Tuesday, July 16, 2019

मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए टोल फ्री नंबर 1800-3133-60000 लांच

mtmediadelhi.blogspot.com : यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की ओर से सोमवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में भीड़ द्वारा हिंसा और नफ़रती हमलों को रकने के लिए एक टोल फ्री नंबर 1800-3133-60000 लांच किया गया. इस लॉन्चिंग कार्यक्रम में देश के जाने माने वकीलसामाजिक कार्यकर्ताप्रोफेसर्स और वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी बात रखी. सभी ने इस टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा को सराहा. इस हेल्पलाइन सेवा का परिचय कराते हुए यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के कन्वीनर नदीम ख़ान ने कहा कि “भीड़ के हमलोंलिंचिंग और नफ़रती  हमलों को देखते हुए हम एक टोलफ्री हेल्पलाइन शुरू कर रहे हैं. ये हेल्पलाइन पीड़ितों का पक्ष जानने और उन्हें अदालतों में न्याय दिलाने के लिए शुरू की जा रही है.”
हेल्पलाइन सेंटर का उद्देश्यभीड़ की हिंसा के शिकार लोगों को त्वरित न्याय दिलाने में मदद करना,मीडिया के द्वारा सही रिपोर्टिंगडॉक्यूमेंटेशन और न्यायिक मदद की कोशिश करना और इस तरह के हमलों की घटनाओं का दस्तावेज़ तैयार कर उस पर चरणबद्ध आंदोलन की कोशिश करना है."राज्य और केंद्र सरकारों ने ऐसी घटनाओं पर केवल बयानबाजी ही की है।  सरकार के तमाम दावों के बावजूद भी घटनाएं रुक नही रही हैं. फादर माइकल विल्लिएम, फाउंडर अध्यक्षमाइनॉरिटी क्रिस्चियन फोरम ने कहा कि यह एक अच्छी कोशिश है. ईसाईयों को भी निशाना बनाया गया और देश भर में कई घटनाएं हुईं हैं. इस संविधान को बचाने के लिए सबको आगे आना होगा. प्रेम भाईचारे का माहौल बना कर भारत को आगे बढ़ाना है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरअपूर्वानंद ने कहा हिन्दुस्तान की हकीकत यह है कि हर रोज़ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. संसद और मीडिया इस पर बात करे. मुसलमानईसाई और दलितों पर लगातार हिंसा हो रही है.

प्रोफेसर रतनलाल ने कहा कि रोहित वेमुला से लेकर अब तक घटनाओं में कमी नही आ रही है. लगातार लोगों पर हमले हो रहे हैं. इस पर जल्द ही रोक लगनी चाहिए. डॉक्टर कफ़ील ने कहा कि धर्म के नाम पर लोगों का मारा जाना बहुत निंदनीय है. हमें देश में नफ़रत के विचार से लड़ना होगा. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि मैं एक भारतीय होने के नाते यह समझता हूँ कि देश मे न्याय को सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है. रवि नायरने कहा कि देश मे नफ़रत और हिंसा को खत्म करने के लिए सरकारें नाकाम रही हैं.

मौलाना हकीमुद्दीन साहेब जमीयत उलेमा हिन्द, ने कहा कि ज़ुल्म के ख़िलाफ़ मज़लूमों के लिए खड़े हुए हैं. ज़ालिम की मदद इस तरह करना है कि उसे ज़ुल्म करने से रोका जाए. हमें न मायूस होना है और न लोगों को मायूस होने देना है. हम सब मिलकर देश को शिक्षितजवाबदेह और बेहतर हिंदुस्तान बनाएंगे. वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि हिंसा चाहे जिसके साथ भी हो उसे रोकने के लिए सामुहिक प्रयास करने की ज़रूरत है। सबको साथ मिलकर न्याय और शान्ति सुनिश्चित करनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एहतेशाम हाश्मी ने कहा कि हेल्पलाइन की ज़रूरत सबसे ज़्यादा ग्रामीण व सुदूर इलाकों में है. न्याय को सुनिश्चित कराने के लिए हम लोग हमेशा तैयार रहेंगे. राष्ट्रीय सचिवजमाअत इस्लामी हिन्द मलिक मोहतसिम खान ने कहा कि मोब लिनचिंग और नफरती हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी चिंता का विषय है. हमें समाज की इस स्थिति को बदलने के लिए मिल जुलकर काम करना होगा. जान और माल की हिफाज़त की ज़िम्मेदारी सरकार की है. सरकार को इस सिलसिले में ठोस क़दम उठाना होगा.

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता फ़ुजैल अय्यूबी ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने इस पर जो दिशा निर्देश जारी किया है वो बहुत ही महत्वपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन को अब तक लागू नही किया जाना अफसोसजनक है. मौलाना अब्दुर राज़िक साहेब ने कहा कि प्रधानमंत्री का केवल इस मुद्दे पर बयान दे देना काफी नही है बल्कि इसकी रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है. जेएनयू की प्रोफेसर ग़ज़ाला जमील ने कहा कि मायूसी और खौफ के इस माहौल में न्याय सुनिश्चित करने की यह कोशिश सराहनीय है. कार्यक्रम के अंत में टोल फ्री नंबर 1800-3133-60000 को जारी किया गया.

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