मोटर वीइकल बिल जल्द ही कानून की शक्ल लेने जा रहा है। इसके बाद रोड रूल्स तोड़ने पर 10 गुना तक जुर्माना भरना पड़ेगा। सड़क दुर्घटना में कमी लाने के मकसद से तैयार किया गया मोटर वीइकल बिल बुधवार को राज्यसभासे पास हो गया। राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद सड़क पर मनमानी करना बहुत भारी पड़ेगा। बिल में प्रावधान है कि खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने, हेल्मेट नहीं पहनने, रेड लाइट जंप करने, शराब पीकर गाड़ी चलाने, सीट बेल्ट न लगाने आदि पर पहले से कई गुना जुर्माना भरना पड़ेगा। वैसे, इसके प्रावधानों को लागू करना राज्य सरकारों पर निर्भर है। हादसे में घायल को घंटेभर में कैशलेस इलाज मुहैया कराने के लिए फंड बनेगा। हिट ऐंड रन में मौत होने पर घरवालों को दो लाख रुपये देने का इंतजाम है। पहले यह राशि 25 हजार रुपये थी। अगर किसी गाड़ी से पर्यावरण को नुकसान होता है तो सरकार उस वाहन को वापस ले सकती है।
नए कानून की तीन बड़ी खासियतें नए कानून की पहली खासियत यह होगी कि इसमें आम नागरिकों के मुकाबले अधिकारियों की गलती पर दोगुना जुर्माना लगाने का प्रावधान है। बिल में स्पष्ट कहा गया है कि अगर कानून लागू करने वाले अधिकारी नियमों का उल्लंघन करते पकड़े गए तो उन्हें दोगुना जुर्माना देना होगा। मतलब साफ है कि अगर ट्रैफिक पुलिस ने हेल्मेट नहीं पहनी हो तो उनसे 2,000 रुपये बतौर जुर्माना वसूला जाएगा जो आम नागरिक के लिए 1,000 रुपये ही है। इस कानून की दूसरी बड़ी खासियत होगी कि जुर्माने की राशि हर वर्ष खुद-ब-खुद 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी। यानी, इस वर्ष हेल्मेट नहीं पहनने पर 1,000 रुपये जुर्माना लिया जाएगा तो अगले वर्ष से यह रकम बढ़कर 1,100 रुपये और उसके अगले वर्ष 1,210 रुपये हो जाएगी। तीसरी खासियत यह है कि पहले नाबालिगों के ड्राइविंग के दौरान हुए हादसों को लेकर कोई कानून नहीं था। अब बच्चे के अभिभावक/वाहन मालिक को दोषी माना जाएगा। उन्हें 25 हजार रुपये जुर्माना और तीन साल की जेल होगी। साथ ही, वाहन का रजिस्ट्रेशन एक वर्ष तक रद्द हो जाएगा। नाबालिग को 25 वर्ष की उम्र पूरा होने से पहले ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।
बड़ी बातें
➤ पहले सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 100 रुपये फाइन लगता था, अब 1,000 रुपये लगेगा।
➤ हेल्मेट नहीं पहनने पर पहले 100 रुपये जुर्माना लगता था, अब 1,000 रुपये जुर्माने के साथ तीन महीने तक लाइसेंस रखने के अयोग्य घोषित किया जाएगा।
➤ आपातकालीन सेवा में लगी वाहनों को रास्ता नहीं देने को लेकर पहले कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन अब 10,000 रुपये जुर्माना या 6 महीने तक जेल की सजा या फिर दोनों हो सकता है।
➤ लाइसेंस के बिना ड्राइविंग करने पर 500 रुपये जुर्माना या तीन महीने तक जेल या फिर दोनों का प्रावधान है। अब 5,000 रुपये जुर्माना या तीन महीने तक की जेल या फिर दोनों हो सकता है। दोबारा पकड़े गए तो 10 हजार रुपये जुर्माना या 1 वर्ष तक की जेल या फिर दोनों हो सकते हैं।
➤ अयोग्य होने के बावजूद गाड़ी चलाने पर पहले 500 रुपये जुर्माना या 3 महीने तक जेल की सजा या दोनों का प्रावधान है। अब 5,000 रुपये जुर्मना या तीन महीने तक जेल या फिर दोनों होगा।
➤ बहुत तेज चलाना या सड़क पर रेसिंग पर 500 रुपये जुर्माना या 3 महीने तक जेल या दोनों हो सकता है।
अब पहली बार में 5 हजार रुपये जुर्माना या तीन महीने तक जेल या दोनों, लेकिन दूसरी बार पकड़े गए तो 10 हजार रुपये जुर्मना या 1 साल तक की जेल या दोनों हो सकते हैं।
➤ ओवरलोडिंग- 2 हजार रुपये और 1,000 रुपये अतिरिक्त प्रति टन की दर से जुर्माने का प्रावधान है। अब 20 हजार रुपये और 2 हजार रुपये प्रति टन की दर से जुर्माना।
फिर से लोकसभा में जाएगा बिल
हालांकि, छपाई में कुछ गलतियां रह जाने से उन्हें ठीक करने को तीन संशोधन लाए गए। इसलिए, अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा। हालांकि राज्यसभा में दोबारा रखने की जरूरत नहीं होगी। आरटीआई और तीन तलाक बिल के बाद इस बिल का पास होना मोदी सरकार के लिए बड़ी कामयाबी है। संसद के उच्च सदन, राज्यसभा में सरकार का प्रबंधन फिर कामयाब रहा। बिल के पक्ष में 108, विपक्ष में महज 13 वोट पड़े। विधेयक पर विपक्ष के संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज हो गए।