पटना. एनआरसी (NRC) को बिहार में लागू नहीं करने और एनपीआर (NPR) के पुराने स्वरूप से जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित होने के बाद गुरुवार को फिर से एक नया प्रस्ताव विधानसभा में पारित हुआ. आज देश में जातीय जनगणना (Census) कराए जाने की मांग के तहत बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की बात हुई. एक के बाद एक नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई में सरकार के इस फैसले पर जहां विपक्ष गदगद है वही सहयोगी बीजेपी भड़की हुई है.
जातीय जनगणना के प्रस्ताव पर बीजेपी नीतीश पर भड़की: जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा में पारित होने के बाद बीजेपी में बिखराव दिखाई पड़ने लगा है. बिहार विधानसभा सदस्य और भाजपा नेता सच्चिदानंद राय ने भड़कते हुए इसे समाज को तोड़ने वाला बताया है. सच्चिदानंद राय ने बिना नाम लिए नीतीश कुमार का बिना नाम लिए हुए इशारों में हमला करते हुए कहा की ऐसे फैसलों से समाज में बिखराव होता है. संख्या बल रहने का यह मतलब नहीं कुछ भी प्रस्ताव पारित कराया जाए. सच्चिदानंद राय जाति जनगणना के प्रस्ताव पर यही नहीं रुके उन्होंने भटकते हुए कहा कि आज सदन में जिसकी लाठी उसकी भैंस की स्थिति है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के ही एमएलसी नवल किशोर यादव ने उसका स्वागत करते हुए कहा कि जातीय जनगणना अगर होती है इसमें कोई हर्ज नहीं सच्चाई सबके सामने आ जायेगी.
प्रस्ताव से विपक्ष गदगद: जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा में पारित होने पर जहां बीजेपी भड़की हुई है वहीं आरजेडी और कांग्रेस में इसका स्वागत किया है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि विपक्ष हमेशा से यह मांग उठाता रहा है कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए ताकि हकीकत सामने आ सके. जातीय संख्या को लेकर हर दिलों का अपना-अपना दावा रहा है. जातीय जनगणना हो जाने पर सारी दुविधा खत्म हो जाएगी कांग्रेस के साथ आरजेडी ने भी इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. आरजेडी नेता सुबोध राय ने कहा की आरजेडी की वर्षों पुरानी मांग रही है कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए और जिसकी जितनी संख्या हो उसे इतना हक मिलना चाहिए.
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