नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रदर्शन को लेकर दिल्ली में हंगामा बढ़ता रहा है। भजनपुरा, गोकुलपुरी समेत यमुनापार के कई इलाकों में प्रदर्शन हिंसक हो गया है। इस दौरान यहां फायरिंग, आगजनी और भारी पत्थरबाजी हुई है। उपद्रवियों के भारी बवाल के बीच गोकुलपुरी में दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल की मौत हो गई है, वहीं एक डीसीपी घायल भी हुए हैं। दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के नाम पर जारी बवाल के बीच जिस तरह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का रुख देखने को मिला है उस पर अब सवाल उठने लगे हैं। हर कोई ये जानना चाहता है कि जब दिल्ली जल रही है तो सीएम केजरीवाल चुप क्यों हैं? क्या वो बस ट्वीट के जरिए अपनी बात रख के खानापूर्ति करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर उनके इस रुख के पीछे खास वजह है? दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर ये सारे सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि उनका रूख कभी ऐसा रहा नहीं है। कई बार देखने को मिला जब उन्होंने दिल्ली के लोगों को लेकर अपनी बात रखने के लिए खुद सड़क पर उतरे और आंदोलन भी किया। हालांकि, इस बार जब से दिल्ली में सीएए को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए तो केजरीवाल इस मुद्दे से सीधे तौर पर कुछ कहते नजर नहीं आए। हाल में हुए दिल्ली चुनाव के दौरान भी जब शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था उस समय भी केजरीवाल ने इस मुद्दे केंद्र सरकार की ओर इस पर कार्रवाई के लिए इशारा किया।
शाहीन बाग खाली कराने को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस पर कदम उठाने की अपील की थी। वो खुद उस वक्त शाहीन बाग नहीं गए, हालांकि उनके इस कदम को चुनाव के मद्देनजर इतनी तवज्जो नहीं दी गई लेकिन अब जिस तरह से वो एक बार फिर से दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए हैं। बड़े बहुमत से दिल्ली की आवाम ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी है ऐसे में उनको अब दिल्ली की जनता के लिए आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन, दिल्ली में जारी अराजकता के माहौल में उनका रवैया सवालों के घेरे में है। सीएए प्रदर्शन के नाम पर बवाल के बीच अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, 'दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में शांति एवं सौहार्द को लेकर काफी दुखद खबर आ रही है। मैं माननीय उपराज्यपाल और गृह मंत्री से कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक करने का निवेदन करता हूं, जिससे शांति और सौहार्द सुनिश्चित हो सके।' इसके बाद एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'पुलिस हेड कॉन्स्टेबल की मौत बेहद दुःखदायी है। वो भी हम सब में से एक थे। कृपया हिंसा त्याग दीजिए। इस से किसी का फ़ायदा नहीं। शांति से ही सभी समस्याओं का हल निकलेगा। केजरीवाल ने इन ट्वीट के जरिए शांति की अपील जरूर की है लेकिन अब समय आ गया है जब उन्हें खुद आगे बढ़कर स्थिति को संभालना होगा। इसकी वजह ये है कि दिल्ली ने उन्हें जनादेश दिया है और यहां की जनता इंतजार है कि वो आगे बढ़कर झुलस रही दिल्ली को संभालने की कोशिश करेंगे। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो ये उनकी बड़ी नाकामी मानी जाएगी।
शाहीन बाग खाली कराने को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस पर कदम उठाने की अपील की थी। वो खुद उस वक्त शाहीन बाग नहीं गए, हालांकि उनके इस कदम को चुनाव के मद्देनजर इतनी तवज्जो नहीं दी गई लेकिन अब जिस तरह से वो एक बार फिर से दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए हैं। बड़े बहुमत से दिल्ली की आवाम ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी है ऐसे में उनको अब दिल्ली की जनता के लिए आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन, दिल्ली में जारी अराजकता के माहौल में उनका रवैया सवालों के घेरे में है। सीएए प्रदर्शन के नाम पर बवाल के बीच अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, 'दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में शांति एवं सौहार्द को लेकर काफी दुखद खबर आ रही है। मैं माननीय उपराज्यपाल और गृह मंत्री से कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक करने का निवेदन करता हूं, जिससे शांति और सौहार्द सुनिश्चित हो सके।' इसके बाद एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'पुलिस हेड कॉन्स्टेबल की मौत बेहद दुःखदायी है। वो भी हम सब में से एक थे। कृपया हिंसा त्याग दीजिए। इस से किसी का फ़ायदा नहीं। शांति से ही सभी समस्याओं का हल निकलेगा। केजरीवाल ने इन ट्वीट के जरिए शांति की अपील जरूर की है लेकिन अब समय आ गया है जब उन्हें खुद आगे बढ़कर स्थिति को संभालना होगा। इसकी वजह ये है कि दिल्ली ने उन्हें जनादेश दिया है और यहां की जनता इंतजार है कि वो आगे बढ़कर झुलस रही दिल्ली को संभालने की कोशिश करेंगे। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो ये उनकी बड़ी नाकामी मानी जाएगी।
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