Wednesday, July 10, 2019

क्या है बाटला हाउस मुठभेड़ की सच्ची कहानी

mtmediadelhi.blogspot.com : बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम की अपकमिंग फिल्म बाटला हाउस का ट्रेलर रिलीज हो गया है. फिल्म बाटला हाउस के ट्रेलर रिलीज होने के साथ ही सभी लोगों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ गई है कि आखिरकार 19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर में जाकिर नगर स्थित बाटला हाउस में ऐसा क्या हुआ था, जिसकी वजह से यह एनकाउंटर इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ. इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं कि बाटला हाउस एनकांउटर की असली कहानी क्या थी.  कैसे इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की मौत हुई.  दरअसल इस 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में पांच सिलसिलेवार बम धमाकों हुए जिनमें 26 लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे. इन बम धमकों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी. पुलिस सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपियों को पकड़ने के लिए एक अभियान की शुरू हो किया था. जिसे आगे चलकर ऑपरेशन बाटला हाउस के नाम से जाना गया.
उस समय दिल्ली बम धमाकों से पहले भारत में गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में बम धमाके 26 जुलाई को बम धमाके हुए. ऐसे में देश के कई राज्यों की पुलिस ने इन तमामों धमाकों के आरोपियों की तलाश में जुट गईं. दिल्ली पुलिस को इस पूर मामले दो कड़ी ऐसी मिली जिसके बदौलत वह बाटला हाउस तक पहुंचे थे. इनमें पहली कड़ी यह थी कि मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच को एक संगठित अपराध से जुड़े व्यक्ति अफजल उस्मानी को गिरफ्तार किया, जिसने गुजरात हमलों में इस्तेमाल की गई चोरी की कारों को उपलब्ध कराया था. जांच में उसने पुलिस को पता लगा कि उस्मानी शीर्ष कमांडर बशीर के रूप में एक व्यक्ति को जानता था, जिसेक आगे के दो दांत नहीं थे.


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