आओ लोगो तुमको सुनाऊ अपने शहर की हालत
सुन कर तुम इस के रखवालो पर भेजोगे लानत!
लूटें, मारे गुंडे सब को, करें हैं सीना ज़ोरी
वरदी वालो की निगरानी में होती है चोरी!
आऐं हैं नेता जितने यहाँ पर सब ने किया है वादा
राशन डीलर वाले अब बाटेंगे गल्ला ज़्यादा!
लेकिन ज़्यादा छोड़ो साहिब आधा मिल नही पाया
भूके बच्चो और बेवाओं का भी हक है खाया!
बिजली यहाँ पे हर मौसम में इतनी अच्छी आऐ
जैसे कोई नई दुल्हनिया घूंघट में शरमाऐ!
बिजली चाहें पूरा सीज़न आऐ कि फिर तड़पाऐ
बिजली का बिल जितना आता है उतना ही आऐ!
सड़को और गलियों में पानी ऐसे यहाँ है भरता
जैसे हर एक घर के आगे बेहता हो कोई दरया!
पानी भरने की दिक्कत हल कोई नही कर पाया
जितना पैसा आया इस पर सब ने मिल कर खाया!
सड़को की हालत है ऐसी बस तुम कुछ मत पूछो
गाड़ी में भी लगे है जैसे घोड़े पर बेठे हो!
सरकारी टन्की का पानी साफ इतना है आऐ
कभी हो रेता, कभी हो कीड़े, कभी तो कीचड़ आऐ!
नेता बाबू इतनी कृपा बस तुम हम पर करदो
अपनी जेबे ऐसे बस तुम भरना बंद अब करदो!
अब तो उठ जाओ रे लोगो कब तक तुम सोओगे
अब तो मांगो अपने हक़ को कब तक ये खोओगे!
होश अभी भी गर नही आया तो होगा ये मन्ज़र
गर्दन होगी हम सब की गैरो के होंगे खंजर!
जनता यहाँ की इतनी प्यारी. सीधी, भोली, भाली
बैचें वोटो को अपने, फिर उम्मी-ए-खुशहाली!
चुने जो नेता उसे चुने हम उसी का लब पे हो नारा
सभी का जीते दिल कामो से बने जो सब का प्यारा!
(मेहरबान अमरोहवी )
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