ष हमेशा से यह मांग उठाता रहा है कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए ताकि हकीकत सामने आ सके. जातीय संख्या को लेकर हर दिलों का अपना-अपना दावा रहा है. जातीय जनगणना हो जाने पर सारी दुविधा खत्म हो जाएगी कांग्रेस के साथ आरजेडी ने भी इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. आरजेडी नेता सुबोध राय ने कहा की आरजेडी की वर्षों पुरानी मांग रही है कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए और जिसकी जितनी संख्या हो उसे इतना हक मिलना चाहिए.





लोक शिकायत

क़ुतुब रोड की सड़क का हुआ सत्यानाश
दिल्ली: क़ुतुब रोड के बाबू राम सोलंकी मार्ग पर किरोड़ीमल स्कूल के सामने बनी दोनों सड़कों में पिछले कुछ दिन पहले सीवर की खुदाई के कारण सड़क के बीच मे खुदाई की गई । समाजिक कार्यकर्ता राजेश वधवा कहते हैं कि  सीवर डाले 15 दिन से ऊपर हो गए हैं लेकिन आज आज भी खुदाई के कारण यहां सड़क पर धूल मिट्टी उड़ कर पूरे आसपास के क्षेत्र को प्रदूषित कर रही है और सड़क पर वाहनों का आवागमन भी बंद पड़ा है PWD ओर दिल्ली जल बोर्ड के विभाग से अनुरोध है कि शीघ्र यहां पर सड़क की मरम्मत करवाई जाये ताकि सड़क पर पड़े मलबे को हटाकर यहां शीघ्र सड़क चालू हो पाए ।

मौजपुर-मुस्तफाबाद में हुईं सबसे ज्यादा मौत

स्वदेश कुमार’ पूर्वी दिल्ली: पिछले पांच दिनों से उत्तर पूर्वी जिले में जारी ¨हसा में अरबों रुपये की संपत्ति का नुकसान होने की आशंका है। इसके साथ अब तक कई लोगों की जान भी जा चुकी है। अस्पतालों में घायलों की कतार लगी हुई है। अब तक करीब 20 मृतकों की पहचान हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा मौतें मौजपुर और मुस्तफाबाद में हुई हैं। मुस्तफाबाद और शिव विहार के बीच दंगे में सात, वहीं मौजपुर-कबीर नगर के बीच ¨हसा में पांच लोगों की मौत हुई है। वहीं खजूरी व चांद बाग में तीन, गोकलपुर व मंडोली में तीन और बृजपुरी में दो लोगों की जान दंगों में गई हैं। जीटीबी अस्पताल द्वारा तैयार रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। वहीं अभी भी कई शवों की पहचान नहीं पाई है। गत रविवार को मौजपुर के पास ही ¨हसा की शुरुआत हुई थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दौरान करोड़ों रुपये का सामान जलकर खाक हो चुका है। इन दंगों में आठ से ज्यादा दुकानों, मकानों को दंगाइयों ने निशाना बनाया है। इनमें आग लगाने के साथ तोड़फोड़ और लूटपाट की गई है। इनमें कार, बाइक का शोरूम व भजनपुरा का पेट्रोल पंप भी शामिल है। सैकड़ों की संख्या में वाहनों को भी फूंका गया है। फोरेंसिक विभाग की टीमों ने जली हुए दुकानों और वाहनों की जांच शुरू कर दी है। यहां जली हैं सौ कारें: शिव विहार तिराहा के पास दो पार्किंग स्थल हैं। इसमें सौ से ज्यादा कारें जली हुई पड़ी हैं। यहां सोमवार और मंगलवार की ¨हसा में आग लगाई गई थी। भजनपुरा में तबाही: रविवार को ¨हसा में यहां सबसे पहले भजनपुरा के पेट्रोल पंप को निशाना बनाया गया था। दंगाइयों ने इस पंप को पूरी तरह से फूंक दिया गया है। इसके साथ लगती कई दुकानों में भी आग लगा दी गई थी। इसके सामने चांद बाग में मारुति का शोरूम भी फूंका गया है। चमन पार्क में कई दुकानें खाक: मुस्तफाबाद के चमन पार्क में एक लाइन में कई दुकानें आग में खाक हो चुकी हैं। इनमें तोड़फोड़ के बाद आग लगाई गई। टायर मार्केट आग में स्वाहा: इस ¨हसा में गोकलपुर का टायर मार्केट पूरी तरह से जलकर स्वाहा हो चुका है। यहां छोटी-छोटी 40 से ज्यादा दुकानों को आग के हवाले किया जा चुका है। 500 मीटर में 80 से ज्यादा वाहन खाक: खजूरी से लोनी जाने के रास्ते में पश्चिम करावल नगर पुश्ते पर 80 से ज्यादा वाहन जले हुए पड़े हैं। इनमें अधिकांश कारें हैं। इनके अलावा दोपहिया वाहन, मिनी बस, टेंपो भी हैं। मकान भी जले: गामड़ी रोड और शिव विहार में कई मकान जल चुके हैं। ¨हसा के दौरान इन मकानों में आग लगाई गई।








दिल्ली म्यूजिक क्लब को किया गया सम्मानित

दिल्ली: सरिता अग्रवाल ट्रस्ट ओर रचना म्यूजिकल की तरफ से पीतम पुरा क्लब में पिछले दिनों एक रंगारंग प्रोग्राम आयोजित किया गया जिसमें दिल्ली म्यूजिक क्लब के जनरल सेकेटरी राजेश वधवा (बाएं) ओर चेयरमैन कबीर (बीच मे ) को रमेश अग्रवाल ने उनको सम्मानित कर उनको उज्वल भविष्य की कामना की।

हरियाणा मंत्री बोले- दंगे तो होते रहते हैं

देश की राजधानी में पिछले तीन दिनों से हिंसा हो रही है जिसमें अभीतक 35 लोगों की जान चली गयी हैं। हिंसा इतनी भयानक रूप में हुई है की अभी सैकड़ों घायल लोग अस्पताल में भर्ती हैं। दिल्ली के उत्तरीपूर्वी हिस्से में इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की ज़िंदगी भर की कमाई को भीड़ द्वारा जलाकर ख़ाक कर दिया गया। दिल्ली में हुए इस भयावह हिंसा को लेकर जहां एक ओर सभी लोग चिंतित और भय में है। वहीं दूसरी ओर हरियाणा सरकार में ऊर्जा मंत्री रंजीत चौटाला ने कहा कि ‘दंगे जिंदगी का हिस्सा, ये तो होते रहते हैं।’ उन्होंने कहा कि दंगे तो होते रहते हैं, पहले होते रहे हैं, ऐसा नहीं है, जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई, तो पूरी दिल्ली जलती रही, ये तो जिंदगी का हिस्सा है, जो होते रहते हैं रंजीत चौटाला हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं। 
दिल्ली हिंसा को लेकर हरियाणा में खट्टर सरकार के मंत्री रंजीत चौटाला के ऐसे असंवेदनशील बात बोलने पर कुमार विश्वास ने ट्वीट कर दंगाई नेताओं पर निशाना साधा है। कुमार विश्वास ने कहा- ”ये बोलो मंत्री जी की तुम्हारे जैसों की ज़िंदगी का हिस्सा है,आम हिंदुस्तानी की ज़िंदगी का नहीं ! जब तक दंगे नहीं होंगे तुम जैसे परजीवियों की दुकान सत्ता के सामान से कैसे भरेगी ? मरती रहे जनता, तुम्हारा काम बनाता।” बता दें की दिल्ली में हुए हिंसा को लेकर हरियाणा सरकार में मंत्री रंजीत चौटाला से मीडिआ ने सवाल किया। बीजेपी नेता ने जवाब में कहा की ‘‘..दंगे तो होते रहे हैं, पहले भी होते रहे हैं। फिर चाहे इंदिरा गांधी की हत्या हो, तब भी दिल्ली जलती रही। ऐसा नहीं है..ये तो पार्ट ऑफ लाइफ है,जो होता रहता है।’ boltahindustan

दिल्ली हिंसा : 'राजधर्म' बचाने की अपील, अमित शाह को हटाने की मांग

दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन सौंपकर विरोध दर्ज कराया है. राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद सोनिया गांधी  ने कहा कि हमने नागरिकों के जीवन, आजादी और संपत्ति को सुरक्षित करने की मांग की है. इसके साथ ही यह भी मांग करते हैं कि गृहमंत्री को हिंसा काबू न कर पाने पर पद से तुरंत हटाया जाए.  वहीं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा,  'हमने राष्ट्रपति से अपील की है कि वह अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके 'राजधर्म' की रक्षा करें. मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति से मिलकर पिछले चार दिनों दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उस पर चिंता जताई है और यह शर्म की बात है कि 34 लोगों की मौत और 200 लोग घायल हो गए हैं. ये बताता है कि सरकार किस तरह से असफल हो गई है. 
आपको बता दें कि दिल्ली हिंसा मामले में अब तक हुई जांच में पाया गया है कि दोनों समुदायों में कुछ वाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे. इनमें वीडियो डाल कर लोगों को भड़काया गया और भड़काऊ मैसेज फॉरवर्ड किए गए थे. इसके अलावा पथराव किस इलाके में करना है इसको भी इन ग्रुप के जरिए बताया जा रहा था. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 50 से ज्यादा मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं. वहीं छानबीन में पता चला है कि उत्तर प्रदेश सीमा यानी यूपी बॉर्डर से भी देसी कट्टों का इंतजाम किया गया था और हिंसा में इनका जमकर इस्तेमाल किया गया है. वाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल करके स्थानीय लोगों ने यूपी बॉर्डर से अपराधियों को भी बुलाया. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज में स्थानीय नेताओं को भी तलाश रही है. साइबर सेल फेसबुक और ट्विटर के जरिए लोकेशन की भी तलाश कर रही है. पुलिस को यह भी पता चला है कि कुछ लोकल गैंग भी इस हिंसा में सक्रिय थे. पुलिस जांच के साथ-साथ कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी फोकस कर रही है. दूसरी ओर दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. बुधवार को हुई हिंसा के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एस मुरलीधर ने बीजेपी नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी पर कार्रवाई न करने पर पुलिस को फटकार लगाई थी. जारी हुए नोटिफिकेशन के मुताबिक उनका दिल्ली से बाहर पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट तबादला कर दिया गया. हालांकि कॉलेजियम ने दो हफ़्ते पहले ही 12 फ़रवरी को उनके तबादले की सिफ़ारिश की थी. लेकिन सरकार ने कल जब इस पर मुहर लगाई तो टाइमिंग पर सवाल उठने लगे. NDTV India

Wednesday, February 26, 2020

तस्वीर बोलती है : भजनपुरा

पास जलती मज़ार, चारों तरफ़ बिखरे फूल और पत्थर. कोने में बैठा एक बच्चा. जिसने अपने अब तक की ज़िंदगी में शायद कई शरारतें की होंगी. लेकिन इतनी बड़ी शरारत कभी नहीं की होगी कि आस-पास का माहौल इतना ख़राब हो जाए कि हर तरफ़ दहशत भरा धुंआ दिखे. फूल और पत्थर में से फूल चुनने चाहिए. हैं न? ये तस्वीर 24 फरवरी की है, जगह भजनपुरा

Tuesday, February 25, 2020

शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों को हटाने पर सुनवाई मार्च तक टली

दिल्ली में तनावपूर्ण माहौल के बीच शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी है. नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. जिसे कोर्ट ने यह कहकर टाल दिया कि अभी वातावरण ठीक नहीं है, कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए फिलहाल इसे टालते हैं. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि हम पुलिस को हतोत्साहित नहीं कर सकते. हमारे एक हवलदार की मौत हुई है और DCP बुरी तरह से घायल हैं. इसके जवाब में जस्टिस कौल ने कहा कि आप इंग्लैंड पुलिस को देखिए, वह किसी आदेश का इंतजार नहीं करती है. वह खुद कार्रवाई करती है. तुषार मेहता ने कहा हमारे डीसीपी वेंटिलेटर पर हैं और उनका हेलमेट उतारकर उन पर हमला किया. उन्हें लिंच किया गया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 13 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, लिहाजा यह एक गंभीर विषय है. कोर्ट ने कहा 'सार्वजनिक जगह' प्रदर्शन की जगह नहीं होती है.जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा, "जिस पल एक भड़काऊ टिप्पणी की गई, पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी, दिल्ली ही नहीं, इस मामले के लिए कोई भी राज्य हो. पुलिस को कानून के अनुसार काम करना चाहिए. ये दिक्कत पुलिस की प्रोफेशनलजिम में कमी की है. 

Ashish bhargava : NDTV INDIA


दिल्ली हिंसा: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा में 17 लोग मरे

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या में और इजाफा हुआ है। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या 13 से बढ़कर 17 हो गई हैं। गुरु तेग बहादुर अस्पताल ने चार और लोगों के मरने की पुष्टि की है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन करने वाले और विरोध करने वालों के बीच रविवार को भड़की हिंसा मंगलवार को भी जारी रही। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर आदि इलाकों में जारी हिंसा में करीब 250 से अधिक लोग घायल हो गए हैं, इनमें 56 पुलिस के जवान भी शामिल हैं।  दरअसल, दिल्ली में रविवार, सोमवार और मंगलवार तीनों दिन हिंसा की खबरें आती रहीं। उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, बाबरपुर इलाकों में न सिर्फ आगजनी और हिंसा हुई, बल्कि लूटपाट भी की गई। हिंसा की खबरों को देखते हुए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है। इसके अलावा, अमित शाह ने फिर से बैठक बुलााई है। इन इलाकों में जारी है तनाव: उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, बाबरपुर, कर्दमपुरी, सुदामापुरी, घोंडा चौक, करावल नगर, मुस्तफाबाद, चांदबाग, नूरे इलाही, भजनपुरा और गोकलपुरी इलाके हिंसाग्रस्त हैं और बीते तीन दिनों से यहां तनाव जारी है। मंगलवार सुबह भी दोनों पक्ष के लोग सड़क पर आए और जमकर बवाल काटाय़ कर्दमपुरी और सुदामापुरी इलाके में दिनभर रुक-रुककर पथराव और फायरिंग होती रही।  सीमाएं सील की गई: दिल्ली में हुई घटना के बाद गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र से सटे बॉर्डर को सील कर दिया गया है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे के मुताबिक, जिले में धारा 144 लागू है। उधर, नोएडा में कानून-व्यवस्था के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी किया गया है। सीमाओं पर भारी सुरक्षाबल तैनात है।
स्कूल बंद और परीक्षाएं स्थगित: उत्तर पूर्वी जिले के स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया गया है। बुधवार को इन इलाकों के सभी स्कूल बंद रहेंगे। दिल्ली सरकार ने आंतरिक परीक्षाएं स्थगित करने की घोषणा की है। इसके अलावा, सरकार ने सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं भी स्थगित कर दी है। 
मेट्रो स्टेशन बंद रहे, मगर आज सेवा शुरू: भले ही आज सभी मेट्रो स्टेशन को सामान्य कर दिया गया है। मगर हिंसा के चलते पिंक लाइन मेट्रो लाइन के पांच स्टेशन बंद रहे। इनमें शिव विहार, जौहरी एंक्लेव, गोकुलपुरी, मौजपुर और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन शामिल रहे। पिंक लाइन पर मेट्रो को केवल मजलिस पार्क से वेलकम तक चलाया गया।  हालांकि, आज मेट्रो सेवा सामान्य है।

दुकानों पर कतार लगी: उधर हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों ने राशन सामग्री जुटानी शुरू कर दी। शाम को राशन की दुकानों पर कतार लगनी शुरू हो गई। कई जगहों पर लोगों ने बढ़ी हुई कीमतों पर भी सामान खरीदा।
अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भीड़ तितर-बितर: दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर दिल्ली हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और जल्द से जल्द शांति बहाली की मांग कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया है। घेराव कर रहे छात्रों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।

अजीत डोभाल ने स्थिति का जायजा लिया: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल आज देर रात हालात का जायजा लेने के लिए सीलमपुर पहुंचे। डोभाल ने पुलिस के आला अधिकारियों से बातचीत की। सीलमपुर स्थित डिप्टी कमिश्नर ऑफ नॉर्थ-ईस्ट पुलिस के ऑफिस में करीब एक घंटे तक पुलिस कमिश्नर समेत पुलिस के अन्य आला अफसरों के साथ बैठक करने के बाद अजीत डोभाल सीलमपुर से निकल गए। 

कैसे शुरू हुई हिंसा: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए। मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए। इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

कविता - दिल्ली दंगा

 दिल्ली दंगा 
आग लगी दिल्ली में कैसी घातों प्रतिघातों में ।
किसने यह उन्माद जगाया बातों ही बातों में ।।
बांस वनों की भांति करें घर्षण दोनों मजहब दल ।
शांति दूत हांथों में  लेकर लहराते हैं पिस्टल ।
आंख दिखाता धुंआ काल का बार बार उठता है ,
लपट आंच की ऊंची ऊंची उठती हैं रातों में ।।
हमला हुआ पुलिस पर देखो किसको कौन बचाए ।
दंगे  की  सुलगी  चिंगारी  लौट  लौट  कर  आए ।
बहसी  नारों  की  आवाजें  उठती  चौराहों  से ,
कौन  बुझाए  आग  लगी  पानी  से  बरसातों में ।।


लिपट तिरंगे में रोती  देखो भारत मां की जय ।
वन्देमातरम  इस दंगे में खो  बैठा अपनी लय ।
सभी दलों के नामी नेता मौनी बनकर बैठे ,
धूं धूं कर जल रहीं बस्तियां सुलगे जज्बातों में ।।
कुछ नेता फिर घूम घूम के आग तेल डालेंगे ।
कुछ टी वी पर खुली बहस में मुद्दे को टालेंगे ।
कौम जमातों की तीखी वाणी से गरल बहेगा ,
भूख गरीबी रोयेंगी  " हलधर " इन उत्पातों में ।।

@हलधर

CAA प्रदर्शन: सेना जैसी वर्दी में दिखी दिल्ली पुलिस, आर्मी ने कहा- हम लेंगे एक्शन

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जाफराबाद में हो रहे प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की एक फुटेज सामने आई है, जिसमें पुलिसकर्मियों ने भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों जैसी वर्दी पहन रखी है. करीब 1.04 मिनट के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कथित तौर पर दिल्ली पुलिस के जवान, भारतीय सेना जैसी वर्दी पहन कर जाफरादबाद मेट्रो स्टेशन पर दिख रहे हैं. इस पूरे घटनाक्रम पर भारतीय सेना ने कहा कि वो जांच कर एक्शन लेगी. समाचार एजेंसी ANI द्वारा ट्वीट किये गए एक वीडियो पर सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय सेना के प्रवक्ता के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए भारतीय सेना की तैनाती नहीं की गई थी  ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की वर्दी पहनने वाले राज्य पुलिस बलों और निजी सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.' भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि नीतिगत दिशानिर्देश हैं, जिसके अनुसार अर्धसैनिक और राज्य पुलिस बल के जवान सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वर्दी नहीं पहन सकते.

Monday, February 24, 2020

दिल्ली में हिंसा का तांडव: बार-बार क्यों फेल होती है पुलिस की इंटेलिजेंस?

पहले शनिवार फिर रविवार और अब सोमवार तीन दिनों से लगातार उत्तर-पूर्वी इलाके में हिंसा  हो रही है और उस पर दिल्ली पुलिस अभी तक काबू नहीं कर पाई है। साफ है कि दिल्ली पुलिस का इंटेलिजेंस एक बार फिर से फेल हो गया। क्योंकि बीते रविवार को हुई हिंसा के बाद से ही लग गया था कि सोमवार का दिन बेहद अहम होगा। क्योंकि जहां एक तरफ सीएए के विरोधियों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी थी वहीं दूसरी तरफ उसके समर्थन में भी लोगों ने पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि प्रदर्शनकारी जल्द से जल्द हटाए जाएं, लेकिन उसके बाद भी पुलिस नहीं चेती, मौजपुर चौराहे पर सुबह से प्रदर्शनकारियों की अच्छी खासी भीड़ थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसके बाद भी मौके पर केवल एक इंस्पेक्टर के नेतृत्व में 30 पुलिसकर्मी को वहां पर लगाया। जबकि दिल्ली पुलिस इस बात को जानती थी कि इस इलाके में कभी भी तनाव हो सकता है। दोपहर में जब दोनों गूट आमने-सामने आ गए तो स्थिति बेकाबू हो गई। हालांकि, उस समय पुलिस ने उन्हें संभालने की कोशिश की, लेकिन उपद्रवियों की संख्या बेहद ज्यादा थी जिसके कारण पुलिस उस स्थिति को संभाल नहीं पाई।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के 14 जगहों पर आगजनी और हिंसा हुई है, जिनमें मौजपुर जाफराबाद के बीच करीब 4 किलोमीटर का लंबा क्षेत्र है। इस 4 किलोमीटर के बीच कई बसों में आग लगाई गई, सड़कों पर तोडफ़ोड़ की गई, पेट्रोल पंप जलाया गाया, घरों में उपद्रवी घुस गए, लेकिन पुलिस इन इलाकों से नदारद दिखी। इस इलाके में हुई ङ्क्षहसा से संबंधित करीब 20 से ज्यादा वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें केवल 2 वीडियो ही ऐसे हैं, जिनमें पुलिसकर्मी दिख रहे हैं, जबकि सभी वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह से उपद्रवियों ने ये तांडव मचाया है। 
उत्तर-पूर्वी हिंसा की घटना के बाद से पुलिसकर्मी बेहद गुस्से और तनाव में हैं। सोमवार को हुए घटनाक्रम में ज्वाईंट सीपी आलोक कुमार, डीसीपी अमित शर्मा, एसीपी गोकुलपुरी समेत 37 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके अलावा एक हेड कांस्टेबल रतन लाल की हिंसा में मौत हो गई है, जिसके बाद तैनात पुलिसकर्मियों में बेहद रोष है। बताया जाता है कि जिस तरह के मौजूदा हालात उत्तर-पूर्वी इलाके में हैं, उसमें वहां पर पुलिस को हर वो अधिकारी मिलने चाहिए जिससे वे उपद्रवियों से निपट सके, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसी तरह के हालात हाल में तीस हजारी कोर्ट में हुए थे, जहां पर पुलिसकर्मी पिट रहे थे और उसके बाद भी वे मूकदर्शक बने थे, लेकिन हालात सामान्य नहीं हुए तो पुलिसकर्मियों ने अपनी ही सुरक्षा को लेकर पुलिस हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन किया। ऐसा दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार हुआ था।
पुलिस की इंटेलिजेंस इस बात का भी अंदाजा लगाने में फेल दिखी कि उपद्रवियों के पास हथियार हो सकते हैं। जबकि 1992 में इसी इलाके में हुई हिंसा में साफ था कि जाफराबाद और आसपास के इलाकों में कितना बड़ा हथियारों का जखीरा पकड़ा गया था। इसके अलावा हाल में आईबी चेता चुकी है कि जाफराबाद इलाके में कई जगहों पर हथियार की मौजूदगाी है उसके बाद भी पुलिस ने इन्हें कम आंका।  बीते दो दिनों के प्रदर्शन के बाद भी दिल्ली पुलिस इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाई कि कौन-कौन से इलाके बेहद संवेदनशील हैं। जबकि बीते शनिवार और रविवार को पता चल गया था इन इलाकों में इन-इन जगहों पर हिंसक  प्रदर्शन हो सकता है, उसके बाद भी पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती नहीं की गई। करीब तीन बजे के बाद जब प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया और सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने उत्पात मचाया और आगजनी की तो उसके बाद पैरामिलट्री फोर्स को मौके पर भेजा गया। 
नई दिल्ली/संजीव यादव।

हौजरानी उत्पात में 20 पर FIR

दक्षिणी दिल्ली : सीएए व एनआरसी के विरोध और समर्थन में आरक्षण की मांग को लेकर में हौजरानी में पैदल मार्च निकालने का विरोध करने पर इलाके में उत्पात मचाने के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि रविवार रात प्रदर्शनकारी बिना इजाजत पैदल मार्च निकालते हुए मुख्य मार्ग पर आ गय थे, पुलिस ने इन्हें रोकने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने पहले गाली-गलौज की। इसके बाद पुलिस से मारपीट की। इसके बावजूद पुलिस ने संयम बनाए रखा और प्रदर्शनकारियों को आगे नहीं बढ़ने दिया। डीसीपी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई मारपीट व पथराव के चलते 37 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। किसी पुलिसकर्मी का सिर फूट तो किसी को फ्रैक्चर हुआ। मामले में पुलिस ने इंद्राणी उर्फ सानिया, देविका, सुनीता, पूजा, अजरा, मेहनुमा, शाबना, यासिन, शबीना, हैदर, सलाउद्ददीन, आबिद, सलमान, जाहिद, मुन्ना, वसीम, गौरी, नईम, वकार, रहमान के खिलाफ नामजद व अन्य अज्ञात आरोपितों के खिलाफ उपरोक्त धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। डीसीपी ने बताया कि आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें लगा दी गई है। जल्द ही सभी आरोपित पुलिस गिरफ्तार में होंगे। कानून-व्यवस्था से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। 





दिल्ली जल रही है तो क्यों चुप हैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल?

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रदर्शन को लेकर दिल्ली में हंगामा बढ़ता रहा है। भजनपुरा, गोकुलपुरी समेत यमुनापार के कई इलाकों में प्रदर्शन हिंसक हो गया है। इस दौरान यहां फायरिंग, आगजनी और भारी पत्थरबाजी हुई है। उपद्रवियों के भारी बवाल के बीच गोकुलपुरी में दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल की मौत हो गई है, वहीं एक डीसीपी घायल भी हुए हैं। दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के नाम पर जारी बवाल के बीच जिस तरह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का रुख देखने को मिला है उस पर अब सवाल उठने लगे हैं। हर कोई ये जानना चाहता है कि जब दिल्ली जल रही है तो सीएम केजरीवाल चुप क्यों हैं? क्या वो बस ट्वीट के जरिए अपनी बात रख के खानापूर्ति करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर उनके इस रुख के पीछे खास वजह है? दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर ये सारे सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि उनका रूख कभी ऐसा रहा नहीं है। कई बार देखने को मिला जब उन्होंने दिल्ली के लोगों को लेकर अपनी बात रखने के लिए खुद सड़क पर उतरे और आंदोलन भी किया। हालांकि, इस बार जब से दिल्ली में सीएए को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए तो केजरीवाल इस मुद्दे से सीधे तौर पर कुछ कहते नजर नहीं आए। हाल में हुए दिल्ली चुनाव के दौरान भी जब शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था उस समय भी केजरीवाल ने इस मुद्दे केंद्र सरकार की ओर इस पर कार्रवाई के लिए इशारा किया।

शाहीन बाग खाली कराने को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस पर कदम उठाने की अपील की थी। वो खुद उस वक्त शाहीन बाग नहीं गए, हालांकि उनके इस कदम को चुनाव के मद्देनजर इतनी तवज्जो नहीं दी गई लेकिन अब जिस तरह से वो एक बार फिर से दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए हैं। बड़े बहुमत से दिल्ली की आवाम ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी है ऐसे में उनको अब दिल्ली की जनता के लिए आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन, दिल्ली में जारी अराजकता के माहौल में उनका रवैया सवालों के घेरे में है। सीएए प्रदर्शन के नाम पर बवाल के बीच अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, 'दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में शांति एवं सौहार्द को लेकर काफी दुखद खबर आ रही है। मैं माननीय उपराज्यपाल और गृह मंत्री से कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक करने का निवेदन करता हूं, जिससे शांति और सौहार्द सुनिश्चित हो सके।' इसके बाद एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'पुलिस हेड कॉन्स्टेबल की मौत बेहद दुःखदायी है। वो भी हम सब में से एक थे। कृपया हिंसा त्याग दीजिए। इस से किसी का फ़ायदा नहीं। शांति से ही सभी समस्याओं का हल निकलेगा। केजरीवाल ने इन ट्वीट के जरिए शांति की अपील जरूर की है लेकिन अब समय आ गया है जब उन्हें खुद आगे बढ़कर स्थिति को संभालना होगा। इसकी वजह ये है कि दिल्ली ने उन्हें जनादेश दिया है और यहां की जनता इंतजार है कि वो आगे बढ़कर झुलस रही दिल्ली को संभालने की कोशिश करेंगे। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो ये उनकी बड़ी नाकामी मानी जाएगी।

Sunday, February 23, 2020

दिल्ली के हौज़ रानी में CAA विरोध प्रदर्शन में क्या क्या हुआ

रविवार की देर शाम दक्षिण दिल्ली के हौज़ रानी के इलाक़े में हुए पुलिस लाठी चार्ज में बच्चों और महिलाओं सहित कई लोग घायल हुए हैं. घायलों को मालवीय नगर के मदन मोहन मालवीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल के बाहर मौजूद घायलों के परिजनों का कहना है कि ये घटना तब घटी जब नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में स्थानीय लोगों ने जुलूस निकाला था. दक्षिण दिल्ली के पुलिस उपायुक्त अतुल ठाकुर ने लाठी चार्ज की बात स्वीकार भी नहीं की और उसका खंडन भी नहीं किया है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लाठी चार्ज के आरोपों की वो जांच कर रहे हैं.
लेकिन पुलिस उपायुक्त का कहना था कि मालवीय नगर के हौज़ रानी के इलाक़े से नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ लोगों ने जुलुस निकाला था. वो कहते हैं, "जुलूस निकालने के लिए पहले से अनुमति नहीं ली गयी थी. उनका यह भी आरोप था कि प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर यातायात को बाधित करने की कोशिश भी की थी. इसके अलावा पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों और ख़ास तौर पर महिला पुलिसकर्मियों के साथ बदसुलूकी भी की." दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून का जब से विरोध शुरू हुआ था उसके कुछ ही दिनों के बाद ही हौज़ रानी के गांधी पार्क में भी उसी तरह का प्रदर्शन जारी है जिसमे महिलाएं अगुवाई कर रही हैं.
जमीला भी रविवार को उसी जुलूस में थीं जिस वक़्त पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किये जाने का आरोप लगा है. वो स्ट्रेचर पर हैं और उनके परिजन अब उन्हें मदन मोहन मालवीय अस्पताल से लेकर दूसरे अस्पताल जा रहे हैं क्योंकि उनको कमर और पैरों में गंभीर चोटें आयीं हैं. बीबीसी से बात करते हुए वो कहती हैं, "जब से हौज़ रानी में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू हुआ है तब से हर रविवार की शाम सभी महिलाएं इकठ्ठा होकर जुलूस निकालती हैं. इस बार भी उसी तरह से सभी महिलाएं जुलूस की शक्ल में निकलीं थीं." अस्पताल के बाहर मेरी मुलाक़ात मुबीना से हुई जो 'व्हीलचेयर' पर थीं.
उनका कहना था, "हम जुलूस की शक्ल में निकले थे और वापस गांधी पार्क पहुँच गए थे जहाँ कई दिनों से हमारा प्रदर्शन चल रहा है. मगर जब हम वापस पहुंचे तो पुलिस ने पहले ही वहाँ बैरियर लगा दिए थे. हम जैसे ही पहुंचे उन्होंने हम पर लाठियां बरसाना शुरू कर दीं. कई पुलिस वालों ने महिलाओं के पेट पर लात भी मारीं." रोशन जहां को भी इलाज के लिए दूसरे अस्पताल ले जाया जा रहा है. उनका कहना है कि उन्हें भी पैरों, सिर और पीठ पर चोटें आयीं हैं. मदन मोहन मालवीय अस्पताल के बाहर मौजूद भेद का कहना था कि कई बच्चों को भी चोट आयी है जो अस्पताल में भर्ती हैं.
उनका आरोप था कि मदन मोहन मालवीय अस्पताल के डाक्टर उनका मेडिकल नहीं कर रहे हैं यानी वो रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं जिससे पता चले कि उन लोगों को कितनी चोटें आयीं हैं. ये एक क़ानूनी दस्तावेज़ है. वो बताते हैं कि यही वजह है जिसके चलते वे अपने घायल परिजनों को दूसरे अस्पतालों में ले जा रहे हैं. वहीं कुछ ही दूर गांधी पार्क भी है जहां प्रदर्शन जारी है. इस बार भीड़ थोड़ी अनियंत्रित है क्योंकि लोग लाठी चार्ज के ख़िलाफ़ आक्रोश में नज़र आ रहे हैं. उनका आरोप था कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन के बावजूद उनपर लाठियां बरसाई गयीं. गांधी पार्क में भी प्रदर्शन की कमान महिलाओं के हाथों में ही नज़र आयी जो मंच से लोगों को सम्बोधित कर रहीं थीं.
मंच पर उन महिलाओं ने भी बारी बारी से अपनी बात रखी जिन्होंने पुलिस पर लाठी बरसाने का आरोप लगाया. उनका ये भी आरोप था कि महिला प्रदर्शनकारियों को पुरुष पुलिसकर्मी मार रहे थे. कुछ का कहना था कि मारने वाले पुलिसकर्मियों ने वर्दी पर लगे अपनी नामों की प्लेटों को छुपा दिया था. मगर पुलिस के अधिकारी मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं. मालवीय नगर के हौज़ रानी के इलाक़े में पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गयीं हैं ताकि किसी हिंसक वारदात से निपटा जा सके, ऐसा मौके पर मौजूद अधिकारियों का कहना है. मगर घटना के बाद से पूरे इलाक़े में तनाव का माहौल है. (बीबीसी संवाददाता)

हौजरानी प्रोटेस एक महीना प्रशासन पुरानी रंगत में

साउथ दिल्ली के मालवीय नगर के गांधी पार्क में ठीक एक महीने पहले 23 जनवरी को कॉलोनी के लोग NRC, CAA, CAB ओर NPR के विरुद्ध प्रोटेस के लिये बैठे थे उस समय भी पुलिस प्रदर्शनकारियों को पार्क से हटाने की कोशिश कर रही थी मगर कामयाब न हो सकी, पार्क में शांतिपूर्ण ढंग से प्रोटेस दीन रात चल रहा था, ये प्रोटेस महीने भर चलेगा ऐसा प्रशासन को नही लगता था, प्रोटेस में कई बड़ी हस्तियों ने समाज के सामने अपनी बात रखी, आज 23 फरवरी को भीम आर्मी चंद्र शेखर आज़ाद के भारत बंद के समर्थन में गांधी पार्क में एक विशाल रैली का आयोजन करा गया जिसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग व इलाके के ज़िम्मेदार लोग शामिल हुय, ये रैली दोपहर 3 बजे स्टार्ट हुई, पार्क के साइड से प्रेस इन्कलेव रोड़ पर जाने के रास्ते पर दोपहर से ही बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रही सभी रास्ते बंद रहे, रैली हौजरानी, मालवीय नगर, मैक्स हॉस्पिटल मेन रोड, खिड़की विलेज होते हुय वापस गांधी पार्क पहुंच रही थी, लोगो की माने तो वो शांतिपूर्ण ढंग से रैली कर रहे थे उनका रोड को जाम करने का कोई इरादा नही था, भीड़ काफी ज्यादा थी, धक्का मुक्की में कुछ लोग गिर भी गय, मगर पुलिस की कार्यवाही देख कर लगता है कि वो प्रदर्शन खत्म कराना चाहती थी, लाठी चार्ज में कई लोगो को चोटें आई हैं जिन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है, पुलिस के जवान भो चोटिल हुय हैं, घायलों की मदद के लिये खुद स्थानिय के विधायक सोमनाथ भारती घायलों के बीच मौजूद रहे, 

Saturday, February 22, 2020

भीम आर्मी भारत बंद

भीम आर्मी ने संबलपुर रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन किया और आज संबलपुर-पुरी इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोक दिया। भारत बंद SC के फैसले के खिलाफ हो रहा है कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है।

चंडीगढ़ में गर्ल्स पीजी में लगी भीषण आग, तीन छात्राएं जिंदा जली, दो की हालत गंभीर

चंडीगढ़। शहर में शनिवार शाम भीषण हादसा हो गया। सेक्टर-32डी में एक मकान में अवैध रूप से चलाए जा रहे गल्र्स पीजी के फर्स्ट फ्लोर पर आग लग गई। इससे तीन लड़कियों की मौत हो गई। एक लड़की जिंदा जल गई, जबकि दो अन्य की दम घुटने से मौत हुई। दो अन्य लड़कियों ने छत से कूदकर अपनी जान बचाई। हालांकि उन्हें भी कंधे और पांव में काफी चोटें आई हैं। मरने वाली लड़कियों में से दो पंजाब और एक हरियाणा की रहने वाली थी। बताया जा रहा है कि हादसे के समय एक लड़की लैपटॉप को चार्जिंग पर लगाकर उस पर काम कर रही थी। उसी समय लैपटॉप की बैटरी में धमाका हो गया, जिससे आग लग गई। लकड़ी और फाइबर की वजह से आग तेजी से भड़की। यह भी बताया जा रहा है कि कमरे में फायर सेफ्टी के कोई उपकरण भी नहीं थे। हादसे में मारी गई लड़कियों की पहचान रिया, पाक्षी और मुस्कान के तौर पर हुई है। रिया कपूरथला (पंजाब) और पाक्षी कोटकपूरा (पंजाब) की रहने वाली थी, जबकि मुस्कान हिसार (हरियाणा) की निवासी थी। घायलों की पहचान जैसमिन और फैमिना के तौर पर हुई है। 

घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पुलिस ने क्षेत्र को अपने घेरे में ले लिया है। घायल जैसमीन पंजाब के मोगा, जबकि फैैमिना हरियाणा के फतेहाबाद की रहने वाली है। उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है। जैसमीन व फैमिना एक-दूसरे को नहीं जानती थी। उनके मुताबिक पीजी में आजकल 15-20 छात्राएं रह रही थी, लेकिन घटना के दौरान अधिकांश वहां मौजूद नहीं थी। हादसे के समय मुस्कान लैपटॉप पर काम कर रही थी। तभी लैपटॉप की बैटरी फट गई और आग लग गई। मुस्कान को संभलने का मौका तक नहीं मिला। रिया और पाक्षी भी वहीं सो रही थीं। आग लगते ही दोनों जान बचाने के लिए बाथरूम में छिप गईं, जहां धुएं के कारण दम घुटने से उनकी मौत हो गई। लोगों ने पीजी से धुआं उठता हुआ देखा तो तुरंत पुलिस को सूचित किया। इसके बाद फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया।  पीजी में लगभग 25 लड़कियों के रहने की व्यवस्था है, लेकिन अभी इस समय आठ-नौ लड़कियां ही रह रही थीं। घटना के समय चार लड़कियां बाहर गई थीं। बताया जा रहा है कि यह पीजी रजिस्टर्ड नहीं है। आग लगने के बाद दो लड़कियां पीजी की छत से कूद गईं। जैसमिन ने पीजी की पहली मंजिल से छलांग लगाई, जबकि फैमिना दूसरी मंजिल से कूदी। दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दोनों लड़कियों को काफी चोटें आई हैं। हादसे में मरने वाली प्राछी कोटकपूरा शहर के सट्टा बाजार निवासी नवदीप ग्रोवर की बेटी थी। बताया जा रहा है वह डीएवी कालेज में 12वीं कक्षा की टॉपर रह चुकी है। वह चंडीगढ़ में एसडी कालेज की छात्रा थी। उसकी मौत की खबर के बाद शहर में शोक की लहर दौड़ा गई। परिवार चंडीगढ़ रवाना हो गया है..!

Friday, February 21, 2020

PM ने पूरे देश में NRC लागू नहीं करने का दिया आश्वासन

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात की. मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने संवाददाताओं से बात करते हुए बताया कि पीएम मोदी के साथ सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आशवस्त किया है कि वह पूरे देश में NRC को लोगू नहीं करेंगे. आदित्य ठाकरे और संजय राउत के साथ प्रेस क्रांफ्रेंस करते हुए उद्दव ठाकरे ने कहा कि हमनें यह समझ लिया है कि CAA, NRC और NPR की भूमिका क्या है. सीएए का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि CAA को लेकर किसी को डरने की जरूरत नहीं है. जो लोग CAA के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं, उन्हें समझने की जरूरत है, साथ ही उद्धव ठाकरे ने कहा कि एनपीआर का संबंध जनसंख्या है, और जनसंख्या की गणना हर 10 साल में होती है. एनआरसी पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि एनआरसी मुसलमानों के लिए खतरा है, इसके जरिए देश से मुसलमानों को बाहर निकाला जाएगा लेकिन ऐसा नहीं है, अगर कोई विवाद होता है तो देखेंगे कि क्या करना है. दरअसल गृहमंत्री अमित द्वारा NRC लागू करने की बात कहने और फिर पीएम मोदी द्वारा उसे खारिज करने की वजह से बड़ी संख्या में लोग नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली से लेकर मुंबई तक लोग कई दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के जीएसटी की राशि को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि जीएसटी की राशि राज्यों को जिस गति से मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है. इस विषय के साथ विमर्श हुआ, इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पैसा किसानों को नहीं मिलने की बात पीएम मोदी से की.

हौजरानी प्रेस एन्क्लेव में बन सकता है फ्लाईओवर: 50 हजार से ज्यादा लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा

दिल्ली वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। साकेत मैक्स अस्पताल के बाहर पंडित त्रिलोक चंद शर्मा मार्ग पर लगने वाले जाम से जल्द मुक्ति मिलेगी। प...