Friday, February 21, 2020

कोर्ट ने माना नागरिकता हासिल करने के लिए वोटर आईडी ही काफी

मुंबई में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मतदाता पहचान पत्र को नागरिक के लिए नागरिकता हासिल करने का प्रमाण पत्र मानते हुए मुंबई पुलिस द्वारा बांग्लादेश से घुसपैठ करने के आरोप में पकड़े गए दो लोगों को बरी कर दिया। कोर्ट ने इस मामले से दंपति को बरी करते हुए कहा, जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र और पासपोर्ट को मूल प्रमाण के तौर पर माना जा सकता है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मतदाता प्रमाण पत्र को भी नागरिकता का पर्याप्त प्रमाण कहा जा सकता है।  उन्होंने कहा मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए जन प्रतिनिधि अधिनियम के फार्म 6 के तहत किसी भी व्यक्ति को प्राधिकरण के समक्ष नागरिक के तौर पर घोषणा पत्र दाखिल करना होता है कि वह भारत का नागरिक है। यदि घोषणा गलत पाया जाता है तो अमुक शख्स सजा के लिए उत्तरदायी होता है। निर्णय में कहा गया कि “आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्रऔर राशन कार्ड को ध्यान में रखना उचित है, जो सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ हैं और इन्हें सार्वजनिक दस्तावेज़ कहा जा सकता है। वे साक्ष्य में स्वीकार्य हैं।”

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